RAIPUR. छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा संभाग के शासकीय अस्पताल रेफरल सेंटर के तौर पर ख्यात हैं। राज्य बनने के 23 साल बाद भी दोनों संभाग के अस्पताल रेफरल सेंटर बने हुए हैं। और बिलासपुर संभाग की हालात भी बहुत ज्यादा ठीक नहीं है। अंबिकापुर का मेडिकल कॉलेज अपने नवनिर्मित भवन में शिफ्ट नहीं हो सका है। जिला अस्पताल अंबिकापुर के भवन से ही मेडिकल कॉलेज का काम निपटाया जा रहा है। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होना था। मगर, डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टॉफ की अटकी भर्तियों के चलते लोकार्पण का यह कार्यक्रम नहीं किया जा सका है। छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर एक पड़ताल भरी रिपोर्ट
स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलते कुछ उदाहरण
1. दो जुलाई को उरला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 12 घंटे के भीतर दो नवजात बच्चों की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि महिला डॉक्टर अकेले प्रसव करवा रही थी।
2. इसी तरह 8 जून को नवा नगर दरिमा, जिला अंबिकापुर के उप स्वास्थ्य केंद्र में एक महिला ने फर्श में लेटकर बच्चे को जन्म दिया था। इस मामले पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है।
3.अप्रैल 2024 कांकेर जिले के कलपर और खेरे गांव में पुलिस बीएसएफ और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई, दो जवान घायल हुए दोनों को बेहतर इलाज के लिए रायपुर स्तिथ अनुबंधित निजी अस्पताल में भर्ती किया गया।
अंबिकापुर में मेडिकल कॉलेज लेकिन रेफरल सेंटर
नक्सल प्रभावित बस्तर संभांग के जिलों (सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, कांकेर और कोंडागांव) में नक्सल घटनाओं या मुठभेड़ में घायल जवानों का इलाज रायपुर के एक निजी में अस्पताल में ही किया जाता है। घायल जवानों को बेहतर इलाज मिले, इसलिए इस अस्पताल (श्री नारायणा हॉस्पिटल, देवेंद्र नगर रायपुर) और छत्तीसगढ़ शासन के बीच एक अनुबंध है।
छत्तीसगढ़ सरकार के भावी दावों को भी जानें
फरवरी 2024 को छत्तीसगढ़ सरकार के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की ओर से कहा गया है कि राज्य में त्वरित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए ड्रोन सेवा के साथ- साथ आधुनिक चिकित्सा सेवा जैसे रोबोट टेक्नोलॉजी व रोबोट डॉक्टर की सुविधा उपलब्ध करवाने की घोषणा की है। साल 2024-25 में छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर 4413 करोड़ 16 लाख 5 हजार रुपए खर्च करेगी।
the sootr की डॉक्टर राकेश गुप्ता से खास चर्चा
स्वास्थ्य सेवाओं की कमियों और कमियों को दूर करने के सुझावों को लेकर the sootr ने कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर राकेश गुप्ता से बात की। डॉक्टर राकेश गुप्ता ने the sootr को बताया कि Super speciality के डॉक्टर्स की सैलरी छत्तीसगढ़ में सबसे कम है। Super speciality के डॉक्टर्स, डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ की भर्तियां अटकी हुई हैं। जिसे प्राथमिकता के साथ पूरा करने की जरूरत है। इसी तरह मेडिकल कॉलेज में भी डॉक्टर्स, पैरा मेडिकल स्टॉफ के पदों को भरे जाने की जरूरत है।
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The sootr- सरकार चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव करने जा रही है, रोबोट्स और ड्रोन का उपयोग होगा, ऐसा दावा है।
डॉक्टर राकेश गुप्ता- लोक लुभावन बातें करने के बजाय, जमीनी काम करे सरकार तो मरीजों का भला होगा। जितने में एक रोबोट को खरीदा जाएगा। उतने रुपयों में एक नया मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो जाएगा। 700 बिस्तर वाले डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल में 1800 मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
The sootr- फर्श में लेटकर प्रसव, और प्रसव के दौरान बच्चे की मौत, ऐसी खबरें शासकीय अस्पतालों से क्यों आती हैं?
डॉक्टर राकेश गुप्ता- अस्पतालों में कभी-कभी नकली या गुणवत्ता हीन दवाओं की सप्लाई हो रही है। अच्छी दवाओं, बढ़िया टेस्ट सुविधाओं के बिना डॉक्टर्स बेहतरीन प्रदर्शन नहीं कर सकते। स्वास्थ्य मंत्री, डॉक्टर्स के साथ बेहतर संवाद बनायें, भर्ती नीतियों में बदलाव करें, बाण्ड्स के आधार पर सेवाएं ली जा रही है। इससे मरीजों को पूरा-पूरा और सही फायदा नहीं होने वाला है।
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