छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल चुनाव की मतगणना 13 अक्टूबर से: हाईकोर्ट की निगरानी में होगी वोटों की गिनती

छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल चुनाव की मतगणना 13 अक्टूबर से शुरू होकर 24 अक्टूबर तक चलेगी। स्ट्रांग रूम में मतपेटियां सुरक्षित हैं। 6 साल बाद हो रहे इस चुनाव का महत्व और पूरी प्रक्रिया जानें।

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Sanjay Dhiman
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Cg BAR Election

Photograph: (the sootr)

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छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल चुनाव के लिए मतदान संपन्न होने के बाद, अब सभी की निगाहें मतगणना पर टिकी हैं। मतपेटियां स्टेट बार के दफ्तर में बनाए गए स्ट्रांग रूम में पूरी सुरक्षा के साथ रखी गई हैं। वोटों की गिनती 13 अक्टूबर से शुरू होकर 24 अक्टूबर तक चलेगी, जिसके बाद काउंसिल के नए 25 सदस्यों के नाम की घोषणा की जाएगी।

यह चुनाव प्रदेश के अधिवक्ताओं के लिए एक बड़ा घटनाक्रम है, क्योंकि पिछले छह सालों से स्टेट बार काउंसिल के चुनाव (State Bar Council Election) नहीं हुए थे। 

यह है मतगणना प्रक्रिया का पूरा कार्यक्रम

सोमवार, 6 अक्टूबर को बिलासपुर हाईकोर्ट (High Court) में इस मामले की सुनवाई के दौरान स्टेट बार की तरफ से बताया गया कि चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद, अब मतगणना की तैयारी की जा रही है। बार काउंसिल ने कोर्ट को जानकारी दी कि मतगणना 13 अक्टूबर से शुरू होगी, जिसकी आधिकारिक अधिसूचना 6 अक्टूबर को जारी की जा चुकी है। 

बार काउंसिल चुनाव : 105 प्रत्याशी मैदान में, 23 हजार से अधिक अधिवक्ताओं ने  डाला वोट - The Bharat Times

बॉक्स आइटम 1: मतगणना की तिथियां और स्थान

विवरण (Description)समय और स्थान (Time and Location)
मतगणना प्रारंभ (Counting Starts)13 अक्टूबर, सुबह 10:30 बजे
दीपावली अवकाश (Diwali Break)20 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक
मतगणना पुनः प्रारंभ (Counting Resumes)24 अक्टूबर
मतगणना का स्थान (Counting Venue)हाईकोर्ट परिसर स्थित स्टेट बार काउंसिल कार्यालय

वोटों की गिनती सुबह 10:30 बजे से शाम तक की जाएगी और प्रारंभिक चरण 19 अक्टूबर तक चलेगा। इसके बाद, 20 से 22 अक्टूबर तक दीपावली का अवकाश रहेगा। मतगणना फिर से 24 अक्टूबर से शुरू होगी। 

मतगणना कार्य बिलासपुर हाईकोर्ट परिसर स्थित स्टेट बार काउंसिल कार्यालय में पूरी सावधानी और पारदर्शिता के साथ किया जाएगा, जिसके लिए एक विशेष टीम का गठन किया जा रहा है।  

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छह सालों का इंतज़ार: क्यों रुका था चुनाव?

दरअसल, पिछले छह सालों से छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल (State Bar Council) का चुनाव नहीं हो पाया था। इस लंबी देरी के कारण अधिवक्ताओं के कल्याण से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्य रुके हुए थे। निर्वाचित पदाधिकारियों की अनुपस्थिति में न तो वेलफेयर फंड से संबंधित निर्णय लिए जा रहे थे और न ही संगठनात्मक कार्य सुचारु रूप से चल रहे थे।

इस स्थिति को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (Public Interest Litigation - PIL) दायर की गई थी। याचिका में इस बात पर जोर दिया गया था कि चुनाव न होने से वकीलों के हित प्रभावित हो रहे हैं। 

चुनाव में देरी पर उच्च न्यायालय की कड़ी टिप्पणी 

हाईकोर्ट ने इस मामले पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी। अदालत ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया और स्टेट बार काउंसिल दोनों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि वे चुनाव प्रक्रिया के लिए एक स्पष्ट गाइडलाइन तैयार करके कोर्ट में पेश करें। प्रारंभिक नोटिफिकेशन में चुनाव की अवधि 180 दिन बताई गई थी, लेकिन बाद में इसे घटाकर 45 दिन कर दिया गया, जिस पर अदालत ने सवाल उठाए थे।

स्टेट बार की ओर से अदालत को बताया गया कि चुनाव के बाद मतगणना की प्रक्रिया काफी जटिल और समय लेने वाली है। इसलिए इसे पूरा करने में लगभग एक महीने का समय लग सकता है। हाईकोर्ट ने इस जानकारी को दर्ज करते हुए मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को तय की है।

रिटायर्ड जज रखेंगे काउंटिंग पर नजर

स्टेट बार काउंसिल के 25 सदस्यों के लिए कुल 105 वकील मैदान में थे। चुनाव 30 सितंबर को सुबह 9 बजे से शुरू हुआ और शाम तक चलता रहा, जिसमें प्रदेश भर के वकीलों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सभी जिलों से वोटिंग के बाद मतपेटियों को हाईकोर्ट परिसर स्थित कार्यालय के स्ट्रांग रूम में सुरक्षित लाया गया है।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए एक सुपरवाइजरी कमेटी (Supervisory Committee) का गठन किया है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी और कमेटी

  • सुपरवाइजरी कमेटी के अध्यक्ष: रिटायर्ड जज जस्टिस चंद्रभूषण बाजपेयी। उन्हें इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को सौंपा गया है।

  • मुख्य निर्वाचन अधिकारी: बार काउंसिल के सचिव अमित वर्मा। इनकी निगरानी में अब मतगणना की जाएगी।

इन अधिकारियों की नियुक्ति यह सुनिश्चित करती है कि वोटों की गिनती बिना किसी पक्षपात (Bias) के और नियमों के अनुसार हो।

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स्टेट बार काउंसिल का महत्व

स्टेट बार काउंसिल अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा करने वाली एक शीर्ष संस्था है। इसका मुख्य कार्य वकीलों के लिए नियम बनाना, वेलफेयर फंड का प्रबंधन करना, और कानूनी शिक्षा व पेशे की गुणवत्ता बनाए रखना है। 25 सदस्यों का यह निकाय राज्य के कानूनी परिदृश्य को दिशा देता है।

बॉक्स आइटम 2: स्टेट बार काउंसिल के प्रमुख कार्य

  • अधिवक्ताओं का नामांकन करना।

  • पेशेवर आचरण  के नियमों को लागू करना।

  • वकीलों के वेलफेयर फंड का संचालन।

  • कानूनी सहायता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना।

  • अधिवक्ताओं के लिए विशेषाधिकारों की रक्षा करना।

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