/sootr/media/media_files/2025/11/06/chhattisgarh-government-review-noc-rule-doctors-pg-counseling-2025-11-06-18-32-06.jpg)
Raipur. छत्तीसगढ़ सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की एक और नियमों में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। यह नियम डॉक्टर के विशेषज्ञ पढ़ाई से जुड़ा हुआ है। छत्तीसगढ़ सरकार नीट-पीजी स्टेट काउंसलिंग में एनओसी के लिए 25 लाख रुपये की जमीन या फिक्स्ड डिपॉजिट की अनिवार्यता वाले नियम को हटा सकती है। सरकार इसकी समीक्षा कर रही है।
क्या है नियम?
छत्तीसगढ़ में सरकारी सेवा कर रहे डॉक्टरों को नीट-पीजी के कोर्स के दौरान राज्य स्तरीय अनापत्ति प्रमाण पत्र देना होता है। काउंसलिंग में भाग लेने से पहले इसके लिए 25 लाख रुपये मूल्य की जमीन या एफडी को सुरक्षा के रूप में जमा करना अनिवार्य है। इस शर्त के चलते कई सरकारी डॉक्टर आर्थिक तंगी के कारण आगे की पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं। हालांकि इस नियम के पीछे पुरानी सरकार ने पीजी की पढ़ाई के बाद सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सेवा को जरूरी करने के लिए बनाया था।
पिछली सरकार ने बनाया था नियम
छत्तीसगढ डॉक्टर्स फेडरेशन द्वारा पिछली सरकार द्वारा बनाये नियम का लगातार विरोध कर रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार इस नियम की समीक्षा कर रहे हैं, हम सभी के हित में जल्द कोई ठोस समाधान निकालेंगे।
डॉक्टरों करते आ रहे नियम का विरोध
छतीसगढ़ डॉक्टर्स इस नियम को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के खिलाफ और संविधान के समान अवसर के सिद्धांतों के विपरीत बताया है। संगठन ने मांग रखी कि ऐसे छात्रों को राहत देने के लिए नोटरीकृत एफिडेविट को वैकल्पिक दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाए। जिससे सरकार को भरोसा रहे।
जमानत राशि को कम करने कहा था
छत्तीसगढ़ के डॉक्टर्स ने कुछ मांगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से मुलाकात की थी। जिसमे पीजी की पढ़ाई के लिए जमानत राशि रखवाने के नियम को शिथिल करने को कहा था। जिस पर स्वास्थ्य मंत्री ने इस पर बदलाव लाने की स्पष्टता की है।
जल्द निर्णय लेंगे
सरकार डॉक्टरों को सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है। नियम की समीक्षा की जा रही। जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।
श्याम बिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री, छग
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us