CG Weather Update: प्रदेश में ठंड का कहर जारी, बच्चों की सेहत पर बढ़ा खतरा, अमरकंटक में जमी बर्फ

प्रदेश के उत्तरी इलाकों में कड़ाके की ठंड का असर तेज हो गया है। अमरकंटक में न्यूनतम तापमान 6 डिग्री तक गिरने से ओस की बूंदें जमकर बर्फ बन गईं। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक ठंड और बढ़ने की चेतावनी दी है।

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Harrison Masih
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CG Weather Update: प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में शीतलहर ने अपना असर तेज कर दिया है। छत्तीसगढ़ से सटे मध्यप्रदेश के अमरकंटक में ठंड अपने चरम पर पहुंच गई है। यहां न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जिसके चलते ओस की बूंदें जमकर बर्फ में तब्दील हो गईं।

रामघाट, माई की बगिया और श्रीयंत्र मंदिर समेत कई इलाकों में जमीन और पौधों पर बर्फ की सफेद चादर बिछी नजर आई।

अगले चार दिन और बढ़ेगी ठंड

मौसम विभाग के अनुसार, आज से अगले चार दिनों तक प्रदेश में ठंड और बढ़ने की संभावना है। इस दौरान न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है। 

शहरस्थितितापमान (°C)
राजनांदगांवसर्वाधिक 31.0°C
अंबिकापुरन्यूनतम (सबसे ठंडा)6.3°C
रायपुरन्यूनतम (नॉर्मल से कम)12.9°C

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कोहरे और धुंध ने बढ़ाई मुश्किलें

ठंड के साथ-साथ कोहरा और धुंध भी लोगों की परेशानी बढ़ा रहे हैं। रायगढ़ जिले के छाल क्षेत्र के बोजिया रोड पर सुबह तक घना कोहरा छाया रहा। वहीं सरगुजा संभाग के प्रतापपुर इलाके में धुंध के कारण विजिबिलिटी घटकर महज 20 मीटर रह गई, जिससे सड़क यातायात प्रभावित हुआ।

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अमरकंटक में बर्फ

हाइपोथर्मिया के 400 से अधिक मामले

कड़ाके की ठंड का सबसे ज्यादा असर बच्चों की सेहत पर पड़ रहा है। बीते एक महीने में अंबेडकर अस्पताल समेत निजी अस्पतालों में हाइपोथर्मिया के 400 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।

बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञों के मुताबिक, बच्चों का शरीर वयस्कों की तुलना में जल्दी ठंडा होता है। नवजात शिशुओं की मांसपेशियां पूरी तरह विकसित नहीं होतीं, जिससे वे ठंड को सहन नहीं कर पाते। सीजेरियन डिलीवरी से जन्मे बच्चों में हाइपोथर्मिया का खतरा और अधिक रहता है।

NICU और SNCU पहुंच रहे गंभीर मामले

डॉक्टरों का कहना है कि समय पर सावधानी नहीं बरतने पर बच्चों को एनआईसीयू (NICU) और एसएनसीयू (SNCU) में भर्ती कर इलाज करना पड़ रहा है। शरीर का तापमान अचानक सामान्य से कम हो जाना हाइपोथर्मिया का प्रमुख लक्षण है, जिसे नजरअंदाज करना जानलेवा साबित हो सकता है।

तापमान में बड़ा अंतर बना बीमारी की वजह

राजधानी रायपुर में गुरुवार को न्यूनतम तापमान 12.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.8 डिग्री कम है। वहीं अधिकतम तापमान 28.6 डिग्री सेल्सियस रहा।

दिन और रात के तापमान में करीब 17 डिग्री सेल्सियस का अंतर लोगों को बीमार कर रहा है। इसका असर बच्चों के साथ-साथ युवा और बुजुर्गों पर भी दिखने लगा है।

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OPD में बढ़ी मरीजों की संख्या

ठंड बढ़ने के साथ अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। वायरल फीवर, सर्दी-खांसी और सांस संबंधी समस्याओं के मरीज ज्यादा सामने आ रहे हैं। अंबेडकर अस्पताल में मेडिसिन, पीडियाट्रिक और चेस्ट विभाग में 600 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचे हैं।

रोजाना 2000 से ज्यादा मरीज ओपीडी में उपचार करा रहे हैं।

मलेरिया का खतरा भी बरकरार

मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, बदलते मौसम में मलेरिया फैलने का खतरा भी बढ़ सकता है। रायपुर में दिन का तापमान लगातार प्रदेश में सबसे ज्यादा रहने और शाम होते ही तापमान गिरने से संक्रमण का खतरा बना हुआ है।

सावधानी जरूरी

विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि ऑफिस जाने वाले कर्मचारियों और स्कूली बच्चों को गर्म कपड़े साथ रखने चाहिए। सुबह-शाम के समय विशेष सावधानी बरतना जरूरी है, ताकि अचानक तापमान गिरने से सेहत पर प्रतिकूल असर न पड़े।

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