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Impact Feature
रायपुर: छत्तीसगढ़ अपना 25वां स्थापना दिवस मना रहा है और इस रजत जयंती के मौके पर राज्य की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव नजर आ रहा है। पिछले पांच सालों में यहां के औद्योगिक सेक्टर ने लंबी छलांग लगाई है। सरकार की नई औद्योगिक नीति ने विकास की रफ्तार को तेज कर दिया है। राज्य के गठन के बाद से अब तक कई औद्योगिक नीतियां आईं और यह 2001 के बाद छठी नीति है। इन नीतियों को समय के साथ बदलती जरूरतों के हिसाब से अपडेट किया जाता रहा है।
नई नीति में निवेशकों को लुभाने के लिए कई आकर्षक ऑफर हैं। जैसे, ब्याज पर सब्सिडी, राज्य स्तर पर पूंजी निवेश सब्सिडी (इंफ्रास्ट्रक्चर सब्सिडी समेत), स्टांप ड्यूटी में छूट, बिजली के बिल पर छूट, एंट्री टैक्स में राहत, वैट की वापसी, मंडी फीस में छूट और प्रोजेक्ट कॉस्ट पर सब्सिडी। ये सभी चीजें उद्योगों को यहां बसने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
जगदलपुर में बनेगा नया इंडस्ट्रियल जोन
राज्य की सेंट्रल लोकेशन, मॉडर्न ट्रांसपोर्ट सिस्टम और सभी स्टेकहोल्डर्स की एक्टिव भागीदारी से आने वाले सालों में छत्तीसगढ़ हेल्थ हब बन सकता है। जगदलपुर के पास 118 एकड़ जमीन पर इंडस्ट्रियल एरिया बनाने का काम जल्द शुरू होने वाला है। सरकार और ज्यादा इंडस्ट्रीज को यहां खींचने के लिए तैयार है। पहली बार इस नीति में टूरिज्म और हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है। हाल ही में टूरिज्म को इंडस्ट्री का स्टेटस दिया गया है, जो इसके ग्रोथ पोटेंशियल को मान्यता देता है।
सर्विस सेक्टर को मिला बूस्ट
यह नीति सर्विस इंडस्ट्रीज को सपोर्ट करने पर फोकस करती है, जो भारत में तेजी से उभर रहा सेक्टर है। पहली बार एमएसएमई सर्विस एंटरप्राइजेज और बड़े सर्विस बिजनेस के लिए स्पेशल इंसेंटिव दिए जा रहे हैं। इसमें इंजीनियरिंग सर्विसेज, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, हेल्थकेयर, टूरिज्म और एंटरटेनमेंट जैसे फील्ड शामिल हैं। ये सपोर्ट राज्य को एक लीडिंग इंडस्ट्रियल हब बनाने की कोशिश का हिस्सा हैं।
कमजोर वर्गों पर स्पेशल फोकस
छत्तीसगढ़ संभवत: देश का पहला राज्य है, जो युवा अग्निवीरों और नक्सल प्रभावित परिवारों को अपना बिजनेस शुरू करने के लिए स्पेशल इंसेंटिव दे रहा है। इसके अलावा, एससी/एसटी युवा एंटरप्रेन्योर्स के लिए भी खास मदद है। एक यूनिक ऑफर यह है कि इन ग्रुप्स के लिए इंडस्ट्रियल एरियाज में जमीन सिर्फ एक रुपए प्रति एकड़ की नॉमिनल रेट पर मिलेगी। नीति राज्य के लोकल लोगों के लिए भी ज्यादा इंसेंटिव देती है, खासकर कमजोर कम्युनिटीज पर फोकस के साथ।
ब्यूरोक्रेसी की रुकावटें होंगी कम
नीति का लक्ष्य है कि इंडस्ट्रीज सेटअप और रन करने में सरकारी दखल कम से कम हो। ब्यूरोक्रेटिक हर्डल्स कम करने के लिए सेल्फ-सर्टिफिकेशन और ऑनलाइन प्रोसेस को प्रमोट किया जा रहा है। जहां तक जरूरी न हो, बिजनेस ओनर्स को सरकारी ऑफिसों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। छत्तीसगढ़ ने एमएसएमई की डेफिनिशन को सेंट्रल गवर्नमेंट के मुताबिक चेंज किया है, ताकि इंसेंटिव अन्य राज्यों से ज्यादा कॉम्पिटिटिव हों।
निवेशकों का आकर्षण और ग्रोथ
