छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले में बड़ा एक्शन! सौम्या चौरसिया की 8 करोड़ की संपत्ति कुर्क

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाले में पहली बार ईओडब्ल्यू ने बड़ी कार्रवाई की है। पूर्व सीएम की उपसचिव रही सौम्या चौरसिया की करोड़ों की संपत्ति पर अदालत ने ताला जड़ दिया है।

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Harrison Masih
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Soumya Chaurasia property seized:छत्तीसगढ़ में एसीबी-ईओडब्ल्यू (ACB-EOW) ने कोयला घोटाले से जुड़े बड़े मामले में एक ऐतिहासिक कार्रवाई की है। राज्य सेवा की निलंबित अफसर और पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव रही सौम्या चौरसिया की करीब 8 करोड़ रूपए की 16 अचल संपत्तियों को कुर्क कर लिया गया है। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और दण्ड विधि संशोधन अध्यादेश 1944 के प्रावधानों के तहत की गई है।

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पहली बड़ी कार्रवाई

छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी पहल करते हुए राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) रायपुर ने पहली बार संपत्ति की कुर्की की कार्रवाई की है। यह कार्रवाई कोयला घोटाले से जुड़े मामले में की गई, जिसमें निलंबित अफसर सौम्या चौरसिया की करोड़ों की संपत्तियों को जब्त किया गया। माना जा रहा है कि यह कदम शासन के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण कड़ी है और आने वाले समय में अन्य मामलों में भी इसी तरह की सख्त कार्रवाई देखने को मिल सकती है।

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करोड़ों की संपत्ति का खुलासा

जांच में सामने आया कि सौम्या चौरसिया (Saumya Charasia) ने अपने करीबी रिश्तेदारों – सौरभ मोदी, अनुराग चौरसिया और अन्य के नाम पर करीब 47 करोड़ रूपए की 45 अचल संपत्तियां खरीदी थीं। इन संपत्तियों की खरीद को कोयला लेवी और अन्य भ्रष्टाचार से अर्जित अवैध आय से जोड़ा गया है।

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ईडी और अब एसीबी-ईओडब्ल्यू की कार्रवाई

इनमें से 39 करोड़ रूपए की 29 संपत्तियों को पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कुर्क कर दिया था। अब शेष बची हुई 8 करोड़ की 16 संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश रायपुर विशेष न्यायालय ने 22 सितंबर 2025 को जारी किया। यह आदेश ईओडब्ल्यू द्वारा 16 जून 2025 को विशेष न्यायालय में दाखिल किए गए आवेदन के आधार पर दिया गया।

छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला क्या है?

 1.कोयला लेवी से जुड़ा घोटाला

इस घोटाले में कोयला परिवहन और खनन के दौरान अवैध वसूली (लेवी) की जाती थी, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ और अधिकारियों तथा कारोबारियों ने करोड़ों की अवैध कमाई की।

2. अधिकारियों और कारोबारियों की मिलीभगत

इस घोटाले में कई वरिष्ठ अफसरों और कारोबारियों की संलिप्तता सामने आई। आरोप है कि उन्होंने मिलकर एक सिंडिकेट बनाया और करोड़ों रुपए की अवैध वसूली की।

3. सौम्या चौरसिया का नाम

पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव रह चुकीं सौम्या चौरसिया का नाम इस घोटाले में प्रमुख रूप से आया। उन पर आरोप है कि उन्होंने रिश्वत और अवैध वसूली से करोड़ों की संपत्ति अर्जित की।

4. ED और EOW की जांच

प्रवर्तन निदेशालय (ED) और राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) दोनों ने इस घोटाले की जांच की। जांच के दौरान कई संपत्तियों को कुर्क किया गया और करोड़ों की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ।

5. हजारों करोड़ का मामला

जांच एजेंसियों के अनुसार, यह घोटाला हजारों करोड़ रुपए तक फैला हुआ है। इसमें नकदी, अचल संपत्ति और कारोबार के जरिए काले धन को सफेद करने की साजिश भी शामिल है।

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भविष्य में और सख्त कार्रवाई की तैयारी

अधिकारियों का कहना है कि यह केवल शुरुआत है। आने वाले समय में अन्य लोकसेवकों के खिलाफ भी अनुपातहीन संपत्ति और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी। यह कदम प्रदेश में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की दिशा में एक बड़ा संकेत है। छत्तीसगढ़ में इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मील का पत्थर माना जा रहा है, क्योंकि इससे साफ संदेश गया है कि सत्ता और पद का दुरुपयोग कर अवैध संपत्ति अर्जित करने वालों को अब कानून से बचना मुश्किल होगा।

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