Dussehra 2024: 12 या 13 अक्टूबर, कब है दशहरा? इस मुहूर्त में होगा दहन

Dussehra 2024: रायपुर के डब्ल्यूआरएस कॉलोनी मैदान में भी हर साल की तरह इस साल भी रावण दहन की तैयारी जोरों-शोर से चल रही है। प्रदेश में सबसे ज्यादा ऊंचाई की प्रतिमा का दहन यहां होता है।

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Kanak Durga Jha
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Dussehra 2024 12 or 13 October when Dussehra
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Dussehra Festival 2024: रायपुर के टिकरापारा स्थित छत्तीसगढ़ नगर दशहरा मैदान में विजयदशमी पर भव्य रावण दहन का आयोजन किया जाएगा। छत्तीसगढ़ नगर दशहरा उत्सव समिति के अध्यक्ष देवेंद्र यादव की अध्यक्षता में होटल प्रकाश पैलेस में बैठक आयोजित की गई, जिसमें कार्यक्रम की तैयारियों पर चर्चा की गई। सभी नागरिकों और समिति सदस्यों से सुझाव लिए गए ताकि आयोजन को और भव्य बनाया जा सके।

अध्यक्ष यादव ने बताया कि इस बार का आयोजन पिछले 16 वर्षों की भांति विशेष और आकर्षक होगा, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शकों के पहुंचने की उम्मीद है। इस बार रावण का पुतला 45 फीट ऊंचा होगा, जबकि कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले 30 फीट के होंगे। रावण दहन से पहले शाम 5 बजे से ग्राम सोनपैरी की पुष्पांजलि मानस मंडली द्वारा रामलीला का मंचन किया जाएगा।
रावण दहन के बाद कोलकाता के कलाकार जय तारा स्पेशल इफेक्ट्स द्वारा इलेक्ट्रॉनिक आतिशबाजी की जाएगी, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देगी। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध सांस्कृतिक कार्यक्रम “रंग झरोखा” का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी।

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मिट्टी से बने रावण का दहन

छत्तीसगढ़ के छुईखदान में स्थानीय कुंभकारों द्वारा निर्मित मिट्टी के रावण का पुतला बनाया जाता है। रावण का पुतला बनाने का स्थल आज तक अपरिवर्तित है। ग्राम नवागांव मार्ग पर रावण का पुतला बनाने का कार्य दशहरा पर्व के पूर्व से ही आरंभ हो गया है।
मिट्टी के पुतले का वृहद स्वरूप दशहरा के दिन ही पूर्ण कर लिया जाता है तथा पुतले के संहार तक उसकी सुरक्षा की जाती है। यह परंपरा ढाई सौ वर्षों से चली आ रही है। रावण दहन के पहले मंत्रोच्चार के साथ भगवान राम की पूजा अर्चना के बाद रियासत के राजा प्रमुख द्वारा मिट्टी से बने विशालकाय रावण के पुतले का शिरोछेदन किया जाता है।

ये हैं शुभ मुहूर्त

दशहरा के दिन श्रवण नक्षत्र सुबह 5 बजकर 25 मिनट से शुरू हो रहा है और 13 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगा। इसके अलावा, विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 3 मिनट से 2 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। दशहरे की पूजा विजय मुहूर्त में करना सर्वाधिक शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस मुहूर्त में किया गया दशहरे का पूजन हर कार्य में विजय दिलवाता है।

 

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