रायपुर. राजधानी में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए अनूठी पहल की गई है। यहां अब नगर निगम की पानी की टंकियों की सफाई से लेकर वाटर टेस्टिंग का काम भी महिलाएं यानी दीदियां ही करेंगे। इसके लिए इन्हें अमृत मित्र का नाम दिया गया है। रायपुर नगर निगम छत्तीसगढ़ का ऐसा पहला शहर है, जिसने अमृत शहरों में स्व-सहायता समूहों को शुद्ध पेयजल प्रबंधन, जल संधारण, संरक्षण करने स्व-सहायता समूह के सदस्यों को फील्ड पर बड़ी जिम्मेदारी दी है। इन समूह के सदस्यों को मानदेय भी दिया जाएगा।
फील्ड टेस्टिंग किट से वॉटर क्वालिटी टेस्ट करेंगी
नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा के अनुसार रायपुर शहरी क्षेत्र में अमृत मिशन के तहत शुद्ध पेयजल उपलब्धता की दिशा में नगर निगम काम कर रहा है। हर घर जल के बेहतर प्रबंधन से जुड़े, मितव्ययता के साथ जल संरक्षण व संवर्धन की दिशा में शासकीय प्रयासों में अपना साथ दें, इसके लिए जन जागरूकता की जिम्मेदारी नगर निगम से जुड़े स्व-सहायता समूह की दीदियों को दिया गया है।
समूह की दीदियां उद्यानों के रख-रखाव में भी अपनी भूमिका निभाएंगी, साथ ही जल से जुड़ी हर गतिविधियों के संबंध में जागरूकता के विस्तार में अपना दायित्व निभाएंगी, इसके लिए मानदेय भी निर्धारित किया गया है।
आयुक्त ने बताया कि महिला स्व-सहायता समूह पानी टंकी परिसर की सफाई, उपभोक्ता के घर पर फील्ड टेस्टिंग किट के माध्यम से वॉटर क्वालिटी टेस्ट करने का भी काम करेंगेी। इन महिलाओं को प्रतिमाह राज्य शासन द्वारा निर्धारित 7200/- रुपए का मानदेय प्राप्त होगा।