छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर उनके गृहनगर गौरेला में तनाव पैदा हो गया है। नगरपालिका ने बिना अनुमति के प्रतिमा स्थापित करने पर ठेकेदार को 24 घंटे के भीतर इसे हटाने का नोटिस जारी किया है।
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गार्डन और बेस निर्माण की थी योजना
नगरपालिका के मुख्य नगरपालिका अधिकारी (सीएमओ) नारायण साहू ने बताया कि विवादित स्थान पर गार्डन और बेस निर्माण की योजना थी, जिसके लिए 2013 में तत्कालीन कोटा विधायक रेणु जोगी ने विधायक निधि से 3 लाख रुपये स्वीकृत किए थे। फरवरी 2024 में इस कार्य को मंजूरी मिली, लेकिन तब किसी प्रतिमा के नाम पर कोई निर्णय नहीं हुआ था।
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मुखर्जी की प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव पारित
नगरपालिका परिषद की बैठक 11 अप्रैल 2025 को हुई। बैठक में सर्वसम्मति से पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद भी ठेकेदार ने अजीत जोगी की प्रतिमा चबूतरे पर स्थापित कर दी। यह प्रतिमा गणेश कंस्ट्रक्शन ने 21 मई 2025 की रात को लगाई गई। अब सीएमओ नारायण साहू ने साफ कहा है कि अगर ठेकेदार ने जोगी की प्रतिमा नहीं हटाई, तो नगरपालिका हटाने का काम करेगी।
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लोग और प्रशासन के बीच तनातनी
विवाद तब और गहरा गया, जब स्थानीय लोगों ने नगरपालिका के इस कदम की निंदा की। लोगों का कहना है कि अजीत जोगी की प्रतिमा स्थल के निर्माण का भूमिपूजन स्वयं नगरपालिका अध्यक्ष मुकेश दुबे ने किया था। इस बीच, ठेकेदार ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। यह विवाद गौरेला में चर्चा का केंद्र बना हुआ है, जहां स्थानीय लोग और प्रशासन के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है।
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