छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अब एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने विकसित छत्तीसगढ़ का अभियान शुरू कर दिया है। मोदी की गारंटी पूरी करने से लेकर, पॉलिसी मेकिंग और सरकारी योजनाओं की डिलेवरी पर उनकी पैनी नजर है। सीएम के अभियान को मुकम्मल करने का जिम्मा संभाला है सीएम के नव रत्न ने। सीएम के यही नव रत्न सुशासन, ब्रांडिंग और प्रशासन की कमान संभाल रहे हैं। ये सीएम के वे भरोसेमंद अफसर हैं जो उनकी मंशा को पूरी करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते। प्लानिंग से लेकर एग्जीक्यूशन तक ये सीएम के साथ ही रहते हैं। आइए आपको बताते हैं कौन हैं सीएम विष्णु के नव रत्न।
विष्णु के नव रत्न...
पी दयानंद : आईएएस, सीएम के सचिव
विष्णुदेव साय के सीएम बनने के बाद दिसंबर के महीने में नई सरकार ने पहला आदेश जारी करते हुए पी दयानंद को मुख्यमंत्री का सचिव बनाया था। पी.दयानंद निर्वाचन आयोग की मुख्य पदाधिकारी की जिम्मेगारी निभा चुके हैं। उन्हें ये जिम्मा रीना बाबा साहब कंगाले के छुट्टी पर रहने के दौरान मिला था। 2006 बैच के आईएएस पी.दयानंद 2018 में रमन सरकार के दौरान बिलासपुर कलेक्टर भी रह चुके हैं। ये सीएम के सबसे भरोसेमंद अफसर हैं। सीएम का पूरे कामकाज का जिम्मा इनके ही उपर है। इन पर जनसंपर्क और बिजली जैसी अहम जिम्मेदारियां भी हैं।
राहुल भगत : आईपीएस, सीएम के सचिव
छत्तीसगढ़ के 2005 बैच के आइपीएस अधिकारी राहुल भगत को मुख्यमंत्री का सचिव नियुक्त किया गया है। जब साय मोदी सरकार 1.0 में केंद्रीय राज्य मंत्री रहे उस समय राहुल उनके साथ विशेष सचिव रहे हैं। राहुल केंद्र सरकार में श्रम एवं रोजगार विभाग के संचालक भी बनाए गए थे। उन्हें 2016 में प्रतिनियुक्ति पर इस्पात मंत्री रह चुके साय के पर्सनल सेक्रेटरी के रूप में दिल्ली भेजा गया था। वह नारायणपुर, कांकेर, रायगढ़ और कवर्धा के पुलिस अधीक्षक रहने के साथ ही एसटीएफ के एसपी भी रह चुके हैं। भगत को तेज तर्रार अफसर माना जाता है। इनको सुशासन का जिम्मा भी सौंपा गया है।
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बसवराजू एस : आईएएस, सीएम के सचिव
छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारी बसवराजू एस को भी सीएम ने अपना सचिव बनाया है। उन्हें सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण विभाग और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।बसवराजू एस. साल 2007 बैच के अधिकारी हैं। वे मूलत: कर्नाटक के रहने वाले हैं। वे रायपुर के कलेक्टर भी रह चुके हैं। इसके अलावा उच्च शिक्षा, राज्य कौशल अभिकरण का जिम्मा भी संभाल चुके हैं। वे गृह और वन विभाग के विशेष सचिव भी रहे हैं।
अमिताभ जैन : आईएएस, मुख्य सचिव
तेज तर्रार आईएएस अमिताभ जैन छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव हैं। वे 1989 बैच के आईएएस हैं। जब अलग राज्य बना था तो उन्होंने छत्तीसगढ़ कैडर को चुना था। अमिताभ जैन छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के ही रहने वाले हैं। प्रदेश में सुशासन और अफसरों में अनुशासन लाने का जिम्मा भी अमिताभ जैन संभाले हुए हैं। सीएम के निर्देश पर ही उन्होंने अफसरों को समय पर आने, छुट्टी के लिए ऑनलाइन आवेदन देने और एक ही सरकारी गाड़ी रखने जैसे अहम फैसले लागू किए हैं। 11वीं हायर सेकंडरी बोर्ड में वे मप्र के टॉपर रहे हैं। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग और दिल्ली आईआईटी से सिस्टम इंजीनियरिंग की डिग्री भी ली है।
