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शिव शंकर सारथी, रायपुर. Chattisgarh liquor scam : छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में आरोपी अनवर ढेबर की कस्टडी लेने के दौरान रायपुर के सिविल लाइंस थाने के बाहर पुलिस और उसके समर्थकों में झड़प हो गई। खबर लिखे जाने तक थाने में हंगामा मचा हुआ था। एसीबी कोर्ट से अनवर को जमानत मिल गई है। वह जैसे ही मंगलवार देर शाम जेल से बाहर निकला तो यूपी STF उसके सामने थी। इसे देखते ही अनवर ढेबर के समर्थक पुलिस के बीच धक्का-मुक्की होने लगी।
इसके बाद अनवर ढेबर को सिविल लाइन थाने ले जाया गया। हंगामे को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई है। 200 से अधिक पुलिस जवान थाने के अंदर और बाहर तैनात किए गए हैं। दरअसल, कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने अनवर ढेबर को कस्टडी में लेने के लिए आवेदन लगाया था। यूपी पुलिस होलोग्राम केस में ढेबर से पूछताछ करना चाहती है।
जुलाई 2023 को नकली होलोग्राम मामले में ED के डिप्टी डायरेक्टर ने नोएडा के कासना थाने में FIR दर्ज कराई थी। 3 मई को यूपी STF ने नकली होलोग्राम बनाने वाली कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक विधू गुप्ता को नोएडा से गिरफ्तार किया था। इसने पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। आरोपी विधू गुप्ता ने अनवर और अरुणपति का नाम लिया है।
FIR के मुताबिक नोएडा स्थित प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्रा. लि. नाम की कंपनी को एक टेंडर मिला था। यह टेंडर छत्तीसगढ़ के एक्साइज डिपार्टमेंट ने होलोग्राम की आपूर्ति करने के लिए अवैध रूप से दिया था।
कंपनी निविदा प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र नहीं थी, लेकिन कंपनी के मालिकों की मिलीभगत से उसे पात्र बनाया गया। यह काम छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी, तत्कालीन आबकारी कमिश्नर निरंजन दास, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा ने निविदा शर्तों को संशोधित कर किया। इन होलोग्राम को अवैध शराब की बोतलों पर चिपकाया जाता था। इसके बाद अवैध बोतलों को फर्जी ट्रांजिट पास के साथ दुकानों में पहुंचाया जाता था। फर्जी ट्रांजिट पास का काम छत्तीसगढ़ के 15 जिलों के आबकारी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से होता था।