अरुण तिवारी, RAIPUR. छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन को नहीं पता की कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी ( Corporate Social Responsibility ) का एक हजार करोड़ का फंड कहां खर्च हो रहा है। देवांगन ने सीएम विष्णुदेव साय ( CM Vishnudev Say ) को पत्र लिखकर कहा कि भारत सरकार के साथ समन्वय बनाकर कुछ ऐसी व्यवस्था की जाए कि सरकार को पता चले कि आखिर सीएसआर ( CSR ) का फंड कहां और कितना खर्च हो रहा है। देवांगन ने पत्र में सीएम से कहा कि पिछले विधानसभा सत्र में कई विधायकों ने ये सवाल लगाकर सीएसआर मद से होने वाले कामों की जानकारी सरकार से मांगी थी। राज्य शासन के स्तर पर ऐसे कोई नियम या अधिकार तय नहीं हैं जिससे ये पता चले कि सीएसआर मद की राशि कहां खर्च हो रही है। यही कारण है कि उद्योग विभाग के पास इसकी कोई जानकारी ही नहीं है।
सरकार खर्च करे सीएसआर की राशि
देवांगन ने कहा कि सीएसआर की राशि शासन स्तर पर खर्च की जानी चाहिए। इससे उद्योगों से प्रभावित होने वाले लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। साथ ही पर्यावरण को हो रहे नुकसान की भरपाई भी बेहतर तरीके से की जा सकेगी। देवांगन ने कहा कि इस तरह के नियम बनने चाहिए जिससे सीएसआर की राशि सरकार के जरिए खर्च हो सके। इसके लिए केंद्र सरकार से भी आवश्यक समन्वय बनाने के लिए राज्य को पहल करनी चाहिए।
सीएसआर के 1000 करोड़ सालाना खर्च
प्रदेश में काम करने वाले उद्योग कार्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी निभाते हुए सालाना एक निश्चित राशि समाजिक कार्यों पर खर्च करते हैं। इसे ही सीएसआर फंड कहा जाता है। छत्तीसगढ़ में संचालित राष्ट्रीय स्तर के सार्वजनिक और निजी उपक्रम,अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट समेत सभी उद्योग सालाना एक हजार करोड़ रुपए खर्च करते हैं, लेकिन ये पैसे कहां खर्च हो जाते हैं इसका कोई ठोस हिसाब किताब नहीं होता। मंत्री कहते हैं कि यह राशि यदि सरकार के जरिए खर्च होगी तो उद्योगों से प्रभावित लोगों के साथ ही उनकी बुनियादी जरुरतों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क, कुपोषण और इंन्फ्रास्ट्रक्चर पर ये राशि खर्च की जा सकेगी।