RAIPUR. स्वामी आत्मानंद स्कूल अब छत्तीसगढ़ सरकार खुद चलाएगी। ये स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन रहेंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में इसकी घोषणा की। छत्तीसगढ़ सरकार आत्मानंद स्कूल योजना पर श्वेत पत्र लाएगी। हम आपको श्वेत पत्र से जुड़ी हर जानकारी दे रहे हैं...
क्या होता है श्वेत पत्र ?
श्वेत पत्र किसी विस्तृत जानकारी का सारांश होता है। ये सरकार, व्यक्ति या संस्था की ओर से जारी किए जाते हैं। इसमें जनता को विस्तृत जानकारी दी जाती है। सरकार के अलावा कई संस्था अपनी तकनीक का प्रचार-प्रसार के लिए श्वेत पत्र जारी करती हैं, जिससे वे आम लोगों तक पहुंच सकें।
श्वेत पत्र में क्या-क्या होता है ?
श्वेत पत्र में किसी योजना में कमी, दुष्परिणाम और सुधार के सुझाव शामिल होते हैं। उदाहरण के तौर पर छत्तीसगढ़ सरकार आत्मानंद स्कूल योजना पर श्वेत पत्र लाएगी तो योजना में कमी, दुष्परिणाम और सुझाव शामिल होंगे।
NDA सरकार लाई श्वेत पत्र
केंद्र (NDA) सरकार ने सदन में श्वेत पत्र पेश किया। ये श्वेत पत्र 10 साल पहले की मनमोहन सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन को लेकर था। आपको बता दें कि श्वेत पत्र की शुरुआत 102 साल पहले साल 1922 में ब्रिटेन में हुई थी।
मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने क्या कहा ?
स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि मंत्री अग्रवाल ने बताया कि स्वामी आत्मानंद योजना में स्कूलों के जीर्णोद्धार पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं। इतने में नए स्कूल बन जाते। मामले की जांच करके अगले सत्र में श्वेत पत्र लाने की कोशिश करेंगे।
लघु वनोपज प्रबंधक गए हड़ताल पर, मिलेट्स की खरीदी बंद
'स्कूलों में भारी भ्रष्टाचार का अंदेशा'
स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि स्कूल में भारी भ्रष्टाचार का अंदेशा है, इसकी जांच करेंगे। विधानसभा में सरकार के पास ये तथ्य सामने आया कि कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश में आत्मानंद स्कूलों के मेंटनेंस में ही करीब 800 करोड़ रुपए खर्च कर दिए हैं। स्वामी आत्मानंद स्कूलों की संचालन समितियों को खत्म करने का फैसला सरकार ने लिया है। आर.डी. तिवारी स्कूल मरम्मत में अनियमितता की जांच भी सरकार करेगी। स्वामी आत्मानंद जी के नाम को कांग्रेस ने धूमिल किया है।