कबीरधाम पुलिस का कमाल : नक्सलियों के साथ मिलकर किया ऐसा काम कि डिप्टी सीएम भी बधाई देने को हुए मजबूर

एक तरफ छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले की समस्या जोरों पर है तो दूसरी तरफ नक्सल प्रभावित इलाकों में बदलाव की बयार भी बह रही है। कभी नक्सली रहे दिवाकर की यह कहानी बताती है कि कोशिश से ठीक तरीके से की जाए तो वह जरुर सफल होती हैं

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Aparajita Priyadarshini
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छत्तीसगढ़ से नक्सलियों से जुड़ी एक अच्छी खबर सामने आई है। छत्तीसगढ़ सरकार की नीति से प्रभावित होकर राज्य के नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं और समाज में अपनी एक अलग पहचान बना रहे हैं। ऐसी ही एक घटना कबीरधाम जिले कि है, जहां पूर्व नक्सली दिवाकर ने 10वीं की परीक्षा पासकर सफलता हासिल की है। छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने शनिवार को दिवाकर से वीडियो कॉल पर बात की और उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं दी है।दिवाकर ने16 साल की उम्र में हथियार उठा लिए थे।

छत्तीसगढ़ सरकार सहयोग के लिए है हमेशा तैयार

छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की नीति से प्रभावित होकर राज्य के नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं और समाज में अलग पहचान बना रहे हैं। डिप्टी सीएम ने इस बात के लिए प्रसन्नता व्यक्त की है कि कबीरधाम पुलिस की पहल और मदद से जिले के नक्सल प्रभावित गांवों के 105 छात्रों ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा पास कर ली है। शर्मा ने सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कबीरधाम पुलिस की सराहना की है। उन्होंने आगे कहा सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से भी नक्सली प्रभावित होकर बंदूक छोड़ रहे हैं और मुख्य धारा में शामिल हो रहे हैं। जो भी भाई-बहन रास्ता भटककर नक्सली गतिविधियों से जुड़े हैं, वे लिवरु उर्फ दिवाकर से प्रेरणा लें। हमारी सरकार और हमारी पुलिस हर तरह से सहयोग करने को तैयार है।

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कबीरधाम पुलिस विभाग की कड़ी मेहनत रंग लाई

कबीरधाम पुलिस ने जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र और अति नक्सल प्रभावित गांवों के बच्चों को शिक्षित करने और उनकी पढ़ाई लिखाई जारी रखने के लिए  200 से अधिक बच्चों को कक्षा 10वीं व 12वीं का ओपन परीक्षा का फॉर्म भरावाया था। पुलिस विभाग की कड़ी मेहनत और लगन से आज 105 विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए हैं। ये सभी विद्यार्थी नक्सल प्रभावित क्षेत्र के चिल्फी, तरेगाव, रेंगाखार झलमला, बोड़ला के सुदूर वनांचल गांव के हैं।



दिवाकर ने महज 16 साल की उम्र में हथियार उठा लिया

दिवाकर ने16 साल की उम्र में हथियार उठा लिया था। नक्सली के रूप में 17 वर्षों तक जंगल-जंगल भटकने के बाद अपनी पत्नी के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। उनकी पत्नी पर 8 लाख रुपये का इनाम था। सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आज वे समाज की मुख्यधारा से जुड़कर काम कर रहे हैं। कबीरधाम पुलिस की पहल और मदद से जिले के नक्सल प्रभावित गांवों के 105 छात्रों ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा पास कर ली है। शर्मा ने सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

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