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Raipur. छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार को दो साल पूरे हो गए हैं। इन दो सालों में सरकार बेरोजगारों के हाथों में काम देने का कोई ठोस प्लान नहीं बना पाई है। जब सूबे में बीजेपी सरकार ने सत्ता संभाली थी तब उसके हिस्से में 11 लाख बेरोजगार आए थे।
जाहिर है इन लोगों को रोजगार देने का वादा भी चुनाव के पहले बीजेपी ने खूब किया था। अब जादू की छड़ी घूम नहीं रही और बेरोजगार काम पाने के लिए घूम रहे हैं। द सूत्र ने पड़ताल की है कि इन दो सालों में सरकार का रोजगार ग्राफ क्या कह रहा है।
रोजगार विभाग के आंकड़े कहते हैं कि इन 11 लाख बेरोजगार युवाओं में से 9 हजार को काम दे दिया और 35 हजार को रोजगार का मार्गदर्शन दे दिया है। यानी सरकार दो साल में एक फीसदी युवाओं को भी काम नहीं दे पाई।
फ्रीबीज की सरकार-क्या करें बेरोजगार:
फ्रीबीज की सरकार, क्या करें बेरोजगार। वैसे तो यह सवाल पूरे देश का है लेकिन हम बात छत्तीसगढ़ की कर रहे है। छत्तीसगढ़ में इन दिनों यह सवाल युवाओं के बीच तेजी से घूम रहा है। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बने दो साल हो गए हैं। दो साल यानी करीब करीब आधा समय।
दो सालों में सरकार की दिशा और दशा दोनों पता चल जाती हैं। इन दो सालों में सरकार रोजगार देने का कोई फुल प्रूफ प्लान नहीं बना पाई है। चुनाव के पहले फ्रीबीज की इतनी घोषणाएं कर दी गईं कि अब उनको पूरा करने में ही सरकार का बजट खर्च हुआ जा रहा है।
हाल ही में विधानसभा में अब तक का सबसे बड़ा अनुपूरक बजट आया। इस बजट का आधे से ज्यादा हिस्सा फ्रीबीज यानी मोदी की गारंटी के लिए रखा गया है। फ्रीबीज के चक्कर में बेरोजगार एक अदद काम के लिए घूम रहे हैं। वादा रोजगार का भी किया गया था लेकिन वो हिस्सा तो फ्रीबीज बांटने में चला गया।
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सिर्फ 1 फीसदी को काम :
द सूत्र की पड़ताल में सामने आया कि इन दो साल में सरकार 9 हजार 463 लोगों को काम दे पाई है। बाकी 35 हजार 55 लोगों को कॅरियर गाइडेंस यानी रोजगार का मार्गदर्शन ही दिया गया। बीजेपी की सरकार को विरासत में 11 लाख 39 हजार 656 बेरोजगार मिले हैं।
इनमें से कई ग्रेजुएट,पोस्ट ग्रेजुएट और 12वी पास हैं। यानी ऐसा भी नहीं है कि सरकार को पढ़े लिखे लोग नहीं मिल रहे हैं। इनमें एससी,एसटी,ओबीसी और सामान्य वर्ग यानी हर तरह के कैंडिडेट शामिल हैं।
यह सारे आंकड़े सरकार के रोजगार विभाग के ही हैं। कुल मिलाकर सरकार दो साल मे 1 फीसदी लोगों को भी काम नहीं दे पाई। सबसे पहले आपको बताते हैं बेरोजगारों की स्थिति क्या है।
यह है बेरोजगारों की जातिगत स्थिति :
कुल बेरोजगार - 1139656
एससी वर्ग - 164220
एसटी वर्ग - 311177
ओबीसी - 187804
सामान्य - 476455
महिला - 529551
यह है बेरोजगारों की शिक्षा की स्थिति :
पोस्ट ग्रेजुएट - 156998
ग्रेजुएट - 261412
12वीं - 480049
10वीं - 63880
8वीं - 34162
5वीं - 19609
तकनीकी एवं व्यवसायिक - 354811
यह है रोजगार की स्थिति:
साल 2024-25 :
रोजगार मेला या प्लेसमेंट कैंप - 311
इंटरव्यू में शामिल युवा - 30900
चयन - 5314
साल 2025-26 :
रोजगार मेला या प्लेसमेंट कैंप - 245
इंटरव्यू में शामिल युवा - 23478
चयन - 4149
स्वरोजगार के लिए मार्गदर्शन :
साल 2024-25 :
शैक्षणिक संस्थानों की संख्या - 222
शामिल हुए युवा - 24095
साल 2025-26 :
शैक्षणिक संस्थानों की संख्या - 124
शामिल हुए युवा - 10955
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रोजगार सबसे बड़ी चुनौती :
सरकार के सामने रोजगार देना सबसे बड़ी चुनौती है। सरकार का रोजगार मॉडल निवेश पर आधारित है। उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन कहते हैं कि छत्तीसगढ़ में नवंबर 2024 से अब तक 18 क्षेत्रों में 7.83 लाख करोड़ रूपए के 219 निवेश प्रस्ताव मिले है।
जिनसे 1.5 लाख रोजगार सृजित होंगे। लेकिन सवाल यह है कि निवेश प्रस्ताव तो मिल रहे हैं लेकिन ये जमीन पर कब उतरेंगे। जब उद्योग लगेंगे तभी रोजगार हासिल होगा। सरकार महतारी वंदन पर अब तक 14 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि बांट चुकी है।
इससे कहीं ज्यादा किसानों को मुफ्त सुविधाएं और बोनस की राशि पर खर्च हो रहा है। अब तो यही सवाल उठा रहा है कि फ्रीबीज की सरकार,क्या करें बेरोजगार।
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