रायपुर. छत्तीसगढ़ में मिलेट्स खरीदी बंद हो गई है। इसकी वजह प्रबंधक संघ की अनिश्चितकालीन हड़ताल है। सीएम विष्णु देव साय ने संगठन के पदाधिकारियों से मांगों पर लेकर चर्चा को लेकर शनिवार को बुलाया है। छत्तीसगढ़ प्रबंधक संघ के प्रदेशाध्यक्ष रामाधर लहरे का कहना है कि प्रबंधकों का वेतनमान एक जुलाई 2023 से लागू करने सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल की जा रही है।
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जानकारी के अनुसार हड़ताल का सीधा असर मिलेट्स योजना पर देखने को मिल रहा है। छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना अंतर्गत 65 प्रकार के वनोपजों और तीन प्रकार के मिलेट्स कोदो, कुटकी व रागी का संग्रहण प्राथमिक लघुवनोपज संघ के प्रबंधकों के माध्यम से किया जाता है। रामाधर लहरे का कहना है कि कुछ दिनों पहले वन मंत्री केदार कश्यप से मुलाकात की थी और अपनी मांगों को रखा था। उनसे सिर्फ आश्वासन मिला। इससे नाराज प्रबंधकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का रास्ता अपनाया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 902 में से 400 से अधिक प्रबंधक अभी दो सालों के अंदर बिना नियमितीकरण व बिना किसी शासकीय सेवा का लाभ लिए रिटायर हो जाएंगे।
प्रबंधकों की प्रमुख मांगें
: प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति प्रबंधकों की स्वीकृत विभागीय प्रस्ताव के अनुसार तीन स्तरीय संविदा वेतनमान लेवल- सात, आठ और नौ का संशोधित आदेश दिया जाए।
: प्रबंधकों का सेवा नियम 2016 से लागू है, जिसमें लिखा है कि नियुक्ति के एक साल बाद उन्हें नियमित माना जाएगा। इसका लिखित में आदेश देकर पालन किया जाए।
: प्रबंधकों का वेतन उनके निजी खाते में अन्य कर्मचारियों की तरह डाला जाए।
: शासन के वित्त निर्देश के अनुसार प्रबंधकों का वेतनमान एक जुलाई 2023 से लागू किया जाए। (लघु वनोपज प्रबंधक, millets )
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