रायपुर. छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा को 6 महीने का एक्सटेंशन मिल गया है। इसके लिए भारत सरकार की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है।
इस आदेश के बाद अशोक जुनेजा 1989 बैच के आईपीएस अफसर अशोक जुनेजा अब फरवरी 25 तक अपने पद पर बने रहेंगे। उनके एक्सटेंशन के लिए राज्य सरकार ने केंद्र में प्रस्ताव भेजा था। ज्ञात हो कि जुनेजा अगस्त के पहले हफ्ते में रिटायर होने वाले थे।
सत्ता और संगठन में एकमत न होने का मिला फायदा
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार डीजीपी को लेकर आख़िरी समय तक पशोपेश में थी। सत्ता और संगठन में सहमति नहीं बनने के कारण जुनेजा के रिटायरमेंट के महज 2 दिन पहले आनन-फ़ानन में एक्सटेंशन का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया।
डीजीपी के लिए तीन प्रमुख दावेदार थे
छत्तीसगढ़ में डीजीपी पद के लिए प्रमुख रूप से तीन दावेदार थे। इनमें अरुण देव गौतम, पीडी गौतम और हिमांशु गुप्ता का नाम शामिल था। अरुण देव गौतम और हिमांशु गुप्ता को हाल ही में एडीजी से स्पेशल डीजी के पद पर प्रमोट किया गया था। वहीं, पवन देव गौतम को स्पेशल डीजी के पद पर प्रमोट करने के लिए उनकी विभागीय जांच समाप्त कर उनका बंद लिफाफा भी खोला गया।
उनके भी स्पेशल डीजी के आदेश जारी होना है। सीएम विष्णु देव साय को इन तीन में से किसी एक को ही चुनना था, लेकिन सत्ता और संगठन में किसी एक नाम पर सहमति न बनने के कारण जुनेजा को ही एक्सटेंशन दिलाने का निर्णय लिया गया।
इसके अलावा नक्सल फ्रंट पर मिली कामयाबी के लिए भी जुनेजा को क्रेडिट दिया जा रहा है। जुनेजा की सरकार और सुरक्षा बल के बीच समन्वय बनाने में बड़ी भूमिका रही है।
भूपेश सरकार में बने थे डीजीपी
जुनेजा 5 अगस्त के रिटायर होने वाले थे। इससे पहले भूपेश सरकार ने पहले जुनेजा को डीजीपी के पद का प्रभार दिया था फिर उनको डीजीपी बना दिया गया था। 11 नवंबर 2021 को तत्कालीन डीजीपी डीएम अवस्थी को हटाकर अशोक जुनेजा को छत्तीसगढ़ का प्रभारी डीजीपी बनाया गया था। इसके 10 महीने बाद राज्य सरकार ने 5 अगस्त 2022 को पूर्णकालिक डीजीपी बना दिया था।
कौन हैं अशोक जुनेजा
1989 के आईपीएस
छत्तीसगढ़ कैडर
जन्म _ 13 जून 1963
मूलत: दिल्ली के रहने वाले
अलग राज्य बनने पर जुनेजा ने मप्र की जगह छत्तीसगढ़ को चुना
बिलासपुर के एसपी, दुर्ग के एसएसपी, रायपुर के एसएसपी
आईजी _ दुर्ग और बिलासपुर
11 नवंबर 2021 को प्रभारी डीजीपी
5 अगस्त 2022 को पूर्णकालिक डीजीपी