रायपुर. छत्तीसगढ़ में IPS अफसर रहे जीपी सिंह के लिए राहत की खबर आई है। अनिवार्य सेवानिवृत्त किए गए सिंह को दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें कैट यानी केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के आदेश को चुनौती दी गई थी।
कैट ने सुनाया था पक्ष में फैसला
ज्ञात हो कि जीपी सिंह ने कंपलसरी रिटायरमेंट को कैट में चुनौती दी थी। कैट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया था और उन्हें बहाल करने का आदेश दिया था। कैट के आदेश के बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भी उनके खिलाफ चल रहे केस में उनके पक्ष में ही फैसला सुनाया था।
छत्तीसगढ़ में बहाली का रास्ता साफ
कैट के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट की ओर सही ठहराया गया है। इसके बाद अब छत्तीसगढ़ पुलिस में उनकी बहाली का रास्ता भी साफ हो गया है। ज्ञात हो कि जीपी सिंह 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने इसी साल 30 अप्रैल 2024 को कैट के आदेश को सही ठहराया था। इससे पहले जीपी सिंह को छत्तीसगढ़ सरकार की अनुशंसा पर भारत सरकार ने अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया था ।
जीपी सिंह पर सरकार ने राजद्रोह का केस दर्ज कराया था
छत्तीसगढ़ ACB ने जुलाई 2021 को जीपी सिंह के पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगले के अलावा राजनांदगांव और ओडिशा के 15 अन्य ठिकानों पर छापा मार कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई में 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ कई संवेदनशील दस्तावेज मिले थे। इस पर ACB ने जीपी सिंह के खिलाफ FIR दर्ज की थी।
वहीं, दूसरी ओर सरकार ने 5 जुलाई को उन्हें सस्पेंड कर दिया और 8 जुलाई की रात को उनके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज करा दिया गया था। जीपी सिंह पर सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था।
इस केस की जांच के बाद 11 जनवरी 2022 को जीपी सिंह को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद उन्हें मई 2022 में जमानत मिली गई। सर्विस रिव्यू कमेटी की सिफारिश पर 21 जुलाई 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने IPS जीपी सिंह को कंपलसरी रिटायर कर दिया था। उस समय जीपी सिंह की सर्विस के 8 साल बचे थे।