रामकृष्ण डोंगरे @ रायपुर.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के 9 महीने के कार्यकाल में विकास की नई दिशा के साथ-साथ चुनौतियों का सामना भी रहा। इसमें आदिवासी विकास, आर्थिक विकास और सामाजिक सुधार की पहलें शुरू की गईं, लेकिन भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था की चुनौतियां भी बनी रहीं।
भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में जनता से कई वादे किए थे। इनमें से अधिकतर वादे पूरे हो चुके हैं। इनमें महिलाओं को महतारी वंदन योजना में प्रतिमाह 1000 रुपए की राशि, कथित सीजीपीएससी भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच, बेमेतरा जिले के बिरनपुर में युवक की हत्या की सीबीआई जांच आदि शामिल हैं।
सीजीपीएससी घोटाले में अब तक जांच में सीबीआई ने रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग, भिलाई, धमतरी समेत कई शहरों में छापेमारी की है। साथ ही मुख्य आरोपियों और गलत तरीके से चयनित उम्मीदवारों से भी पूछताछ हो रही है। पीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सोनवानी, पूर्व राज्यपाल के सचिव अमृत खलको, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला व अन्य के यहां छापेमारी की गई है।
वहीं, चर्चित महादेव ऑनलाइन सट्टा एप मामले की जांच भी सीबीआई को सौंप दी गई है। नक्सल मोर्चे पर विष्णुदेव सरकार को बड़ी उपलब्धि मिली है। कांग्रेस कार्यकाल में जहां नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में ढिलाई बरतने के आरोप लगाते थे। वहीं, भाजपा सरकार आने के बाद कई बड़े ऑपरेशन हुए हैं।
अब तक 152 से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं। बड़ी संख्या में नक्सली समर्पण कर रहे हैं। पिछले तीन माह से जारी ऑपरेशन मानसून में ही 35 नक्सलियों को ढेर किया गया है।
नए रोजगारों के सृजन और युवाओं को सरकारी नौकरी में भर्तियों के मामले में सरकार अब तक कोई बड़ी पहल नहीं कर पाई है। इसे लेकर जरूर युवाओं में नाराजगी है। शिक्षा, स्वास्थ्य अन्य विभागों में भर्ती के लिए घोषणाएं जरूर हुई हैं, लेकिन अब तक प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकती है।
सरकार ने छत्तीसगढ़ के शिक्षित युवाओं के हित को ध्यान में रखते हुए शासकीय सेवा के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा 5 वर्ष की छूट की अवधि को पांच वर्ष के लिए और बढ़ा दिया है। इस पहल का सभी ने स्वागत किया है।
हालांकि, विष्णु सरकार के कार्यकाल की कुछ कमियां भी रही हैं। उन्हें विपक्ष द्वारा राज्य में भ्रष्टाचार को रोकने में विफल रहने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा उन्हें राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति को सुधारने में विफल रहने के लिए भी आलोचना का सामना करना पड़ा है।
गर्भकाल…
विष्णुदेव साय सरकार के नौ माह और आपका आंकलन…
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दुष्कर्म के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। वहीं, मवेशियों से दुर्घटनाओं में कमी नहीं आ रही है। गोठानों में सुविधाओं की कमी के चलते मवेशी सड़कों पर विचरण कर रहे हैं। कई बार वाहनों की चपेट में आकर उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
कहीं-कहीं पर मवेशियों के चलते हुए हादसों में आम लोगों की जान जा रही है। इस मामले में हाई कोर्ट की फटकार के बावजूद सुधार नजर नहीं आ रहा है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी इसे मुद्दा बनाया है।
कांग्रेस सभी जिलों में कानून व्यवस्था के मामले में सरकार को घेरने के लिए मौन धरना- प्रदर्शन कर रही है।
कुल मिलाकर, विष्णु देव साय के नौ माह के कार्यकाल को उपलब्धियों और कमियों के मिश्रण वाला कहा जा सकता है। उन्होंने राज्य में विकास को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, लेकिन उन्हें अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
लेखक पिछले दो दशक से प्रिंट मीडिया में सक्रिय हैं। लोकमत, अमर उजाला, दैनिक भास्कर में अपनी सेवाएं दी हैं।वर्तमान के रायपुर के प्रतिष्ठित अखबार से बतौर डिप्टी न्यूज एडिटर जुड़े हुए हैं। इस लेख में उनके निजी विचार हैं।
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