Raipur : छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव मे हुई हार की समीक्षा शुरु हो गई है। रायपुर में हुई बैठक में रायपुर और महासमुंद लोकसभा सीटों की समीक्षा की गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने पूछा कि आखिर अच्छी लीडरशिप होने के बाद भी हम इतनी बुरी तरह से चुनाव क्यों हारे। मोइली ने कहा कि हार के कारणों को तलाशकर पूरी रिपोर्ट हाईकमान को सौंपी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर ही हाईकमान फैसला करेंगे।
वहीं प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने कहा कि संगठन को मजबूत करने के लिए बूथ से प्रदेश तक में बदलाव किया जाएगा। आने वाले समय में निकाय चुनाव हैं इसलिए संगठन को उसके लिए तैयार भी करना है। इस बैठक में मोइली और पायलट के अलावा भूपेश बघेल,दीपक बैज और चरणदास महंत समेत सभी वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
हमें बीजेपी ने नहीं अपनों ने हराया
लोकसभा चुनाव में हार के लिए हुई पहली बैठक में नेताओं ने हार की कई वजहें बताईं। कुछ नेताओं ने साफ कहा कि हमें बीजेपी ने नहीं बल्कि अपनों ने ही हराया है। स्थानीय कार्यकर्ताओं में पिछले पांच साल की सरकार में हुई उनकी उपेक्षा के कारण नाराजगी थी।
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यही कारण रहा कि उन्होंने कांग्रेस के पक्ष में उस तरह से काम नहीं किया जिस तरह से करना चाहिए था। कारण ये भी सामने आया कि बड़े नेता अपने अपने क्षेत्र छोड़कर दूसरे क्षेत्र में उम्मीदवार बन गए। यह दावं भी काम नहीं आया। जातिगत आधार पर उम्मीदवारी से भी कोई फायदा नहीं हुआ। मोइली ने वरिष्ठ नेताओं और उम्मीदवारों से वन टू वन चर्चा भी की।
4 दिन में 3 जगह होगी 11 लोकसभाओं की बैठक
शुक्रवार 28 जून से शुरु हूई यह मैराथन बैठक चार दिनों तक चलेगी सिर्फ बैठकों का स्थान बदलता जाएगा। 29 जून को बिलासपुर में बिलासपुर,जांजगीर चांपा,सरगुजा,रायगढ और कोरबा लोकसभा सीट के नेताओं को बुलाकर मीटिंग की जाएगी। कोरबा सीट कांग्रेस जीती है लेकिन वहां के नेताओं को भी बुलाया जा रहा है। 30 जून को कांकेर में कांकेर और बस्तर की हार पर चर्चा होगी। 1 जुलाई को फिर से रायपुर में राजनांदगांव और दुर्ग की हार की समीक्षा की जाएगी।
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