रायपुर. छत्तीसगढ़ में सीएम विष्णुदेव साय की सरकार युवओं को नौकरी देने के मामले में सीरियस दिखाई नहीं दे रही है। सरकार बनने के दस महीने बाद भी पीएससी से कोई भर्ती नहीं निकाली है।
यहां तक की सालभर से पीएससी का कामकाज ही ठप पड़ा है। न तो उसमें अध्यक्ष है और न ही सदस्यों का कोरम पूरा है। सालभर होने को है, पीएससी प्रभारी के भरोसे ही चल रही है।
यही वजह है कि पीएससी की ओर से कोई भर्ती सालभर में भी नहीं निकाली जा सकी है। सरकारी आकड़ों के अनुसार प्रदेश में 18 लाख से ज्यादा पढ़े-लिखे बेरोजगार हैं, जिन्हें नौकरी की दरकार है।
एक साल से कोई भर्ती नहीं
पीएसएसी की ओर से इस साल कोई भर्ती नहीं निकाली गई है। साल 2022 में सबसे ज्यादा दो दर्जन भर्ती निकाली गई थीं। इनमें राज्य सेवा परीक्षा, आयुर्वेद मेडिकल ऑफिसर, केजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर, फिजियोथेरिपिस्ट, वेटरनरी असिस्टेंट सर्जन, फायर ऑफिसर, मेडिकल स्पेशलिस्ट, डेंटल सर्जन, असिस्टेंट प्रोफेसर, असिस्टेंट रजिस्ट्रार, माइनिंग अफसर के पदों पर भर्ती की गई थी।
प्रोफेसर के लिए 2021 में निकली थी भर्ती
पीएससी द्वारा प्रोफेसर भर्ती 2021 में निकाली गई थी। सरकारी कॉलेजों में 595 प्रोफेसरों की भर्ती की जानी थी। इसके लिए पीएससी ने आवेदन मंगाए थे। हालांकि, विभिन्न वजहों से इस भर्ती को टाला जाता रहा।
कुल 30 विषयों के लिए प्रोफेसरों की भर्ती की जानी हैं। इनमें पॉलिटिकल साइंस के लिए सबसे ज्यादा 75 पद , हिंदी के 64, समाजशास्त्र के लिए 57 पोस्ट हैं। अब इन भर्तियों के लिए फिर से आवेदन बुलाए जा रहे हैं।
व्यापमं से लगातार परीक्षाएं, लेकिन नई वैकेंसी नहीं
छत्तीसगढ़ में जून से लेकर अगस्त तक व्यापमं की ओर से लगातार परीक्षाएं आयोजित हुईं, लेकिन इस बीच कोई नई वैकेंसी नहीं निकाली गई। सितंबर व अक्टूबर में जिन परीक्षाओं के लिए शेड्यूल जारी किया गया है, उनके लिए बहुत पहले ही आवेदन मंगाए जा चुके हैं। वहीं, छह साल पहले हुई एसआई की परीक्षा का रिजल्ट अब तक घोषित नहीं किया गया है। पिछले दस दिनों से एसआई परीक्षा के अभ्यर्थी लगातार आंदोलन कर रहे हैं।
प्रदेश में 18 लाख हैं पढ़े लिखे बेरोजगार
छत्तीसगढ़ सरकार के अनुसार रोजगार कार्यालय में पंजीकृत पढ़े लिखे बरेरोजगारों की संख्या करीब 18 लाख है। जानकार कहते हैं कि ये तो सिर्फ सरकारी आंकड़ा है, असलियत में बेरोजगारों की संख्या इससे करीब दोगुनी है।
देश के 11 प्रमुख राज्यों में छत्तीसगढ़ में कामकाजी आबादी सबसे ज्यादा बताई जा रही है, लेकिन इसके बाद भी आधे लोग बेरोजगार हैं। पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे के अनुसार छत्तीसगढ़ में औसतन 50 फीसदी वर्कर पापुलेशन रेश्यो है। वहीं, सरकारी आकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर औसतन ढाई से साढ़े तीन फीसदी है।
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सीबीआई जांच की जद में है पीएससी
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के समय पीएससी भर्ती में घोटाले के आरोप लगे थे। पीएएसी में हुए कथित घोटले को बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया था।
बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में भी लिखा था कि सरकार बनने पर वह इस मामले की जांच सीबीआई से कराएगी। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने पर पीएसएसी मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई।
सीबीआई ने इसकी जांच शुरू कर दी है। भ्रष्टाचार में फंसे तत्कालीन पीएससी अध्यक्ष टामन सिंह को हटा दिया गया था, तभी से पीएससी बोर्ड का अध्यक्ष का पद खाली है। वहीं, सदस्यों का कोरम भी पूरा नहीं है। सरकार दस महीने में भी इनकी नियुक्ति नहीं कर पाई है।
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