नई उड़ान, नया क्षितिज... महतारी वंदन योजना से छत्तीसगढ़ में महिलाएं लिख रहीं आत्मनिर्भरता की कहानी

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार में महिलाओं ने आत्मनिर्भरता, सम्मान और नेतृत्व की नई मिसाल बनाई है। योजनाओं ने घर-परिवार और समाज में उनकी भूमिका को नई ताकत दी है।

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Raipur.छत्तीसगढ़ नए दौर की शुरुआत कर रहा है। यह सिर्फ विकास की नहीं, बल्कि 'महतारियों' की उड़ान की कहानी है, जो अब प्रदेश की असली ताकत बनकर उभरी हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य की सोच बदली है। अब महिला सशक्तिकरण किसी योजना तक सीमित नहीं, बल्कि हर घर की हकीकत बन रहा है।

बीते करीब डेढ़ साल में छत्तीसगढ़ की महिलाओं की जिंदगी में जो बदलाव आया है, वह किसी क्रांति से कम नहीं। सरकार की कई योजनाओं ने उनके जीवन में आत्मविश्वास और सम्मान की नई रौशनी जलाई है। इनमें सबसे असरदार योजना है ‘महतारी वंदन योजना’, जिसके तहत हर महीने 69 लाख से ज्यादा महिलाओं को सीधा फायदा मिल रहा है। 

इस योजना में हर महिला को हर महीने 1000 रुपए की राशि मिलती है, जो सीधे उनके खाते में पहुंचती है। अब तक 13 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि महिलाओं को दी जा चुकी है। यह रकम सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की शुरुआत है।

बस्तर के गांवों तक पहुंची नई उम्मीद

छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर बस्तर संभाग के माओवाद से मुक्त हुए इलाकों में अब ‘नियद नेल्ला नार’ योजना के तहत विकास की नई तस्वीर उभर रही है। पहले जो गांव सरकारी योजनाओं से दूर थे, वहां अब सड़कें, बिजली और रोजगार के मौके बन रहे हैं। इन्हीं गांवों की 7 हजार 658 महिलाएं अब ‘महतारी वंदन योजना’ से जुड़ चुकी हैं और हर महीने उन्हें भी राशि मिल रही है। यह उन इलाकों में नई उम्मीद की शुरुआत है, जहां कभी सिर्फ डर और सन्नाटा था।

श्यामा बाई की कहानी...छोटी रकम, बड़ा बदलाव

श्यामा नेताम

मुंगेली जिले के छोटे से गांव किरना की श्यामा नेताम ने अपने जीवन में बड़ा बदलाव देखा है। पहले वह मजदूरी और छोटी खेती पर निर्भर थीं। महतारी वंदन योजना से हर महीने मिलने वाले 1000 रुपए उन्होंने खर्च नहीं किए, बल्कि कुछ महीनों तक बचाकर एक बकरी खरीदी।

यही छोटी सी शुरुआत आगे चलकर बड़ा सहारा बन गई। अब उनके पास कई बकरियां हैं और हर महीने करीब 3000 रुपए की अतिरिक्त आमदनी हो रही है। श्यामा मुस्कुराते हुए कहती हैं, पहले घर चलाना मुश्किल था, अब अपने दम पर परिवार संभाल रही हूं। यह योजना मेरे लिए नई शुरुआत है। श्यामा जैसी हजारों महिलाएं अब आत्मनिर्भरता की मिसाल बन चुकी हैं।

खुल रहे रोजगार के नए रास्ते  

छत्तीसगढ़ में अब महिलाएं नौकरी या सहारे की मोहताज नहीं रहीं। कई योजनाओं ने उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने का मौका दिया है। दीदी ई-रिक्शा योजना से 12 हजार महिलाएं अब खुद का रोजगार चला रही हैं। सक्षम योजना के तहत 32 हजार महिलाओं को कम ब्याज पर 2 लाख रुपए तक का लोन मिला है। महतारी शक्ति ऋण योजना में 50 हजार महिलाओं को बिना जमानत लोन मिला है। मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना से 1.15 लाख महिलाएं घर से ही कमाई कर रही हैं। इन योजनाओं ने महिलाओं के आत्मविश्वास को नई ऊंचाई दी है। अब वे सिर्फ कमाने नहीं, बल्कि दूसरों को प्रेरित करने लगी हैं।

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अब महिलाएं बन रहीं हैं उद्यमी

कोंडागांव की रतो बाई कभी नक्सल हिंसा के बीच जिंदगी बिताती थीं। अब उनके पास प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपना घर है। मनरेगा से रोजगार मिला और सब्जी बेचकर आज वे अपने परिवार का खर्च खुद उठाती हैं। दंतेवाड़ा की गंगादेवी और उनके स्व-सहायता समूह की साथी महिलाएं अब वाहन चला रही हैं और हर महीने 26 हजार रुपए तक की कमाई कर रही हैं। ऐसी कहानियां यह साबित करती हैं कि जब अवसर मिलते हैं, तो महिलाएं किसी भी कठिनाई को सफलता में बदल सकती हैं।

बस्तर की महिलाएं आत्मनिर्भरता की नई पहचान

कभी डर और हिंसा से घिरे बस्तर की महिलाएं अब आत्मनिर्भरता की पहचान बन गई हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कहते हैं, बस्तर का पुनर्निर्माण सड़कों से नहीं, बल्कि हर घर में विश्वास का दीप जलाने से होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बस्तर, सुकमा, कांकेर, बीजापुर और दंतेवाड़ा में 15 हजार घर स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से 12 हजार से ज्यादा बन चुके हैं। अब इन इलाकों की महिलाएं परिवार की रीढ़ बन चुकी हैं।

स्व-सहायता समूहों की ताकत

आज छत्तीसगढ़ में 2 लाख 80 हजार से ज्यादा स्व-सहायता समूह (SHG) सक्रिय हैं। इनमें से 60 हजार समूह सिर्फ बस्तर में काम कर रहे हैं। ये समूह वनोपज, हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण और कृषि से जुड़े कामों के जरिए लाखों रुपए का कारोबार कर रहे हैं। लखपति महिला मिशन के तहत 2 हजार महिलाएं सालाना 1 लाख रुपए से ज्यादा कमा रही हैं। ‘जशप्योर ब्रांड’ और बस्तर के बेंत उत्पाद ने तो राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना ली है।

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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ महतारी वंदन योजना
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