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CG Weather Update: उत्तर भारत से आ रही ठंडी हवाओं के कारण छत्तीसगढ़ में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। प्रदेश के कई जिलों में शीतलहर का असर साफ तौर पर देखा जा रहा है। दुर्ग में रात का तापमान गिरकर 9.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जिससे लोगों को ठिठुरन का सामना करना पड़ रहा है।
अंबिकापुर, पेंड्रा और रायगढ़ जैसे इलाकों में भी सुबह और शाम के समय ठंड तेज हो गई है। हालात ऐसे हैं कि लोग अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा लेने को मजबूर हैं।
जगदलपुर–चित्रकोट मार्ग पर घना कोहरा
शुक्रवार सुबह तक जगदलपुर–चित्रकोट मार्ग पर घना कोहरा छाया रहा। दृश्यता बेहद कम होने के कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कोहरे के चलते कई जगहों पर वाहनों की रफ्तार धीमी रही और दुर्घटना की आशंका बनी रही।
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अगले दो दिन और बढ़ेगी ठंड, मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में न्यूनतम तापमान में 1 से 2 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट की संभावना जताई है। विभाग के अनुसार प्रदेश के कुछ हिस्सों में शीतलहर और घने कोहरे का असर और तेज हो सकता है।
हालांकि, मौसम विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि फिलहाल मौसम में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना नहीं है।
बीते 24 घंटे का तापमान रिकॉर्ड
पिछले 24 घंटों में प्रदेश में तापमान के आंकड़े इस प्रकार रहे—
- अधिकतम तापमान: 31.2°C (दुर्ग)
- न्यूनतम तापमान: 5.7°C (अंबिकापुर)
सरगुजा संभाग के मैनपाट, पेंड्रा और पाट क्षेत्रों में ओस की बूंदें जमकर बर्फ में तब्दील होती देखी गईं। मैदानी इलाकों में भी पाले पड़ने की घटनाएं सामने आई हैं।
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बच्चों की सेहत पर पड़ रहा ठंड का गंभीर असर
कड़ाके की ठंड का सबसे ज्यादा असर बच्चों की सेहत पर देखने को मिल रहा है। बीते एक महीने में रायपुर के अंबेडकर अस्पताल समेत निजी अस्पतालों में हाइपोथर्मिया के 400 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों का शरीर वयस्कों की तुलना में जल्दी ठंडा हो जाता है। नवजात शिशुओं की मांसपेशियां पूरी तरह विकसित नहीं होतीं, जिससे वे ठंड सहन नहीं कर पाते।
सीजेरियन से जन्मे शिशुओं में ज्यादा खतरा
डॉक्टरों का कहना है कि सीजेरियन डिलीवरी से जन्मे शिशुओं में हाइपोथर्मिया का खतरा अधिक रहता है। अगर समय रहते सावधानी नहीं बरती जाए, तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
NICU और SNCU तक पहुंच रहे मामले
पर्याप्त देखभाल न होने पर कई नवजातों को NICU (नियोनेटल आईसीयू) और SNCU में भर्ती कर इलाज करना पड़ रहा है। हाइपोथर्मिया के प्रमुख लक्षणों में शरीर का अचानक ठंडा पड़ जाना और तापमान का सामान्य से नीचे चला जाना शामिल है।
OPD में बढ़ी मरीजों की भीड़
ठंड के कारण अस्पतालों की ओपीडी में भी मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में मेडिसिन, पीडियाट्रिक और चेस्ट विभाग में 600 से अधिक मरीज सामने आए हैं।
रोजाना 2000 से ज्यादा मरीजों का इलाज ओपीडी में किया जा रहा है, जिनमें वायरल फीवर, सर्दी-खांसी और सांस संबंधी बीमारियां प्रमुख हैं।
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