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New Criminal Laws Implemented :छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में नए आपराधिक कानून “भारतीय न्याय संहिता 2023” के तहत पहली एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर नक्सल संवेदनशील थाना रेंगाखार में दर्ज की गई है।
कबीरधाम में पहली FIR
एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि रात 12.5 मिनट में हमारे पास सूचना आई कि एक ट्रेक्टर के मालिक के साथ कागजात को लेकर लड़ाई झगड़ा और धमकी दी जा रही है। नए कानून के तहत फोन पर सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। सोमवार रात 12.30 बजे आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 296 और 351(2) के तहत एफआईआर दर्ज की है। उन्होंने बताया कि संभवतः प्रदेश में नए कानून के अंतर्गत पहली एफआईआर दर्ज हुई है।
First FIR under New criminal law “ The Bhartiya Nyaya Sangita, 2023 registered at naxal sensitive police station, Rengakhar, Distrct Kabirdham of Chhattisgarh,
— ABHISHEK PALLAVA (@PallavaAbhishek) July 1, 2024
New criminal laws will go long way in ensuring justice with transparency pic.twitter.com/Wctg9pC8is
रायपुर में नए अपराधिक कानून के तहत FIR
रायपुर के थाना मंदिर हसौद में नए अपराधिक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्रार्थी नोहर दास रात्रे की रिपोर्ट पर अनावेदक अमित सिंह राजपूत के विरुद्ध अपराध क्रमांक 495/24 गाली गलौच और जान से मारने की धमकी, धारा 296, 351(2) भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। पहले यह 294, 506 आइपीसी के तहत दर्ज होता था।
क्यों बना नया कानून?
भारत के नए कानून, विशेष रूप से भारतीय न्याय संहिता (BNS), का उद्देश्य देश की न्यायिक प्रणाली को अधिक आधुनिक और प्रगतिशील बनाना है। 160 साल पुराने कानून भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC), और इंडियन एविडेंस एक्ट को प्रतिस्थापित कर ये 3 नए कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS ), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS ) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लाए गए हैं। इनका मुख्य उद्देश्य न्यायिक प्रक्रियाओं में तेजी और पारदर्शिता लाना है, जिससे हर नागरिक को त्वरित और निष्पक्ष न्याय मिल सके।