छत्तीसगढ़ में शिक्षा का परचम: नक्सल प्रभावित इलाकों के छात्रों ने रचा इतिहास

छत्तीसगढ़ में 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा 2024-25 के नतीजों ने दिखा दिया कि राज्य में शिक्षा अब नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही है। इस बार नक्सल प्रभावित इलाकों के बच्चों ने मुश्किल हालातों के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया और टॉप-10 लिस्ट में अपनी जगह बनाई।

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Harrison Masih
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छत्तीसगढ़ में 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा 2024-25 के नतीजों ने दिखा दिया कि राज्य में शिक्षा अब नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही है। इस बार नक्सल प्रभावित इलाकों के बच्चों ने मुश्किल हालातों के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया और टॉप-10 लिस्ट में अपनी जगह बनाई। 10वीं में 25 और 12वीं में 19 बच्चों ने यह कारनामा किया। खास बात यह है कि प्रयास आवासीय विद्यालय के 13 बच्चों ने मेरिट में जगह बनाकर सबको चौंका दिया। उनकी मेहनत और जुनून ने साबित कर दिया कि अगर दिल में लगन हो, तो कोई भी सपना असंभव नहीं।

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नक्सल क्षेत्र के बच्चे बने प्रेरणा

इन बच्चों ने नक्सल प्रभावित इलाकों की मुश्किलों को पीछे छोड़ते हुए मेहनत और हौसले से बड़ी कामयाबी हासिल की। 10वीं बोर्ड का रिजल्ट 100% रहा, जिसमें 98.35% बच्चे फर्स्ट डिवीजन में पास हुए। ये बच्चे ज्यादातर साधारण परिवारों और नक्सल प्रभावित गांवों से हैं। फिर भी, उन्होंने अपने दम पर यह मुकाम हासिल किया। इन बच्चों का कहना है कि प्रयास विद्यालय के अच्छे माहौल, सख्त अनुशासन और शिक्षकों के मार्गदर्शन ने उनकी जिंदगी बदल दी। अब ये बच्चे बड़े-बड़े सपने देख रहे हैं—कोई IAS बनना चाहता है, कोई डॉक्टर, कोई इंजीनियर, तो कोई CA।

टॉपर्स ने बढ़ाया बस्तर का मान

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि 10वीं बोर्ड में कांकेर के गोंडाहूर स्कूल की बेटी इशिका बाला ने पूरे प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया। इशिका ने कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की, जो बस्तर के लिए गर्व की बात है। वहीं, 12वीं बोर्ड में कांकेर के कोडागांव स्कूल के अखिल सेन ने टॉप किया। मुख्यमंत्री ने कहा, “इन बच्चों ने दिखा दिया कि प्रतिभा को कोई रोक नहीं सकता। उनकी मेहनत और हौसला सबके लिए मिसाल है।” सरकार इन बच्चों को आगे बढ़ने के लिए हर तरह की मदद देगी।

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प्रयास विद्यालय का शानदार प्रदर्शन

प्रयास विद्यालय के बच्चों ने इस बार कमाल कर दिया। मेरिट लिस्ट में सबसे ज्यादा बच्चे रायपुर के प्रयास कन्या विद्यालय, गुढ़ियारी से आए। यहां की पांच बेटियों—खुशबू सेन (8वां स्थान), महक चंद्रवंशी (9वां स्थान), अंजली साहू, नेहा चक्रधारी और काव्या वर्मा (10वां स्थान)—ने शानदार प्रदर्शन किया। इसके अलावा, कांकेर के जतिन नरेटी (5वां स्थान), डेविड गावडे (6वां स्थान), अंबिकापुर की खुशबू बारिक और दिया चौहान (10वां स्थान), दुर्ग के बिट्टू कुशवाहा (9वां स्थान), कोरबा की डिम्पल (10वां स्थान), जशपुर की स्तुति पांडे (8वां स्थान) और बालोद की भूमिका साहू (10वां स्थान) ने भी मेरिट में जगह बनाई। कुल 13 बच्चों ने टॉप-10 में जगह बनाकर अपने स्कूल और प्रदेश का नाम रोशन किया।

इन बच्चों ने बताया कि प्रयास विद्यालय में आने से पहले उन्हें पढ़ाई में इतनी रुचि नहीं थी। लेकिन यहां के अच्छे शिक्षकों, मेहनत के माहौल और प्रोत्साहन ने उन्हें नई दिशा दी।

सरकार का बड़ा कदम

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयास विद्यालय अब छत्तीसगढ़ के सबसे अच्छे स्कूलों में गिने जा रहे हैं। इन स्कूलों में दाखिले के लिए हर साल ज्यादा बच्चे प्री-टेस्ट दे रहे हैं। अभी राज्य में 15 प्रयास विद्यालय चल रहे हैं, और अब राजनांदगांव और बलरामपुर में दो नए स्कूल खुलने जा रहे हैं। इससे कुल 17 प्रयास विद्यालय हो जाएंगे। ये स्कूल मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना का हिस्सा हैं, जो नक्सल क्षेत्र के बच्चों को मुफ्त शिक्षा और बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं।

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बधाइयों का तांता

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सभी टॉपर्स को बधाई दी और उनके माता-पिता व शिक्षकों की तारीफ की। शिक्षा मंत्री रामविचार नेताम, प्रमुख सचिव सोनमणि वोरा और आयुक्त डॉ. साराशं मित्तर ने भी बच्चों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि ये बच्चे भविष्य में और बड़ी कामयाबी हासिल करेंगे।

एक नई शुरुआत

‘कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों’—यह पंक्ति छत्तीसगढ़ के इन बच्चों ने सच कर दिखाई। नक्सल क्षेत्रों से आए इन बच्चों की मेहनत ने न केवल उनके परिवारों का नाम रोशन किया, बल्कि पूरे देश को दिखा दिया कि अगर हौसला हो, तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं। प्रयास विद्यालय और छत्तीसगढ़ सरकार के इन प्रयासों ने बच्चों को नई उड़ान दी है, जो भविष्य में और बड़े सपने पूरे करेंगे।

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