रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का आगाज सोमवार 22 जुलाई को हो गया है। सदन के बाहर बारिश की फुहार चल रही है, तो सदन के भीतर भी आरोप प्रत्यारोप की फुहार चली है। जैसी उम्मीद थी कि सदन हंगामेदार रहेगा, उम्मीद के मुताबिक सदन के अंदर हंगामा जमकर दिखाई दिया है। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सदन जमकर गरमाया।
300 स्कूल शिक्षक विहीन
छत्तीसगढ़ विधानसभा में मानसून सत्र का पहला दिन ही हंगामेदार रहा। पक्ष विपक्ष में जमकर नोंकझोंक देखने को मिली। मानसून सत्र के पहले दिन की शुरुआत दिवंगतों को श्रद्धांजलि से हुई। प्रश्नकाल में प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर सवाल पूछे गए। शुरुआत में ही विपक्षी विधायक जनक ध्रुव ने वनभूमि में फर्जी हस्ताक्षर और सील लगाकर मांग पत्र बनाने का मामला उठाया। इस पर विभागीय मंत्री ने उचित कार्रवाई का आश्वाशन भी दिया।
इसके बाद भी विपक्ष संतुष्ट होता नही दिखा। प्रश्नकाल में ही प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती का मामला उठा। जवाब में पाया गया कि प्रदेश के 300 स्कूल शिक्षक विहीन हैं। हालांकि, विभाग की तरफ से सीएम ने जल्द ही शिक्षक भर्ती की बात कही है। सदन के भीतर सबसे ज्यादा हंगामा बलौदाबाजार हिंसा मामले में बरपा।
बलौदा बाजार हिंसा पर स्थगन
विपक्ष ने मामले में सदन के भीतर चर्चा कराने की मांग रखी। बलौदा बाजार मामले में चर्चा के लिए बाकायदा स्थगन भी लाया गया। हालांकि, स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया। अस्वीकार करने का कारण यही था कि बलौदाबाजार हिंसा मामले में न्यायिक जांच चल रही है। विपक्ष ने मामले में गलत कार्रवाई करने के साथ साथ लीपापोती करने का भी आरोप लगाया है।
बलौदाबाजार मामले में विपक्ष का स्थगन स्वीकार भले ही न हुआ हो, लेकिन विपक्ष ने सदन के भीतर अपने विचार व्यक्त करते हुए जानकर आरोप लगाए। विपक्ष के आरोपो पर विभागीय मंत्री विजय शर्मा ने अपने बक्तव्य में बलौदा बाजार की तमाम वस्तु स्थिति से सदन को अवगत कराया। घटना की शुरुआत से लेकर| और जांच कमेटी के गठन तक पूरी सरकार की कर्रवाई गिनाईl