छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: फिर बढ़ी चैतन्य बघेल की रिमांड, अब 12 नवंबर तक रहेंगे जेल में

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में नया मोड़ आया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की मुश्किलें कम होने की बजाय और बढ़ गई हैं। कोर्ट ने उनकी रिमांड 12 नवंबर तक बढ़ा दी है।

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Harrison Masih
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Raipur. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले (Liquor Scam) मामले में बड़ी अपडेट सामने आई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की रिमांड अवधि एक बार फिर बढ़ा दी गई है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक अब चैतन्य बघेल 12 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे।

कोर्ट में पेशी और फैसला

आज (29 अक्टूबर) चैतन्य बघेल की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से रिमांड बढ़ाने की मांग की गई, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई के बाद रिमांड बढ़ाने का आदेश दिया। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच अभी प्रारंभिक स्तर पर है और कई वित्तीय ट्रांजैक्शन की जांच शेष है।

इस दौरान निरंजन दास को भी कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन उन्हें भी राहत नहीं मिली। अदालत ने उनके संबंध में किसी प्रकार की रियायत देने से इनकार कर दिया।

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गिरफ्तारी और आरोपों की पृष्ठभूमि

गौरतलब है कि 18 जुलाई 2025 को ईडी ने चैतन्य बघेल (Chaitanya baghel) को भिलाई स्थित उनके निवास से गिरफ्तार किया था। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध निवेश के गंभीर आरोप लगे हैं। ईडी की जांच के अनुसार, चैतन्य बघेल ने 16 करोड़ 70 लाख रुपए की अवैध कमाई को अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में लगाया। आरोप है कि उन्होंने ठेकेदारों को नकद भुगतान, फर्जी बैंक एंट्री और फ्लैट खरीदी के नाम पर यह पैसा घुमाया।

जांच एजेंसी का कहना है कि बघेल ने त्रिलोक सिंह ढिल्लो के साथ मिलकर ‘विट्ठलपुरम’ नामक रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में फर्जी फ्लैट खरीदी की योजना बनाई थी। इस योजना के जरिए उन्होंने करीब 5 करोड़ रुपए का लाभ उठाया। बताया जा रहा है कि इन फ्लैटों को त्रिलोक सिंह ढिल्लो के कर्मचारियों के नाम पर खरीदा गया था, लेकिन वास्तविक लाभार्थी चैतन्य बघेल ही थे।

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राजनीतिक हलचल और प्रतिक्रियाएं

इस मामले ने राज्य की राजनीति में जोरदार हलचल मचा दी है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित है और केंद्र सरकार की एजेंसियां विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही हैं। वहीं, भाजपा ने इसे “भ्रष्टाचार का खुला सबूत” बताते हुए कहा कि ईडी को जांच पूरी करने का पूरा अवसर मिलना चाहिए।

आगे की कार्रवाई 

ईडी अब इस मामले में रियल एस्टेट लेनदेन से जुड़े दस्तावेजों, बैंक ट्रांजैक्शनों और अन्य संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ करेगी। जांच एजेंसी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस धन का कुछ हिस्सा विदेशों में भी ट्रांसफर हुआ है। अगली सुनवाई अब 12 नवंबर को होगी, जब अदालत में ईडी अपनी प्रगति रिपोर्ट पेश करेगी।

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