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CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में ठंड ने अपने तेवर और तीखे कर लिए हैं। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में सरगुजा संभाग के कई जिलों और बिलासपुर संभाग के कुछ हिस्सों में घना कोहरा छाने की प्रबल संभावना है।
वहीं, अगले तीन दिनों में प्रदेश के न्यूनतम तापमान में 1 से 3 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट दर्ज की जा सकती है। इसके बाद तापमान में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं जताई गई है।
10 डिग्री से नीचे पहुंचा कई शहरों का पारा
| स्थान | न्यूनतम तापमान (°C) | स्थिति |
| अंबिकापुर | 5.6°C | प्रदेश में सबसे ठंडा |
| मैनपाट | 4.0°C | ओस जमकर बर्फ बनी |
| पेंड्रा | 7.0°C | कड़ाके की ठंड |
| दुर्ग | 9.0°C | शीतलहर का असर |
| रायपुर | 9.8°C | ठिठुरन बढ़ी |
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रायपुर में 9.8 डिग्री सेल्सियस
पिछले 24 घंटे में प्रदेश का सबसे अधिकतम तापमान दुर्ग में 29.4 डिग्री और सबसे कम न्यूनतम तापमान अंबिकापुर में 5.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इससे साफ है कि उत्तर छत्तीसगढ़ में ठंड का असर सबसे ज्यादा बना हुआ है।
मैनपाट और पेंड्रा में पाला
सरगुजा जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मैनपाट में रविवार सुबह ओस जमकर बर्फ में तब्दील हो गई। पाट क्षेत्र से लेकर आसपास के मैदानी इलाकों में भी पाले की मोटी परत देखने को मिली।
इसी तरह पेंड्रा इलाके में भी ओस की बूंदें जमकर बर्फ बनी, जिससे सुबह के समय पूरा इलाका शीतलहर की चपेट में नजर आया।
दुर्ग संभाग में शीतलहर का असर
मौसम विभाग ने बताया कि दुर्ग संभाग में एक-दो स्थानों पर शीतलहर का प्रभाव दर्ज किया गया है। ठंडी हवाओं और कम तापमान के कारण ठिठुरन और बढ़ गई है।
कोहरे से बिगड़ी विजिबिलिटी, हाईवे पर खतरा
सुबह और देर रात घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। सरगुजा में सुबह 9 बजे तक घना कोहरा छाया रहा। पेंड्रा में विजिबिलिटी घटकर 30 मीटर।
प्रतापपुर इलाके में विजिबिलिटी सिर्फ 20 मीटर तक रह गई। रायगढ़ के पुसौर ब्लॉक, छाल और सूरजगढ़ क्षेत्र में भी सुबह तक कोहरा छाया रहा।
कोहरे के कारण हाईवे और ग्रामीण सड़कों पर हादसों का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने वाहन चालकों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
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अमरकंटक में बर्फ की चादर
छत्तीसगढ़ से सटे अमरकंटक में रामघाट, माई की बगिया और श्रीयंत्र मंदिर सहित कई इलाकों में सुबह बर्फ की चादर बिछी नजर आई। पर्यटकों के लिए यह नजारा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
हाइपोथर्मिया के 400 से ज्यादा मामले
कड़ाके की ठंड का असर बच्चों की सेहत पर गंभीर रूप से पड़ रहा है। बीते एक महीने में रायपुर के अंबेडकर अस्पताल समेत निजी अस्पतालों में हाइपोथर्मिया के 400 से अधिक मामले सामने आए हैं।
बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार:
- बच्चों का शरीर वयस्कों की तुलना में जल्दी ठंडा हो जाता है
- नवजात शिशुओं की मांसपेशियां कम विकसित होती हैं
- सीजेरियन डिलीवरी से जन्मे शिशुओं में हाइपोथर्मिया का खतरा अधिक रहता है
डॉक्टरों का कहना है कि पर्याप्त सावधानी नहीं बरतने पर कई बच्चों को NICU और SNCU में भर्ती कर इलाज करना पड़ रहा है। अचानक शरीर का तापमान गिरना हाइपोथर्मिया का प्रमुख लक्षण है।
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