अमरेश मिश्रा : आईपीएस, एसीबी चीफ
अमरेश मिश्रा 2005 बैच के आईपीएस हैं। वे रायपुर रेंज के आईजी के साथ ईओडब्ल्यू और एसीबी के चीफ भी हैं। सीएम विष्णुदेव साय ने ही सेंट्रल डेप्युटेशन पर एनआईए में पोस्टेड अमरेश मिश्रा को छत्तीसगढ़ वापस बुलाया। सीएम ने उनको रायपुर रेंज के आईजी के साथ ईओडब्ल्यू और एसीबी की कमान सौंपने के लिए ही दिल्ली से वापस बुलाया। अमरेश मूलत: बिहार से हैं। वे ब्राह्मण परिवार से आते हैं। उनकी छवि तेज तर्रार अफसर की है। सीएम ने उनको फ्री हैंड दिया हुआ है। एसीबी कई सरकारी मुलाजिमों को भ्रष्टाचार के मामले में रंगे हाथों पकड़ चुकी है।
अमित कुमार : आईपीएस, इंटेलीजेंस चीफ
सीएम ने नई सरकार बनते ही प्रमुख पदों पर अपने सबसे भरोसेमंद अफसरों को तैनात किया। 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी अमित कुमार इंटेलिजेंस के चीफ बनाए गए। वह पहले केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में वह एसपी रह चुके हैं। 2011 से सीबीआई में थे। सीबीआई के जिस विंग में अमित कुमार तैनात थे, वह पीएमओ को रिपोर्ट करती थी। सीएम ने उनको केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस बुलाकर उस पद तैनात किया जहां पर उनके पास अंदर की हर खबर रहती है।
मयंक श्रीवास्तव : आईपीएस, सीपीआर
मयंक श्रीवास्तव 2006 बैच के आईपीएस हैं। वे छत्तीसगढ़ कैडर के ही हैं। सीएम ने उनको जनसपंर्क की अहम जिम्मेदारी सौंपी है। वे इस विभाग के डायरेक्टर भी हैं और कमिश्नर भी। मयंक के पास सरकार की ब्रांडिंग का जिम्मा है। साथ ही उन पर मीडिया मैनेजमेंट की भी जिम्मेदारी है। वे सरकार और मीडिया के बीच समन्वय का काम भी करते हैं। वे बस्तर और नारायणपुर जैसे नक्सल प्रभावित जिलों के एसपी भी रहे हैं। उन्होंने दुर्ग, बिलासपुर और कोरबा में भी एसपी की जिम्मेदारी निभाई है। वे तीन बार राजभवन में एडीसी भी रहे हैं। मयंक मूलत: उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं। मयंक ने सिविल सेवा में आने से पहले इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी। मयंक कला और साहित्य से भी जुड़े हुए हैं।
मुकेश बंसल : आईएएस, सचिव जीएडी
मुकेश बंसल छत्तीसगढ़ कैडर के 2005 के आईएएस अफसर हैं। वे मूलत: पंजाब के रहने वाले हैं। एमबीए करने के बाद बंसल सिविल सेवा में आए। बंसल छत्तीसगढ़ में महत्वपूर्ण पदों पर रहने के बाद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए। बीजेपी सरकार बनने के बाद सीएम ने फरवरी में उनको वापस छत्तीसगढ़ बुला लिया। सरकार ने उनको वित्त के अलावा आईएएस की पदस्थापना करने वाला सामान्य प्रशासन विभाग जैसा अहम विभाग सौंपा है। मुकेश बंसल ने अर्थशास्त्र में भी एमए किया है। वे कई जिले की कलेक्टरी भी संभाल चुके हैं।
कुलदीप शर्मा : आईएएस, एमडी पाठ्य पुस्तक निगम
कुलदीप शर्मा छत्तीसगढ़ कैडर के 2014 बैच के आईएएस है। वे मूलतः उत्तरप्रदेश के रहने वाले है। वर्तमान में वे प्रबंध संचालक, पाठ्य पुस्तक निगम व नियंत्रक, खाद्य एवं औषधी प्रशासन विभाग हैं। कुलदीप पहले पढ़ाई में कमजोर थे जिससे उनको 11वीं एडमिशन के लिए संघर्ष करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने 12वीं में मेहनत की और अच्छे नंबर लेकर आए। लगातार मेहनत से वे यूपीएससी क्रेक करने में कामयाब हुए। उनको पाठ्य पुस्तक निगम की जिम्मेदारी इसलिए दी है ताकि निगम पर लगे भ्रष्टाचार के दाग धुल सकें। ये सीधे बच्चों की पढ़ाई से जुड़ा निगम है।