नई नीति ने बड़े इंडस्ट्रियल ग्रुप्स का ध्यान खींच लिया है। 4 दिसंबर 2024 को नवा रायपुर में स्टेकहोल्डर वर्कशॉप में राज्य सरकार ने आईटी, एआई, डेटा सेंटर्स, इथेनॉल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्रेस्ड बायो-गैस जैसे सेक्टर्स में 32,225 करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट इंटेंट लेटर्स जारी किए। शिवालिक इंजीनियरिंग, मां दुर्गा आयरन एंड स्टील, एबीआरईएल ग्रीन एनर्जी, आरएजी फेरो अलॉयज, रिलायंस बायोएनर्जी, यश फैन्स एंड अप्लायंसेज, शांति ग्रीन्स बायोफ्यूल, रैकबैंक डेटा सेंटर जैसी बड़ी कंपनियां इस इकोनॉमिक चेंज में पार्टनर बन रही हैं।
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युवाओं के लिए जॉब ऑपर्च्युनिटीज
इन कोशिशों को मजबूत करने के लिए राज्य ने अपने डेवलपमेंट ब्लॉक्स को तीन कैटेगरीज में बांटा है। ग्रुप 1 में 10 ब्लॉक, ग्रुप 2 में 61 और ग्रुप 3 में 75 ब्लॉक हैं, जहां अलग-अलग लेवल के इन्वेस्टमेंट और इंसेंटिव दिए जाएंगे। साथ ही, उन इंडस्ट्रीज के लिए एक्स्ट्रा इंसेंटिव हैं, जहां राज्य को कॉम्पिटिटिव एडवांटेज है और जहां फ्यूचर जॉब्स क्रिएट होने की पॉसिबिलिटी ज्यादा है। नीति का फोकस फ्यूचर पर है, जो राज्य को ब्राइट और प्रॉस्परस बनाने की दिशा में ले जा रही है। इससे मजबूत इकोनॉमी बनेगी और लोगों के लिए ढेर सारे जॉब्स मिलेंगे।
अगले पांच साल में 5 लाख से ज्यादा जॉब्स
नीति में अगले पांच सालों में 5 लाख से ज्यादा जॉब्स क्रिएट करने का टारगेट है। छत्तीसगढ़ टेक्सटाइल्स, फार्मा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिफेंस, एनर्जी और मेडिकल टूरिज्म जैसे सेक्टर्स में अगले दशक में सबसे तेज ग्रो करने वाली इकोनॉमियों में से एक बनने वाला है। सरकार का प्लान मार्च 2026 तक नक्सल प्रॉब्लम को पूरी तरह खत्म करने का है, ताकि प्रभावित एरियाज में पीस, स्टेबिलिटी और नई शुरुआत हो सके।
स्पेशल पैकेज वाले सेक्टर्स
नीति में इन सेक्टर्स के लिए स्पेशल पैकेज हैं: दवाइयां, कपड़ा, कृषि और फूड प्रोसेसिंग, नॉन-वुड फॉरेस्ट प्रोडक्ट प्रोसेसिंग, कंप्रेस्ड बायो-गैस, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स और कंप्यूटिंग (जीपीयू), आईटी/आईटीईएस/डेटा सेंटर्स। यह नीति जॉब क्रिएशन और 2047 तक विकसित भारत के विजन से मैच करती हुई एक विकसित छत्तीसगढ़ बनाने पर फोकस्ड है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 विकसित भारत विजन से इंस्पायर्ड है।
वन-क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम 2.0
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने वन-क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 लॉन्च किया है। इससे अप्रूवल टाइम बहुत कम हो जाएगा और छत्तीसगढ़ को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में टॉप स्टेट्स में जगह मिलेगी। यह सिस्टम ऑनलाइन अप्लिकेशन, डिपार्टमेंटल अप्रूवल्स और सब्सिडी डिस्ट्रीब्यूशन को इंटीग्रेट करता है। हमारा सिस्टम स्मूद और ट्रांसपेरेंट है, जो इंडस्ट्रियल सेटअप के लिए सभी अप्रूवल्स एक क्लिक में देता है।
नए एंटरप्रेन्योर्स के लिए बड़ा मौका
छत्तीसगढ़ फॉरेस्ट्स, मिनरल्स और एनर्जी रिसोर्सेज से रिच है और पावर प्रोडक्शन में सरप्लस स्टेट्स में से एक है। ये फैक्टर्स इंडस्ट्रीज सेटअप के लिए परफेक्ट एनवायरनमेंट बनाते हैं। सरकार इन्वेस्टर्स और एंटरप्रेन्योर्स को एक्टिवली सपोर्ट कर रही है, ताकि इकोनॉमिक ग्रोथ बढ़े और नए जॉब्स क्रिएट हों। पहली बार सेमीकंडक्टर और एआई सेक्टर्स पर फोकस है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नवा रायपुर में पॉलीमेटेक इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के सेमीकंडक्टर प्लांट का शिलान्यास किया है। कंपनी 1,143 करोड़ रुपए इन्वेस्ट करेगी, जो राज्य की पहली बड़ी सेमीकंडक्टर यूनिट होगी। यह 1.5 लाख स्क्वेयर फीट में फैलेगी और 2030 तक 10 अरब चिप्स प्रोड्यूस करेगी। ये चिप्स टेलीकॉम, 6G/7G टेक्नोलॉजी, लैपटॉप और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स में यूज होंगी। इससे लोकल यूथ के लिए अच्छे जॉब्स क्रिएट होंगे।
