छत्तीसगढ़ में नई गाइडलाइंस पर बवाल; जमीन 5 से 9 गुना महंगी, सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने सीएम को लिखा पत्र

छत्तीसगढ़ में लागू हुई नई गाइडलाइन ने रियल एस्टेट सेक्टर और आम जनता के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। कई क्षेत्रों में जमीनों के मूल्य में 5 से 9 गुना तक की बेतहाशा वृद्धि हो गई है। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने CM साय को पत्र लिखा है।

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Harrison Masih
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Raipur. छत्तीसगढ़ में नई कलेक्टर गाइडलाइन से जमीनों की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर और आम जनता में भारी आक्रोश है। नई गाइडलाइन के तहत कई क्षेत्रों में जमीनों के मूल्य में 5 से 9 गुना तक की बेतहाशा वृद्धि दर्ज की गई है। इस निर्णय को लेकर अब सियासत भी गरमा गई है।

रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर इस निर्णय को तत्काल स्थगित करने की मांग की है। वहीं, कांग्रेस ने भी इस वृद्धि को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है।

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बृजमोहन अग्रवाल ने CM को लिखा पत्र

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने अपने पत्र में स्पष्ट लिखा है कि नई गाइडलाइन बिना किसी जन-परामर्श और वास्तविक मूल्यांकन के लाई गई है। उन्होंने इसके गंभीर परिणामों की ओर इशारा किया। यह वृद्धि किसान, व्यापारी, मध्यम वर्ग सहित सभी वर्गों पर भारी आर्थिक बोझ डाल रही है। उन्होंने लाभांडी और निमोरा जैसे गांवों का उदाहरण दिया, जहां जमीन की कीमतें क्रमशः 725% और 888% तक बढ़ गई हैं।

उन्होंने चेतावनी दी कि इस फैसले से पूरे प्रदेश में जमीन की खरीद-फरोख्त ठप हो जाएगी। अग्रवाल ने उस बात को भ्रामक बताया जिसमें कहा जा रहा है कि नई गाइडलाइन से भूमि अधिग्रहण में ज्यादा मुआवजा मिलेगा। उनके अनुसार, इससे केवल 1% किसानों को फायदा होगा, जबकि 99% जनता पर आर्थिक बोझ पड़ेगा।उन्होंने मुख्यमंत्री से तत्काल पुरानी गाइडलाइन बहाल करने की मांग की है।

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कांग्रेस का हमला

इस मामले पर कांग्रेस भी बीजेपी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बृजमोहन अग्रवाल ने जो बात पत्र में लिखी है, वही बात आज छत्तीसगढ़ का हर व्यक्ति कह रहा है। शुक्ला ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री इस मामले पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जमीन की दरों में इतनी बेतहाशा वृद्धि किस सोच के तहत की गई है? सरकार की हठ और एक मंत्री की ज़िद के कारण प्रदेशभर के रियल एस्टेट सेक्टर को तबाह करने की साज़िश की जा रही है।

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रजिस्ट्री ड्यूटी और जमीन मूल्य का गणित

नियमपुरानी गाइडलाइननई गाइडलाइन
बाजार मूल्य गणना30% छूट के बाद (सिर्फ 70% मूल्य गिना जाता था)30% छूट खत्म (पूरा 100% मूल्य गिना जाएगा)
पंजीयन शुल्क (4% और 2%)70% कम मूल्य पर 4% ड्यूटी100% बढ़े हुए मूल्य पर भी 4% ड्यूटी (ड्यूटी कम नहीं की गई)
असरज़मीन सस्ती मानी जाती थी, ड्यूटी का भार कम था।ज़मीन महंगी मानी जा रही है, लेकिन ड्यूटी नहीं घटी, जिससे अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है।

व्यापारियों की मांग

व्यापारियों का कहना है कि जब जमीन का मूल्य बढ़ाकर 100% कर दिया गया है, तो पंजीयन शुल्क को भी 4% से घटाकर 0.8% किया जाना चाहिए, ताकि आम लोगों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़े और कुल भार पहले जैसा बना रहे।

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गरीय क्षेत्र में 9 गुना तक उछाल का कारण

रियल एस्टेट बिजनेसमैन गुरबख्श छाबड़ा के अनुसार, कीमतों में 7 से 9 गुना तक की वृद्धि का एक बड़ा कारण यह है कि अब नगरीय क्षेत्र (नगर निगम/नगर पालिका) में एक ही जमीन का मूल्यांकन दो अलग-अलग दरों पर किया जा रहा है। इस दोहरे मूल्यांकन प्रणाली से जमीन का कुल मूल्य अत्यधिक बढ़ गया है।

उदाहरण: जो जमीन पहले 10 लाख की थी, उसकी कीमत बढ़कर 70 लाख तक हो गई है। ऐसे में रजिस्ट्रेशन शुल्क जहाँ 70 हजार लगता था, अब वह 7 लाख तक लगेगा।

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