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छत्तीसगढ़ में अब बिजली का बिल लोगों की जेब पर बोझ नहीं बन रहा, बल्कि राहत बन रहा है। प्रधानमंत्री सूर्य घर बिजली योजना के तहत अब लोग अपने घरों की छत पर सोलर पैनल लगाकर मुफ्त में बिजली पा रहे हैं और अतिरिक्त बिजली बेचकर कमाई भी कर रहे हैं।
इस योजना को लेकर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर डबल सब्सिडी दे रही हैं। इससे सोलर पैनल लगाना लोगों के लिए बेहद सस्ता और आसान हो गया है।
इस योजना के तहत केंद्र सरकार जहां 78,000 रुपये तक की सब्सिडी देती है। इस योजना में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जनता को बड़ी राहत दी है।
अब राज्य सरकार की ओर से इसमें और मदद करते हुए 30,000 रुपए तक की अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है। इस तरह कुल मिलाकर एक परिवार को 1.08 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद मिल रही है।
इससे 1 से 3 किलोवाट तक के सोलर संयंत्र अब बहुत कम लागत में लग जा रहे हैं और लोग साल भर बिजली के खर्च से पूरी तरह आजाद हो रहे हैं।
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बिजली फ्री, ऊपर से कमाई भी
इस योजना का असर जमीन पर दिखने लगा है। लोग अपने घरों में सोलर सिस्टम लगाकर बिजली का बिल शून्य कर रहे हैं और जो बिजली बच जाती है, उसे बिजली कंपनी को बेचकर हर महीने आमदनी भी कर रहे हैं।
सक्ती जिले के डभरा निवासी अनिल कुमार साहू ने अपने घर की छत पर 3 किलोवाट का सोलर पैनल लगवाया है। अब उनका बिजली बिल शून्य है और वह बची हुई बिजली ग्रिड को देकर हर महीने कमाई कर रहे हैं। अनिल साहू इसे बचत का सबसे अच्छा तरीका बताते हैं।
मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले की स्वाति यादव भी अब बिजली के लिए किसी पर निर्भर नहीं हैं। उन्होंने 2 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगवाया है।
पहले उन्हें हर महीने करीब 3,000 रुपये का बिजली बिल देना पड़ता था। अब वह सारा पैसा बचा लेती हैं। उनका कहना है, इस योजना से हमारा बजट बहुत बेहतर हो गया है।
इस तरह का है गणित
संयंत्र की क्षमता | केंद्र की सब्सिडी | राज्य की सब्सिडी | कुल मदद |
1 किलोवाट | ₹30,000 | ₹15,000 | ₹45,000 |
2 किलोवाट | ₹60,000 | ₹30,000 | ₹90,000 |
3 किलोवाट या अधिक | ₹78,000 | ₹30,000 | ₹1,08,000 |
सालाना 1.30 लाख घर होंगे आत्मनिर्भर
राज्य सरकार ने इस योजना को लेकर बड़ा लक्ष्य तय किया है। 2025-26 में 60,000 घरों में सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य है। 2026-27 में यह संख्या बढ़ाकर 70,000 करने की तैयारी है। यह योजना सीधे-सीधे आम परिवारों की जेब में पैसे बचाने का मौका दे रही है। साथ ही इससे बिजली उत्पादन पर खर्च कम हो रहा है और पर्यावरण भी सुरक्षित रह रहा है।
राज्य सरकार हाउसिंग सोसायटियों और आवासीय कल्याण संघों को भी इस योजना में शामिल कर रही है। इससे बड़े पैमाने पर शहरों में भी बिजली आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और फ्लैट में रहने वाले लोग भी योजना का लाभ उठा सकेंगे।
राज्य सरकार ने खोला नया रास्ता
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने इस योजना को तेजी से आगे बढ़ाया है। खास बात यह है कि राज्य ने केंद्र की मदद का इंतजार नहीं किया, बल्कि खुद आगे बढ़कर लोगों को अतिरिक्त सब्सिडी देना शुरू किया। इससे योजना को तेज रफ्तार मिली है और हर जिले से लोग इसमें जुड़ने लगे हैं।
अब लोग सिर्फ बिजली का उपभोक्ता नहीं, बल्कि उत्पादक भी बन रहे हैं। सौर ऊर्जा के इस बढ़ते उपयोग से बिजली कंपनियों पर दबाव कम हो रहा है, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रोजगार बढ़ रहा है और पर्यावरण को भी राहत मिल रही है।
नया दौर, नई सोच
छत्तीसगढ़ में ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि हर परिवार के जीवन में बदलाव लाने वाला अभियान बनता जा रहा है। बिजली के लिए सूरज की ओर देखना अब तकनीक और सरकारी मदद से हकीकत बन चुका है।
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