/sootr/media/media_files/2025/12/19/cg-weather-update-cold-wave-amarkantak-fog-hypothermia-cases-the-sootr-2025-12-19-12-24-20.jpg)
CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में कड़ाके की ठंड ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले पांच दिनों तक न्यूनतम तापमान में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है, जिससे ठंड का असर बना रहेगा। प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में ठंड सबसे ज्यादा महसूस की जा रही है।
छत्तीसगढ़ से सटे अमरकंटक में न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जहां ओस की बूंदें जमकर बर्फ में तब्दील हो गईं। रामघाट, माई की बगिया और श्रीयंत्र मंदिर सहित कई इलाकों में सुबह के समय बर्फ की सफेद चादर बिछी नजर आई।
घना कोहरा, विजिबिलिटी घटी
रायगढ़ और सारंगढ़ जिलों के कई क्षेत्रों में देर रात से सुबह 8 बजे तक घना कोहरा छाया रहा। हालत यह रही कि लोगों को वाहन चलाते समय लाइट जलानी पड़ी। सरगुजा संभाग के प्रतापपुर इलाके में विजिबिलिटी घटकर मात्र 20 मीटर रह गई, जिससे यातायात प्रभावित हुआ।
रायगढ़-सारंगढ़ के बीच सूरजगढ़ पुल, छाल क्षेत्र के बोजिया रोड और पुसौर ब्लॉक में भी कोहरे का जबरदस्त असर देखने को मिला।
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/12/19/cg-weather-update-2025-12-19-12-26-04.webp)
तापमान का हाल
पिछले 24 घंटों में प्रदेश में
- सबसे अधिक तापमान: 29.4°C – जगदलपुर
- सबसे कम न्यूनतम तापमान: 6.4°C – अंबिकापुर
रायपुर में गुरुवार को न्यूनतम तापमान 12.9 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.8 डिग्री कम है। अधिकतम तापमान 28.6 डिग्री रहा। दिन और रात के तापमान में करीब 17 डिग्री का अंतर लोगों को बीमार कर रहा है।
बच्चों की सेहत पर बड़ा असर
कड़ाके की ठंड का सबसे ज्यादा असर नवजात और छोटे बच्चों पर पड़ रहा है। बीते एक महीने में अंबेडकर अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में हाइपोथर्मिया के 400 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
बाल रोग विशेषज्ञों के मुताबिक, बच्चों का शरीर वयस्कों की तुलना में जल्दी ठंडा हो जाता है। नवजातों की मांसपेशियां पूरी तरह विकसित नहीं होतीं, जिससे वे ठंड सहन नहीं कर पाते।
सीजेरियन डिलीवरी से जन्मे शिशुओं में हाइपोथर्मिया का खतरा ज्यादा होता है।
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/12/19/the-ground-is-covered-in-ice-in-mainpat-2025-12-19-12-29-54.webp)
NICU और SNCU तक पहुंच रहे मरीज
डॉक्टरों के अनुसार, लापरवाही बरतने पर बच्चों को NICU और SNCU में भर्ती करना पड़ रहा है। अचानक शरीर का तापमान गिर जाना हाइपोथर्मिया का प्रमुख लक्षण है।
OPD में मरीजों की बढ़ी भीड़
ठंड के कारण अस्पतालों की ओपीडी में सर्दी-खांसी, वायरल फीवर और सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
अंबेडकर अस्पताल में मेडिसिन, पीडियाट्रिक और चेस्ट विभाग में 600 से ज्यादा मरीज सामने आए हैं, जबकि रोजाना 2000 से अधिक मरीजों का इलाज ओपीडी में किया जा रहा है।
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us