सरकार को एक करोड़ का चूना लगाने वाले तीन सब रजिस्ट्रार सस्पेंड, 'द सूत्र' ने प्रमुखता से दिखाई थी खबर

छत्तीसगढ़ के पांच जिलों के रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार ने मिलकर सरकार को एक करोड़ का चूना लगा दिया। यह खबर द सूत्र ने प्रमुखता से दिखाई थी। द सूत्र की खबर का असर हुआ और सरकार ने तीन सब रजिस्ट्रार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया।

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Arun tiwari
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Raipur : छत्तीसगढ़ के पांच जिलों के रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार ने मिलकर सरकार को एक करोड़ का चूना लगा दिया। यह खबर द सूत्र ने प्रमुखता से दिखाई थी। द सूत्र की खबर का असर हुआ और सरकार ने तीन सब रजिस्ट्रार को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। इन अधिकारियों ने भ्रष्टाचार का यह खेला भी पूरी प्लानिंग के साथ खेला। कहीं एक जमीन के दो दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री कर दी गई तो कहीं जिस व्यक्ति को स्टांप शुल्क में छूट मिली थी उस जमीन की रजिस्ट्री किसी और के नाम कर दी गई। आंकलन के हिसाब से सरकार को 1 करोड़ 2 लाख रुपए का सीधा नुकसान हुआ।

इन अधिकारियों को किया गया सस्पेंड

सरकार ने रायपुर, धमतरी और पूर्व CM भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र पाटन के उप पंजीयकों को सस्पेंड कर दिया है। जिन सब रजिस्ट्रार को सस्पेंड किया गया है, उन पर आरोप है कि उन्होंने सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया है। विभागीय मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि, ऐसे अफसरों के खिलाफ अभियान चलाकर एक्शन लिया जाएगा। रायपुर की वरिष्ठ उप पंजीयक मंजूषा मिश्रा, धमतरी के उप पंजीयक सुशील देहरी और पाटन की उप पंजीयक शशिकांता पात्रे को निलंबित किया गया है। इन अफसरों ने गलत तरीके के रजिस्ट्री में शुल्क की छूट देकर कुछ लोगों को फायदा पहुंचाया था। वहीं इस भ्रष्टाचार के खेल में शामिल अन्य अधिकारियों को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है।

इस तरह पकड़ में आया खेला

महानिरीक्षक पंजीयन यानी आईजी,रजिस्ट्रेशन और अधीक्षक मुद्रांक यानी सुप्रीटेंडेंट,स्टांप से मिली जानकारी के अनुसार सरकार की स्पेशल विजिलेंस सेल ने रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़ और बेमेतरा जिले के पंजीयन कार्यालयों में  दस्तावेजों की रेंडम जांच की गई। इनमें 18 प्रकरण ऐसे नजर आए जिनमें भारी झोल था। विजिलेंस टीम ने जब इन मामलों की पड़ताल की तो पूरा झोल समझ में आ गया। रजिस्ट्री के इन 18 मामलों में अधिकारियों ने सरकार को  1 करोड़ 2 लाख रूपए का चूना लगा दिया। इस खेला में रजिस्ट्रार के साथ सब रजिस्ट्रार भी शामिल थे। इस खेला को देखकर विजिलेंस के अधिकारी हैरान रह गए।

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इस तरह हुआ खेला

रजिस्ट्र्री के इन प्रकरणों में कम बाजार मूल्य का निर्धारण कर रजिस्ट्री कर दी गई। जिससे सरकार को नुकसान और अधिकारियों को फायदा हो गया।  
1. मुख्य मार्ग से लगी हुई एक ही खसरे की भूमि को दो दस्तावेजों के माध्यम से मुख्य मार्ग और अन्य मार्ग की दर अनुसार अलग-अगल उप पंजीयकों से पंजीयन कराया गया। जिसमें गाइडलाइन के अनुसार मूल्याकंन नहीं किया गया है। 
2. स्टाम्प शुल्क की छूट का प्रमाण पत्र जिस व्यक्ति के नाम से था उसके नाम से दस्तावेज का पंजीयन न किया जाकर अन्य व्यक्ति के नाम से दस्तावेज का पंजीयन किया गया 
3. औद्योगिक संपत्ति का 25 फीसदी अधिक मूल्यांकन नहीं किया गया।  स्टाम्प शुल्क छूट का प्रमाण पत्र बैंक के लोन पर स्टांप शुल्क से छूट का था लेकिन उस प्रमाण का लाभ भूमि क्रय करने के लिए लिया गया। 
4. स्टाम्प शुल्क छूट निजी भूमि की खरीदपर दिया गया है लेकिन औद्योगिक इकाई द्वारा स्टाम्प शुल्क छूट का लाभ भवन, शेड, मशीनरी के लिए लिया गया।

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द सूत्र की एक और खबर का असर

द सूत्र की एक और खबर का असर हुआ है। बिलासपुर जिले की मटियारी प्राथमिक शाला में छात्रा से बर्तन धुलवाने के मामले में भी दो टीचर को सस्पेंड किया गया है। साथ ही बीईओ और प्रिंसिपल को नोटिस जारी किया गया है। यह खबर भी द सूत्र ने प्रमुखता से दिखाई थी।

कलेक्टर बिलासपुर अविनाश शरण ने मटियारी के संकुल शैक्षिक समन्वयक हरनारायण सिंह गौतम, प्राथमिक शाला मटियारी में पदस्थ टीचर शारदा नारवानी और मरियम बरवा को निलंबित करने के साथ ही स्कूल के स्वीपर लक्ष्मीनारायण सूर्यवंशी को सेवा से पृथक कर दिया है। कलेक्टर ने यह कार्रवाई बीते दिनों प्राथमिक शाला मटियारी में स्कूली छात्रा से बर्तन धुलवाने के मामले की शिकायत की  जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर की है।

कलेक्टर ने इस मामले में मटियारी हाई स्कूल के प्रभारी प्राचार्य लक्ष्मी नारायण साहू, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बिल्हा सुनीता ध्रुव एवं विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक  देवी चन्द्राकर को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कलेक्टर ने इस मामले की प्राथमिक जांच के आधार पर मटियारी प्राथमिक शाला में पदस्थ प्रधान पाठक,प्रताप सत्यर्थी एवं शेष पांच शिक्षक  स्नेह लता भारद्वाज, सुपर्णा टेंगवर, रामलाल यादव, सरोज जायसवाल, सोनू यादव को बिल्हा विकासखण्ड से अन्य विकासखण्डों में शिक्षक विहीन अथवा एकल शिक्षकीय शाला में अध्यापन कार्य के लिए पदस्थ करने के निर्देश संयुक्त संचालक लोक शिक्षा बिलासपुर को दिए हैं।

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