RAIPUR. छत्तीसगढ़ के भिलाई नगर निगम में सफाई के नाम पर 4 करोड़ का घोटाला सामने आया है। यहां बिना काम के ही कर्मचारियों को वेतन का भुगतान कर दिया गया। एमआईसी की जांच कमेटी की जांच में खुलासा हुआ है कि हर महीने करीब 200 कर्मचारियों के नाम से बगैर काम कराए वेतन का भुगतान कराया जा रहा है। कर्मचारियों के ईएसआई और पीएफ के पैसे में बड़ा अंतर है। दस्तावेजों की जांच के दौरान भी गंभीर खामियां मिली थी।
कर्मचारियों को हाजिरी पहुंचा था जांच दल
दरअसल भिलाई नगर निगम की सामान्य सभा में सभी पार्षदों ने सफाई में घोटाले का मामला उठाया था। जिसके बाद सभापति ने सफाई ठेका कंपनी के कार्यों की जांच के लिए पार्षदों की निगरानी में एक जांच दल बनाया था। इसके बाद मंगलवार को जांच टीम के सदस्य जोन-1 फरीद नगर मैदान में पहुंचे। यहां जोन एक के सभी कर्मचारियों को हाजिरी के लिए बुलाया गया। साथ ही उनके वाहनों को भी बुलाया गया। जांच दल ने मजदूरों की गिनती शुरू की तो हैरान करने वाली सच्चाई सामने आई।
जांच दल ने किए चौंकाने वाले खुलासे
गिनती में सामने आया कि सभी वार्ड में आधे ही कर्मचारी सफाई के लिए पहुंचे थे। इस दौरान ठेका एजेंसी के सुपरवाइजरों ने गलती को छिपाने के लिए उन श्रमिकों को भी गिनती के लिए बुला लिया, जिनका मंगलवार को अवकाश था। इसके बाद भी पूरे कर्मचारी नहीं हो रहे थे।
मेंटेनेंस नहीं होने से कंडम हुए सफाई वाहन
पार्षद हरिओम तिवारी ने बताया कि ठेका एजेंसी ने शहर में सफाई कार्य के लिए निगम से रिक्शा, ई-रिक्शा और डीजल गाड़ियों को लिया, लेकिन उनका मेंटेनेंस तक नहीं कराया। सभी वाहन पूरी तरह से कंडम हो गए हैं। जोन एक में 6 से ज्यादा ई-रिक्शा कंडम हो चुके हैं। मेंटेनेंस के अभाव में वो चलने लायक नहीं है। मेंटेनेंस के लिए सफाई कर्मचारियों पर दबाव बनाया जा रहा है।
हर माह 200 श्रमिक कम
भिलाई निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज ने चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि ठेका एजेंसी ने आधे कर्मचारियों से काम लेकर पूरे कर्मचारियों का भुगतान निगम से लिया है। गलती को छिपाने के लिए उन्होंने अब तक अटेंडेंस रजिस्टर तक नहीं दिया है। उनकी जांच टीम ने देखा कि एजेंसी को हर दिन कुल 1800 से ज्यादा श्रमिक देना है। जब इसकी वास्तविक जांच की गई तो सामने आया किसी माह भी इतने श्रमिक काम पर नहीं आए हैं। करीब 200 श्रमिक हर माह कम आए हैं। भिलाई नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा ने बताया कि ठेका एजेंसी जांच में सहयोग नहीं कर रही है।
जोन में नहीं है 50-50 गैंग
पार्षद लालचंद वर्मा ने बताया कि हर जोन में सफाई एजेंसी को 50-50 का गैंग अलग से देना है। कंपनी ने गैंग अब तक नहीं लगाई है। वार्ड के कर्मचारियों को ही गैंग की जगह भेजकर उनका वेतन डकारा जा रहा है। जब सफाई एजेंसी से गैंग के कर्मचारियों की लिस्ट मांगी गई तो वो वह लिस्ट भी नहीं दे पाई है।
ESI और PF में अंतर
जांच को लेकर पार्षद स्मिता दोड़के ने बताया कि उन्होंने जांच के दौरान पाया कि ईएसआई और पीएफ में बड़ी गड़बड़ी की गई है। कंपनी कुछ कर्मचारियों का ईएसआई और पीएफ जमा कर रही है, लेकिन ज्यादातर का जमा नहीं किया जा रहा है। इसके बाद भी निगम ठेका एजेंसी को वेतन का भुगतान कर रहा है। उन्होंने निगम से श्रमिकों के ESI और PF की भी जांच करने की मांग की है।
कमेटी ये पार्षद हैं शामिल
सफाई मामले की जांच के लिए जो कमेटी गठित की गई है उसमें पार्षद महेश वर्मा, भोजराज भोजू, संतोष मौर्या, विनोद सिंह, जालंधर सिंह, संजय सिंह, पीयूष मिश्रा, नोहर वर्मा, स्मिता दोड़के, बी सुजाता, दया सिंह, एमआईसी सदस्य लक्ष्मीपति राजू, अब्दुल मन्नान, लालचंद वर्मा, साकेत चंद्राकर, हरिओम तिवारी, संदीप निरंकारी, नेहा साहू, आदित्य सिंह, प्रमोद सिंह आदि शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक भिलाई नगर निगम ने सफाई के लिए नागपुर की कंपनी अर्बन एनवायरमेंट केयर प्राइवेट लिमिटेड को 36 करोड़ रुपए का टेंडर दिया है। इस कंपनी के डायरेक्टर सुरेश शर्मा और एमडी कमलेश शर्मा हैं।
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