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छत्तीसगढ़ में मानसून अब धीरे-धीरे अपनी रफ्तार पकड़ता नजर आ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार आज से प्रदेश में बारिश की गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है। इसी के चलते 16 जिलों में येलो अलर्ट और 4 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में 50 से 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने, बिजली गिरने, और तेज बारिश की बौछारें पड़ने की आशंका जताई गई है।
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बस्तर में फंसा मानसून, दो दिन में आगे बढ़ने के आसार
पिछले कुछ दिनों से बस्तर में अटका हुआ मानसून अब दो दिनों में आगे बढ़ सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, फेवरेबल कंडीशन्स बन रहे हैं, जिससे 16 या 17 जून तक मानसून के रायपुर तक पहुंचने की उम्मीद है। अभी जो बारिश हो रही है, वह लोकल वेदर सिस्टम की वजह से हो रही है।
रायपुर में झमाझम बारिश, कई इलाकों में जलभराव
मंगलवार शाम को रायपुर में तेज बारिश हुई, जिससे विधानसभा और अन्य क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन गई। अवंति विहार में तेज तूफान में टीन का शेड उड़कर ट्रांसफॉर्मर पर अटक गया, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित रही।
अब तक जून में बारिश की स्थिति कमजोर
जून में अब तक छत्तीसगढ़ के 33 में से 27 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। यानी लगभग 82% जिलों में बारिश की कमी दर्ज की गई है। राज्य में औसतन 51% वर्षा की कमी रही है। मौसम विभाग के अनुसार, यह स्थिति सामान्य है क्योंकि जून की शुरुआत में अक्सर 10-12 दिन गर्म और सूखे रहते हैं, और बाद में मानसून सक्रिय होता है।
खरीफ फसलों पर मंडरा रहा खतरा
यदि यही स्थिति बनी रही, तो खरीफ फसलों की बुआई और उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। किसानों को अब मानसून की सक्रियता का इंतजार है।
तापमान में मामूली राहत, लेकिन चिंता बरकरार
हालांकि इस साल जून का तापमान पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम रहा है।
2024 में अधिकतम तापमान: 45.7°C (1 जून)
2025 में अब तक अधिकतम तापमान: 42–43°C
न्यूनतम तापमान: 23.5°C (19 जून)
पिछले साल की तुलना में स्थिति कुछ बेहतर मानी जा रही है।
मई में हुई थी रिकॉर्डतोड़ बारिश
मई में मानसून के जल्दी सक्रिय होने के कारण 374% अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई थी। 22 से 28 मई के बीच 53.51 मिमी औसत वर्षा दर्ज हुई थी। लेकिन जून में मानसून की रफ्तार थम गई है, जिससे अब तक अधिकतर क्षेत्र सूखे की चपेट में हैं।
मानसून की अवधि लंबी हो सकती है
इस साल केरल में मानसून सामान्य से 8 दिन पहले, यानी 24 मई को पहुंच गया था। अगर इसी तरह समय पर विदाई होती है (15 अक्टूबर), तो इस बार मानसून की कुल अवधि 145 दिन रह सकती है। अगर बीच में कोई बड़ा ब्रेक नहीं आता, तो जल्दी आने वाला मानसून खेती और जल स्तर के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
बिजली और तूफान के दौरान रखें ये सावधानियां
गड़गड़ाहट सुनते ही पक्के घर या आश्रय में शरण लें
पेड़ों या बिजली के खंभों के नीचे खड़े न हों
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करें
यदि खुले में हैं तो उखड़ू बैठ जाएं, लेटें नहीं
आसमान से राहत की उम्मीद, ज़मीन पर चिंता बरकरार
छत्तीसगढ़ में मानसून धीरे-धीरे दस्तक दे रहा है, लेकिन अब तक बारिश की जो स्थिति रही है, वह चिंता बढ़ाने वाली है। उम्मीद है कि अगले दो से तीन दिनों में मानसून तेजी से सक्रिय होगा और किसानों से लेकर आम जन तक सभी को राहत देगा।
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