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CG Weather Update:छत्तीसगढ़ में ठंड का असर अब और तेज होता जा रहा है। प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में कड़ाके की ठंड के साथ-साथ घने कोहरे ने जनजीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए सरगुजा और बिलासपुर संभाग के कई इलाकों में घने कोहरे की चेतावनी जारी की है। इन क्षेत्रों में विजिबिलिटी बेहद कम रहने की संभावना है, जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हो सकता है।
वहीं दुर्ग जिले के कुछ हिस्सों में शीतलहर (Cold Wave) चलने का अलर्ट जारी किया गया है। लोगों को सुबह और रात के समय विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
अंबिकापुर सबसे ठंडा, राजनांदगांव सबसे गर्म
बीते 24 घंटों के तापमान पर नजर डालें तो सरगुजा संभाग का अंबिकापुर प्रदेश का सबसे ठंडा शहर रहा, जहां न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं राजनांदगांव सबसे गर्म रहा, जहां अधिकतम तापमान 28.0 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
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अगले 24 घंटे का मौसम अनुमान
मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में सरगुजा संभाग के कई जिलों और बिलासपुर संभाग के एक-दो स्थानों पर घना कोहरा छाया रहेगा।
अगले 2 दिनों में उत्तरी छत्तीसगढ़ के न्यूनतम तापमान में 1 से 2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन इसके बाद फिर से तापमान गिरने के आसार हैं।
मध्य और दक्षिण छत्तीसगढ़ में अगले 3 दिनों तक तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा, इसके बाद पारा 1 से 2 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ सकता है। राजधानी रायपुर में 23 दिसंबर की सुबह धुंध छाए रहने की संभावना जताई गई है।
मैनपाट और पेंड्रा में जमी बर्फ, पाले का असर
सरगुजा के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मैनपाट में रविवार सुबह ओस की बूंदें जमकर बर्फ में तब्दील हो गईं। पाट इलाके से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक जमकर पाला पड़ा, जिससे फसलों को नुकसान की आशंका है।
इसी तरह पेंड्रा इलाके में भी ओस जमकर बर्फ बन गई। यहां सुबह के समय कड़ाके की ठंड के बावजूद लोग मॉर्निंग वॉक करते नजर आए, लेकिन कोहरे के कारण विजिबिलिटी 30 मीटर तक सिमट गई।
प्रदेश के कई इलाकों में घना कोहरा
- सरगुजा संभाग में सुबह 9 बजे तक घना कोहरा छाया रहा।
- प्रतापपुर में विजिबिलिटी घटकर 20 मीटर रह गई।
- रायगढ़ के पुसौर ब्लॉक और छाल इलाके के बोजिया रोड में सुबह 8 बजे तक घना कोहरा देखा गया।
- अमरकंटक में रामघाट, माई की बगिया और श्रीयंत्र मंदिर सहित कई इलाकों में बर्फ की चादर बिछी नजर आई।
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हाइपोथर्मिया के 400 से अधिक मामले
कड़ाके की ठंड का सबसे ज्यादा असर बच्चों की सेहत पर पड़ रहा है। बीते एक महीने में रायपुर के अंबेडकर अस्पताल समेत निजी अस्पतालों में हाइपोथर्मिया के 400 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञों के मुताबिक, बच्चों का शरीर वयस्कों की तुलना में जल्दी ठंडा हो जाता है। नवजात शिशुओं की मांसपेशियां पूरी तरह विकसित नहीं होतीं, जिससे वे ठंड सहन नहीं कर पाते।
सीजेरियन डिलीवरी से जन्मे बच्चों में हाइपोथर्मिया का खतरा अधिक रहता है।
NICU और SNCU तक पहुंच रहे मामले
डॉक्टरों का कहना है कि यदि समय रहते सावधानी न बरती जाए तो बच्चों को NICU (नवजात गहन चिकित्सा इकाई) और SNCU (विशेष नवजात देखभाल इकाई) में भर्ती करना पड़ रहा है।
हाइपोथर्मिया के प्रमुख लक्षणों में शरीर का तापमान सामान्य से कम होना,हाथ-पैर ठंडे पड़ जाना, सुस्ती और दूध न पीना शामिल है। डॉक्टरों ने अभिभावकों से बच्चों को गर्म कपड़ों में रखने, ठंडी हवा से बचाने और तुरंत लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करने की अपील की है।
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