बच्चों को किताबें नहीं मिलीं और मना लिया राज्योत्सव... स्टेटस लगाते ही शिक्षक निलंबित, DEO ने दी ये सफाई

राज्योत्सव की चमक के बीच एक शिक्षक की सच्चाई बोलने की कीमत भारी पड़ गई। धमतरी के शिक्षक ढालूराम साहू ने बच्चों को किताबें नहीं मिलने की शिकायत व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखी, और कुछ ही घंटों में वह सस्पेंड कर दिए गए।

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Harrison Masih
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Dhamtari. छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में राज्योत्सव के दौरान शिक्षा व्यवस्था की खामियों को लेकर वॉट्सएप पर टिप्पणी करना एक शिक्षक को महंगा पड़ गया। कुरूद ब्लॉक के नारी प्राइमरी स्कूल में पदस्थ शिक्षक (एलबी) ढालूराम साहू को जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) अभय कुमार जायसवाल ने निलंबित कर दिया है।

यह कार्रवाई उनके द्वारा सोशल मीडिया पर शासन-प्रशासन और विभागीय नीतियों के खिलाफ की गई टिप्पणी को “अमर्यादित और अनुचित आचरण” बताते हुए की गई है।

शिक्षक का वॉट्सएप स्टेटस बना विवाद का कारण

31 अक्टूबर को राज्योत्सव के अवसर पर ढालूराम साहू ने अपने वॉट्सएप स्टेटस में लिखा था - “बच्चों की शिक्षा व्यवस्था ठप और हम चले राज्य स्थापना दिवस मनाने। क्या हम राज्योत्सव मनाने के लायक हैं‌? जब तक बच्चों को पूरी किताबें नहीं मिल जातीं, तब तक सहायक शिक्षक से लेकर बीईओ-डीईओ, कलेक्टर और माननीय शिक्षा मंत्री का वेतन रोक देना चाहिए।”

उन्होंने आगे यह भी लिखा कि “गांव के नेता गांव का नहीं, सिर्फ पार्टी का विकास चाहते हैं।” यह स्टेटस कुछ ही घंटों में कई व्हाट्सएप ग्रुप्स में वायरल हो गया। इसके बाद शिक्षा विभाग ने इसे शासन-विरोधी टिप्पणी मानते हुए तत्काल निलंबन आदेश जारी कर दिया।

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शिक्षक बोले- 5 महीने बीत गए, बच्चों को अब तक पूरी किताबें नहीं मिलीं

टीचर ढालूराम साहू ने कहा कि शिक्षण सत्र 2025-26 के पांच महीने बीत जाने के बाद भी बच्चों को पूरी किताबें नहीं मिली हैं। “हम फटी-पुरानी किताबों से पढ़ा रहे हैं। बच्चे निराश हैं। राज्य निर्माण के 25 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने से पहले सरकार को यह सोचना चाहिए कि बच्चों के पास पढ़ने के लिए किताबें तक नहीं हैं।” साहू का कहना है कि उनका उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था की सच्चाई उजागर करना था, न कि सरकार की नीतियों की आलोचना करना (Dhamtari teacher suspended)।

डीईओ ने कहा- शासकीय कर्मचारी का यह व्यवहार अनुचित

DEO अभय कुमार जायसवाल ने कहा कि शिक्षक द्वारा की गई टिप्पणी शासन की नीतियों के खिलाफ है। अगर उन्हें किसी मुद्दे पर आपत्ति थी तो वे अपने वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर सकते थे। सोशल मीडिया पर सार्वजनिक टिप्पणी करना अनुशासनहीनता है। एक शासकीय कर्मचारी के लिए यह आचरण स्वीकार्य नहीं है। निलंबन अवधि में ढालूराम साहू को नगरी ब्लॉक के बीईओ कार्यालय में अटैच किया गया है।

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शिक्षक संघ ने जताया विरोध- ‘सत्य बोलने पर सजा मिली’

छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अमित महोबे ने विभागीय कार्रवाई पर नाराजगी जताई है। शिक्षक ढालूराम साहू ने शिक्षा व्यवस्था की वास्तविक स्थिति बताई थी। स्कूलों में किताबों की भारी कमी है। विभाग ने उनका पक्ष सुने बिना उन्हें निलंबित कर दिया, जो पूरी तरह अनुचित है। शिक्षक संघ ने कहा कि यदि इस प्रकार सच्चाई बताने पर कार्रवाई होती रही तो कोई भी शिक्षक आगे अपनी बात नहीं रख पाएगा।

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