ईज ऑफ बिजनेस के लिए 350+ रिफॉर्म्स
नीति में सिंगल-विंडो क्लियरेंस सिस्टम और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बेहतर बनाने के लिए 350 से ज्यादा पॉलिसी रिफॉर्म्स हैं। इनसे स्टील सेक्टर के इन्वेस्टर्स को डायरेक्ट फायदा होगा। ग्रीन एनर्जी अपनाने वाली इंडस्ट्रीज को स्पेशल ग्रांट्स मिलेंगी। हाल के एनर्जी समिट में करीब 3.5 लाख करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट प्रपोजल्स आए, जिनमें हाइड्रो प्रोजेक्ट्स के लिए 57 हजार करोड़ शामिल हैं।
इंडस्ट्रियल कॉरिडोर्स का डेवलपमेंट
इंडस्ट्रियल कॉरिडोर्स तेजी से डेवलप हो रहे हैं और नए इंडस्ट्रियल पार्क्स बनाए जा रहे हैं। सरकार प्राइवेट सेक्टर को इन पार्क्स सेटअप के लिए स्पेशल ग्रांट्स दे रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में नवा रायपुर के सेक्टर-5 में एस्पायर फार्मास्युटिकल्स की नई यूनिट का इनॉगरेशन किया। इस मौके पर उन्होंने प्रोडक्शन फैसिलिटी का टूर किया और दवा मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस देखी। सीएम ने कहा कि इस यूनिट का आइडिया कोविड-19 महामारी के मुश्किल वक्त में आया, जब जरूरी दवाओं की कमी थी। उन्होंने जोड़ा कि जब दुनिया महामारी से लड़ रही थी, तब भारत ने घरेलू वैक्सीन्स बनाकर मिसाल कायम की। यह दवा यूनिट राज्य की इंडस्ट्रियल प्रोग्रेस में एक बड़ा स्टेप है।
प्रमुख कंपनियों से मिले इन्वेस्टमेंट प्रपोजल्स
मेसर्स सारदा हाइड्रोपावर (रायपुर), मेसर्स आर्टिफिशियल इलेक्ट्रॉनिक्स इंटेलिजेंस मैटेरियल्स लिमिटेड (चेंगलपट्टू, तमिलनाडु), मेसर्स केजेएसएल कोल एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड (कोरबा), मेसर्स जुपिटर इंटरनेशनल लिमिटेड (कोलकाता), मेसर्स ईएसडीएस सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (नासिक, महाराष्ट्र), मेसर्स कर्मवीर इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (मेरठ, उत्तर प्रदेश), मेसर्स एसजी ग्रीन बिल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड (नई दिल्ली), मेसर्स जिंदल स्टील छत्तीसगढ़ एलटीडी (रायगढ़), मेसर्स जिंदल पावर लिमिटेड (थर्मल पावर), मेसर्स जिंदल पावर लिमिटेड (सौर ऊर्जा), मेसर्स वीटेक प्लास्टिक प्राइवेट लिमिटेड। कुल इन्वेस्टमेंट प्रपोजल्स 1,23,073 करोड़ रुपए के हैं, जो 1,320,627 नए जॉब्स क्रिएट करेंगे।
2030 का यह है टारगेट
वित्तीय वर्ष 2025 में छत्तीसगढ़ ने 1,63,749 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट अट्रैक्ट किया, जो भारत के टोटल इन्वेस्टमेंट फ्लो का 3.71 प्रतिशत है। 2030 टारगेट के मुताबिक, राज्य का जीएसडीपी दोगुना करके 10 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचाने का प्लान है। यह नई नीति न सिर्फ इंडस्ट्रियल ग्रोथ को स्पीड दे रही है, बल्कि राज्य को एक मजबूत, जॉब-रिच फ्यूचर की ओर ले जा रही है। छत्तीसगढ़ अब विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचने को तैयार है।
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छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय | CM विष्णुदेव साय का विजन | छत्तीसगढ़ न्यूज