छत्तीसगढ़ @ 25: नवा रायपुर का नया दौर, अब यहां लिखी जा रही है आधुनिक CG की नई कहानी

छत्तीसगढ़ की नई राजधानी नवा रायपुर‑अटल नगर 25 वर्ष पूरा कर रही है। स्मार्ट सिटी मॉडल, ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल गवर्नेंस और निवेश आकर्षित करने वाली नीति ने इसे राज्य के भविष्य का केंद्र बना दिया है।

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Raipur. 1 नवंबर 2000... यह वही तारीख है, जब देश के नक्शे पर छत्तीसगढ़ के रूप में नए राज्य का जन्म हुआ था। अब छत्तीसगढ़ अपनी रजत जयंती मना रहा है। 25 साल की इस यात्रा में प्रदेश ने सिर्फ नए अवसर नहीं बनाए, बल्कि नई पहचान गढ़ी है। नवा रायपुर अटल नगर इसका शानदार उदाहरण है।

यह शहर सिर्फ एक नई राजधानी नहीं, बल्कि भविष्य के छत्तीसगढ़ की झलक है। यहां स्मार्ट सिटी, ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल गवर्नेंस और रोजगार की नई संभावनाओं के द्वार खुले हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने इसे राज्य की प्राथमिकता में सबसे ऊपर रखा है।

कैसे जन्मा नवा रायपुर अटल नगर

पुराने रायपुर में जनसंख्या बढ़ने, ट्रैफिक जाम और सरकारी दफ्तरों की बिखरी व्यवस्था के कारण नया प्रशासनिक और आवासीय केंद्र बनाने का निर्णय लिया गया। यहीं से शुरू हुई नवा रायपुर अटल नगर की कहानी।

यह सिर्फ सरकारी इमारतों को शिफ्ट करने की योजना नहीं थी, बल्कि एक सुव्यवस्थित और पर्यावरण-अनुकूल स्मार्ट सिटी बनाने का सपना था। रायपुर के दक्षिण-पूर्व में फैले इलाके में इस नए शहर का नक्शा खींचा गया, जिसमें बरौदा, रीको, मंदिर हसौद, सेरीखेड़ी और नकटी जैसे गांवों को भी जोड़ा गया।

स्मार्ट सिटी की तर्ज पर इंफ्रास्ट्रक्चर

नवा रायपुर की पहचान उसका आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर है। यहां की चौड़ी सड़कें, साइकिल ट्रैक, पैदल पथ, ऑटोमैटिक ट्रैफिक सिस्टम और हरित क्षेत्र इसे आधुनिक शहरी केंद्र बनाते हैं। करीब 30 प्रतिशत क्षेत्र हरियाली के लिए आरक्षित है। सेंट्रल पार्क, नंदन वन और जय स्तंभ चौक जैसे स्थान इस शहर की पहचान बन रहे हैं।

डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए पूरे शहर में फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क और वाई-फाई जोन बनाए जा रहे हैं। ई-गवर्नेंस और इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम से यह पूरी तरह डिजिटल रूप से सक्षम शहर बनता जा रहा है। सौर ऊर्जा संयंत्रों और ऊर्जा दक्ष इमारतों के कारण नवा रायपुर को देश की ग्रीन सिटीज की सूची में शामिल किया जा सकता है।

निवेश का नया हब

नवा रायपुर अब सिर्फ रहने का शहर नहीं, बल्कि निवेश का केंद्र भी बन चुका है। आईटी और आईटीईएस उद्योगों के लिए स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) तैयार किया गया है। एजुकेशन सेंटर, बिजनेस पार्क और मेडिकल यूनिवर्सिटी की उपस्थिति निवेशकों को आकर्षित कर रही है।

राज्य सरकार ने निवेशकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम और पारदर्शी नीतियां लागू की हैं। इन प्रयासों के कारण नवा रायपुर मध्य भारत का उभरता हुआ व्यावसायिक और प्रशासनिक हब बन गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर सरकार अब इसे आईटी हब बनाने पर जोर दे रही है। एआई, सेमीकंडक्टर, स्टील और एनर्जी जैसे सेक्टरों से करीब 6.65 लाख करोड़ रुपए तक के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। जापान और कोरिया जैसे देशों की कंपनियां भी यहां अपना बिजनेस शुरू करने में रुचि दिखा रही हैं।

