हाईकोर्ट ने सरकार से किया सवाल- 'छत्तीसगढ़ के स्कूल कितने सुरक्षित'

छत्तीसगढ़ के मुंगेली और बिलासपुर जिलों में सरकारी स्कूलों की लापरवाही पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। जर्जर स्कूल भवन से प्लास्टर गिरने और बच्चों से ट्रांसफॉर्मर लगवाने की घटनाओं पर कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

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Pravesh Shukla
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मुंगेली। जिले में सरकारी स्कूल का प्लास्टर गिरने के अलावा बिलासपुर में स्कूली बच्चों से ट्रांसफॉर्मर लगवाने के मामले को हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। कोर्ट ने कहा कि बच्चों को खतरे में डालना और जर्जर भवनों में पढ़ाना अस्वीकार्य है। इसके लिए राज्य सरकार को तत्काल कदम उठाने होंगे।

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शपथ पत्र पेश करने के आदेश

कोर्ट ने आदेश दिया कि, जिला शिक्षा अधिकारी इन दोनों घटनाओं पर व्यक्तिगत एफिडेविट पेश करें। स्कूल भवनों की स्थिति पर एजुकेशन सेक्रेटरी से 26 अगस्त तक रिपोर्ट भी मांगी है। वहीं, बिलासपुर की घटना पर भी जवाब मांगा है। छत से गिरा प्लास्टर, छात्रों को आई चोट।

बड़ा हादसा टला

जरहागांव के बरदुली गांव  के सरकारी प्राथमिक स्कूल में बीते 9 अगस्त को बड़ा हादसा टल गया। यहां स्कूली बच्चों की क्लास लगी थी। इसी दौरान जर्जर छत से प्लास्टर गिर गया, जिससे तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र हिमांशु दिवाकर और अंशिका दिवाकर को चोटें आई। बताया गया कि स्कूल भवन जर्जर हालत में था, जिसके चलते ये हादसा हुआ।

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जर्जर स्कूल में लगाई जा रही थी क्लास

घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर कुंदन कुमार और जिला पंचायत के सीईओ प्रभाकर पांडेय स्कूल पहुंचे। उन्होंने दोनों ने बच्चों का हालचाल जाना और बेहतर इलाज कराने के निर्देश दिए। जांच में यह बात सामने आई कि स्कूल भवन की हालत बेहद जर्जर थी, इसके बावजूद यहां कक्षाएं चल रही थीं।

जिम्मेदारों को नोटिस जारी

कलेक्टर ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए जिला शिक्षा अधिकारी सीके घृतलहरे, डीएमसी ओपी कौशिक, बीईओ जितेंद्र बाबरे, बीआरसीसी सूर्यकांत उपाध्याय, संकुल समन्वयक शत्रुशान साहू और हेडमास्टर अखिलेश शर्मा को नोटिस जारी किया है।

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मैदान को किया समतल

रायपुर के एक सरकारी स्कूल के मैदान में मलबा डाल दिया गया। वहीं, छात्र खुले मैदान में मलबे के बीच घूमते हैं, जिससे बच्चों को परेशानी हो रही है। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि मैदान से मलबा हटा दिया गया है और मैदान को फिर से समतल बना दिया गया है।

DEO को शपथ पत्र देने के निर्देश

स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने कोर्ट में जो हलफनामा दिया उसमें उन्होंने बताया कि 6 अगस्त को रायपुर के डीईओ ने स्कूल का निरीक्षण किया और मैदान को समतल कर मलबा हटाने के निर्देश दिए। 7 अगस्त की रिपोर्ट के मुताबिक मैदान साफ कर दिया, इसके फोटो भी हाई कोर्ट में पेश किए गए।इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि मैदान पूरी तरह से सेफ बनाने के लिए और कदम उठाने होंगे। कोर्ट ने इसे लेकर रायपुर के डीईओ को नया शपथ पत्र देने के निर्देश दिए हैं।

फौरन उठाने होंगे कदम: हाईकोर्ट

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सिन्हा की डिवीजन बेंच ने इस मामले को संज्ञान में लिया है। साथ ही जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। डिवीजन बेंच ने कहा कि बच्चों को खतरे में डालना और जर्जर भवनों में पढ़ाना स्वीकार नहीं कर सकते। इसके लिए राज्य सरकार को तत्काल कदम उठाने होंगे।

खबर को पांच प्वॉइंट में समझें

1. हाईकोर्ट की सख्ती

छत्तीसगढ़ के मुंगेली और बिलासपुर जिलों के सरकारी स्कूलों में हुई लापरवाही (जर्जर भवन से प्लास्टर गिरना और बच्चों से ट्रांसफॉर्मर लगवाना) को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है और इसे जनहित याचिका मानते हुए सुनवाई शुरू की है।

2. शपथ पत्र और रिपोर्ट की मांग

कोर्ट ने मुंगेली और बिलासपुर के जिला शिक्षा अधिकारियों को व्यक्तिगत हलफनामा (एफिडेविट) देने का आदेश दिया है और शिक्षा सचिव से पूरे राज्य के स्कूल भवनों की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट 26 अगस्त तक मांगी है।

3. घायल बच्चे और प्रशासन की प्रतिक्रिया

मुंगेली जिले के जरहागांव के बरदुली गांव में स्कूल की छत से प्लास्टर गिरने से दो बच्चे घायल हो गए। कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ ने स्कूल जाकर बच्चों का हाल जाना और दोषी अधिकारियों को नोटिस जारी किया।

4. बिलासपुर में ट्रांसफॉर्मर लगाने में बच्चों से काम

बिलासपुर जिले के चनाडोंगरी हाईस्कूल में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने ट्रांसफॉर्मर लगवाने में स्कूली बच्चों से रस्सी खिंचवाने का काम करवाया, जिस पर कोर्ट ने गंभीरता से संज्ञान लिया और संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा।

5. अगली सुनवाई और कार्रवाई

हाईकोर्ट ने रायपुर, मुंगेली और बिलासपुर के DEO से जवाब और कार्रवाई की जानकारी मांगी है। अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी, जिसमें स्कूलों की सुरक्षा और वैकल्पिक व्यवस्था की स्थिति पर रिपोर्ट पेश की जाएगी।

29 अगस्त को अगली सुनवाई

हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि, मुंगेली और बिलासपुर के जिला शिक्षा अधिकारी इन दोनों घटनाओं पर व्यक्तिगत हलफनामा पेश करें। साथ ही शिक्षा सचिव से राज्य के सभी स्कूल भवनों की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा है। कौन से भवन सुरक्षित हैं और किन्हें खतरनाक घोषित कर वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी।

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स्कूली बच्चों से ट्रांसफॉर्मर लगवाने का काम कराया

बिलासपुर के तखतपुर विकासखंड में मौजूद चनाडोंगरी हाईस्कूल में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने खराब ट्रांसफॉर्मर बदलने के दौरान स्कूली बच्चों से रस्सी खींचने का काम कराया था। इस घटना को भी हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।

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