रायपुर. छत्तीसगढ़ में अंतिम संस्कार के दौरान धर्म परिवर्तित ईसाई और स्थानीय आदिवासी हिंदू समाज के बीच झगड़े का मामला सामने आ रहा है। बस्तर में धर्मांतरण को लेकर एक बार फिर बवाल हो गया है। दंतेवाड़ा-बीजापुर जिले की सीमा पर कौशलनार में शव दफनाने को लेकर ईसाई समाज के लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटने की घटना सामने आई है।
मूल धर्म में लौट आएं, नहीं तो ऐसे ही हालात बने रहेंगे
ईसाई धर्म मानने वाले लोगों का आरोप है कि आदिवासी हिंदू समाज के करीब 30 लोगों ने उन्हें लाठी-डंडों से पीटा है। उनका कहना है कि समाज में एक व्यक्ति की मौत के बाद आदिवासी समाज के लोग गांव में शव दफनाने नहीं दे रहे थे। वहीं, इस मामले में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी अध्यक्ष राजा राम तोड़ेम का बयान भी सामने आया है। उनका कहना है कि जिन्होंने धर्मांतरण किया है, वे मूल धर्म में लौट आएं, नहीं तो भविष्य में ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी।
ये है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कौशलनार गांव के फूलधर ( मसीह समाज ) का कहना है कि कुछ दिन पहले इसी गांव के 55 वर्षीय सुकालू लेकामी ( मसीह समाज ) की बीमारी के चलते मौत हो गई। इसके बाद परिजन उनका शव दफनाने ले गए थे। इस दौरान यहां गांव के कुछ लोगा वहां पहुंच गए। उन्होंने शव दफनाने नहीं दिया। इस पर मसीह समाज के लोगों ने बाहर गांव के लोगों को बुला लिया।
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इसी बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद इतना अधिक बढ़ गया कि गांव वालों ने बाहर से आए लोगों के साथ मिलकर हमें दौड़ा-दौड़ाकर लाठी-डंडे से पीटा। इसके चलते वे सभी लोग जान बचाने के लिए जंगल की तरफ भाग गए थे। बाद में किसी तरह शव दफन कर दिया गया था। जिन लोगों ने पिटाई की उनके खिलाफ बारसूर थाने में केस दर्ज कराया गया है।
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