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रोजगार सृजन की नई राह

इस क्षेत्र में उद्योगों और सेवाओं के विस्तार से रोजगार के नए अवसर खुल रहे हैं। पहले चरण में हैदराबाद की स्क्वेयर बिजनेस सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और दिल्ली की रेडिकल माइंड्स टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों ने आवेदन किया है। दोनों कंपनियों का संयुक्त टर्नओवर 110 करोड़ से अधिक है और इनके पास करीब 6,500 कुशल कर्मचारी पहले से कार्यरत हैं। सरकार का मानना है कि आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में हजारों युवाओं को आईटी और तकनीकी नौकरियां मिल सकेंगी।

ग्रीन बेल्ट पर हो रहा काम

नवा रायपुर को ग्रीन सिटी के रूप में विकसित करने के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। शहर की कुल जमीन का लगभग एक तिहाई हिस्सा हरित क्षेत्र के रूप में सुरक्षित रखा गया है। यहां खुले पार्क, वृक्षारोपण क्षेत्र और हरे गलियारे बनाए जा रहे हैं, ताकि नागरिकों को स्वच्छ हवा और बेहतर जीवन मिले। सौर ऊर्जा संयंत्रों से बिजली उत्पादन बढ़ाया जा रहा है, ताकि पर्यावरण पर बोझ न बढ़े।

सरकार ने ईको-टूरिज्म और वन उत्पाद आधारित अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दिया है, ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय लोगों को आय के अवसर भी मिल सकें।

मेडिसिटी: स्वास्थ्य सेवाओं की नई पहचान

छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर सेक्टर-37 में लगभग 400 एकड़ क्षेत्र में एक विश्वस्तरीय मेडिसिटी बनाई जा रही है। इसमें सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, मेडिकल रिसर्च सेंटर, ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट और हॉस्पिटैलिटी सुविधाएं शामिल होंगी। इसके तैयार होने के बाद छत्तीसगढ़ देश में मेडिकल टूरिज्म का नया केंद्र बन सकता है।

इसी के साथ सेक्टर-22 के ग्राम तूता में 141 एकड़ जमीन पर फार्मास्युटिकल पार्क तैयार किया जा रहा है। यहां दवा निर्माण, पैकेजिंग और लॉजिस्टिक्स जैसे उद्योग स्थापित होंगे, जिससे प्रदेश में नौकरियों के नए रास्ते खुलेंगे।

डिजिटल छत्तीसगढ़ की दिशा में कदम

साय सरकार ने डिजिटल छत्तीसगढ़ की दिशा में भी बड़े कदम उठाए हैं। प्रदेशभर में अटल डिजिटल सर्विस सेंटर खोले जा रहे हैं, ताकि गांव स्तर पर ही नागरिकों को सरकारी सेवाएं मिल सकें। नवा रायपुर में फाइबर नेटवर्क, वाई-फाई जोन और सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट (CBD) जैसे आधुनिक क्षेत्र विकसित हो रहे हैं। CBD में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मनोरंजन केंद्र और होलोग्राफिक डिस्प्ले जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी।

रियल एस्टेट और आवासीय विकास

नवा रायपुर में योजनाबद्ध तरीके से नई कॉलोनियां और सेक्टर विकसित किए जा रहे हैं। बरौदा, रमचंडी, रीको, सेरीखेड़ी जैसे गांव अब मास्टर प्लान का हिस्सा बन चुके हैं। यहां चौड़ी सड़कें, अंडरग्राउंड बिजली लाइनें, सीवरेज सिस्टम और गैस पाइपलाइन जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। नया रायपुर अब सिर्फ सरकारी दफ्तरों का इलाका नहीं रहा, बल्कि यह आम नागरिकों के लिए भी आधुनिक और सुरक्षित आवासीय क्षेत्र बन रहा है।

कर्जमुक्त हुआ NRDA

नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण (NRDA) ने हाल ही में 1 हजार 788 करोड़ रुपए का कर्ज चुका कर खुद को कर्जमुक्त घोषित किया है। यह उपलब्धि राज्य की वित्तीय साख को मजबूत बनाती है। कर्जमुक्त होने के बाद अब विकास कार्यों की गति और तेज हुई है। यह मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार के वित्तीय अनुशासन और प्रभावी प्रबंधन का उदाहरण माना जा रहा है।

कुल मिलाकर कहें तो 25 वर्षों की यात्रा छत्तीसगढ़ के साहस, संघर्ष और संकल्प की कहानी है। आज जब राज्य अपनी रजत जयंती मना रहा है, तब नवा रायपुर अटल नगर उसकी सबसे बड़ी उपलब्धि के रूप में उभर रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दूरदर्शिता ने इस प्रोजेक्ट को विकास, निवेश और जीवनशैली का केंद्र बना दिया है।

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