जहर से मौत, रिपोर्ट में सांप का नाम, अब डॉक्टर और वकील पर केस दर्ज

छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में व्यक्ति की मौत जहर खाने से हुई थी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसे सर्प दंश बताया गया। मृतक के परिजनों को तीन लाख रुपये का मुआवजा दिया गया। पुलिस ने वकील, डॉक्टर और मृतक के परिजनों के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया।

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छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक व्यक्ति की मौत जहर खाने से हुई थी, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसे सर्प दंश बताया गया। इसके बाद मृतक के परिजनों को तीन लाख रुपये का मुआवजा दिया गया। मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने वकील, डॉक्टर और मृतक के परिजनों के खिलाफ धोखाधड़ी (धारा 420) के तहत मामला दर्ज किया है।

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घटना का विवरण

मृतक की पहचान एक व्यक्ति के रूप में की गई, जिसने जहर खाकर आत्महत्या की थी। जब पुलिस और डॉक्टरों ने शव का पोस्टमार्टम किया, तो रिपोर्ट में उसे सर्प दंश बताया गया, जबकि असल में उसने आत्महत्या की थी। इसके बाद मृतक के परिजनों ने सर्प दंश के आधार पर मुआवजे की राशि के लिए आवेदन किया और उन्हें तीन लाख रुपये का मुआवजा मिल गया।

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मुआवजा और धोखाधड़ी

जब मामले का खुलासा हुआ और जांच शुरू हुई, तो पुलिस ने पाया कि मृतक के परिजनों और संबंधित डॉक्टर व वकील ने मिलकर सर्प दंश की झूठी रिपोर्ट बनाई थी ताकि मुआवजा प्राप्त किया जा सके। इस धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने वकील, डॉक्टर और मृतक के परिजनों के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत केस दर्ज कर लिया है।

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पुलिस की कार्रवाई

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने यह भी कहा कि इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि कुछ लोग सरकारी मुआवजे के लिए झूठे दस्तावेजों का सहारा लेते हैं, जो समाज के लिए गलत है और कानून के खिलाफ है। पुलिस अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है और अन्य संबंधित व्यक्तियों को भी जिम्मेदार ठहराने की योजना बना रही है।

यह घटना छत्तीसगढ़ में धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को उजागर करती है, जहां लोग सरकारी सहायता प्राप्त करने के लिए गलत तरीके अपनाते हैं। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की शुरुआत कर दी है, और उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले में न्याय होगा।

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FAQ

1. मृतक की मौत कैसे हुई थी और रिपोर्ट में क्या बताया गया?
मृतक की असली मौत जहर खाने से हुई थी, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसे सर्प दंश (सांप के काटने) के कारण हुई मौत बताया गया। यह गलत जानकारी जानबूझकर दी गई ताकि सरकारी मुआवजा प्राप्त किया जा सके।
2. मृतक के परिजनों को कितना मुआवजा मिला और कैसे?
मृतक के परिजनों को झूठी रिपोर्ट के आधार पर ₹3 लाख का मुआवजा मिला। चूंकि छत्तीसगढ़ सरकार सर्प दंश से मौत पर सहायता राशि प्रदान करती है, इसलिए झूठी मेडिकल रिपोर्ट बनवाकर यह मुआवजा हासिल किया गया।
3. पुलिस ने किन लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है?
पुलिस ने इस मामले में एक वकील, एक डॉक्टर और मृतक के परिजनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया है। आगे की जांच जारी है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

 

 

 

 

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