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Raipur. भारत की विमेंस क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया है। इस गौरवशाली पल के पीछे छत्तीसगढ़ की बेटी आकांक्षा सत्यवंशी का भी अहम योगदान रहा है, जिन्होंने बतौर फिजियो एक्सपर्ट और मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव खिलाड़ियों को फिट और आत्मविश्वासी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी मेहनत, समर्पण और संघर्ष की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो हार के बाद भी आगे बढ़ने का हौसला रखता है।
आकांक्षा का संघर्ष: असफलता से सफलता तक का सफर
आकांक्षा की कहानी तब शुरू हुई, जब उनका डॉक्टर बनने का सपना टूट गया। दो बार मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और नया रास्ता चुना- फिजियोथैरेपी। शुरुआत में यह निर्णय मजबूरी जैसा था, लेकिन जल्द ही आकांक्षा ने इसे अपनी पहचान बना लिया। उनके भाई अभिनव सत्यवंशी ने उन्हें प्रेरित करते हुए कहा- “BCCI में भी टीम इंडिया के साथ फिजियोथैरेपिस्ट होता है, और तुझे वहीं पहुंचना है।” यही बात आकांक्षा के जीवन का टर्निंग पॉइंट बन गई।
क्रिकेट वर्ल्ड कप तक पहुंचने की कहानी
फिजियोथैरेपी में ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद आकांक्षा ने अपने करियर की शुरुआत छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट टीम (CSCS) के साथ की। उनके काम से प्रभावित होकर उन्हें नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) बुलाया गया, जहां उन्होंने सीनियर महिला टीम के साथ काम किया। इसके बाद आकांक्षा को टीम इंडिया के मुख्य फिजियो एक्सपर्ट पैनल में शामिल किया गया। 2023 में अंडर-19 विमेंस टीम के साथ वर्ल्ड कप जीतने के बाद, इस बार सीनियर विमेंस टीम की ऐतिहासिक जीत में भी उनका योगदान रहा।
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सीएम ने दी बधाई
सीएम साय ने भी आकांक्षा की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी है। उन्होंने कहा- कवर्धा जिले की बेटी आकांक्षा सत्यवंशी ने बतौर फिजियोथैरेपिस्ट और स्पोर्ट्स साइंस एक्सपर्ट, भारतीय टीम का हिस्सा बनकर खिलाड़ियों की फिटनेस, रिकवरी और प्रदर्शन को सर्वोच्च स्तर पर बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभाई है।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम के विश्व विजेता बनने की ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि छत्तीसगढ़ के लिए भी अत्यंत विशेष है। इस गौरवपूर्ण उपलब्धि में हमारा छत्तीसगढ़ भी सहभागी रहा है।
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) November 3, 2025
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मैदान के बाहर भी निभाई अहम भूमिका
आकांक्षा का काम सिर्फ खिलाड़ियों की फिजिकल फिटनेस तक सीमित नहीं था। टीम मैनेजमेंट के अनुसार, उन्होंने वर्ल्ड कप के दौरान मेंटल हेल्थ पर भी विशेष ध्यान दिया। मैच का प्रेशर बढ़ने पर वह खिलाड़ियों को संभालतीं, मोटिवेट करतीं और उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाती थीं। टीम के एक सदस्य ने कहा- “जब खिलाड़ी चोट से उबरकर मैदान में लौटते हैं, तो उसके पीछे आकांक्षा जैसी फिजियो एक्सपर्ट की महीनों की मेहनत होती है।”
घर में जश्न का माहौल, परिवार का गर्व
फाइनल मैच के बाद टीम इंडिया के साथ आकांक्षा ने भी जश्न मनाया। उन्होंने वीडियो कॉल पर अपने परिवार को स्टेडियम और मेडल दिखाया, जिससे पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। यह पहली बार है जब छत्तीसगढ़ की किसी बेटी ने वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय महिला टीम के सपोर्ट स्टाफ में जगह बनाई है।
फिल्म जगत से भी जुड़ा नाम
आकांक्षा ने सिर्फ खेल जगत में नहीं, बल्कि बॉलीवुड में भी अपनी पहचान बनाई। उन्होंने एक्ट्रेस तापसी पन्नू को फिल्म ‘शाबाश मिथू’ की शूटिंग के दौरान ट्रेनिंग दी थी। इस फिल्म में तापसी को क्रिकेटर मिथाली राज का किरदार निभाना था, और इसके लिए उन्हें असली क्रिकेटर्स जैसी फिजिकल ट्रेनिंग आकांक्षा ने ही दी थी।
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