राजनीतिक दल का रजिस्ट्रेशन करवाकर निर्वाचन आयोग की प्रक्रिया में शामिल नहीं होने वाले दलों पर अब निर्वाचन आयोग एक्शन ले रहा है। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ के 9 और देश के 334 राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द कर दिया है।
छत्तीसगढ़ में राजनीतिक दलों की संख्या अब कम
निर्वाचन आयोग के पदाधिकारियों ने यह कदम जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 के प्रावधानों के तहत उठाया गया है। आयोग के इस फैसले के बाद अब छत्तीसगढ़ में राजनीतिक दलों की संख्या कम हो गई है। आपको बता दे, कि प्रदेश में अब तक राजनीतिक दलों की संख्या 55 है। चुनाव आयोग के इस एक्शन के बाद इनकी संख्या 46 हो गई है।
अब जाने क्या है जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951
निर्वाचन आयोग के पदाधिकारियों के अनुसार दलो का राजिस्ट्रेशन निर्वाचन आयोग में जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 के तहत किया जाता है। इस अधिनियम में शर्त रहती है, कि राजनीतिक दल अपना प्रत्याशी नहीं उतारते और छह साल तक वो इसी परंपरा को बरकार रखते है, तो उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाता है।
भारत निर्वाचन आयोग के पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ के राजनीतिक दलों में इस नियम के तहत एक्शन लिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई राजनीतिक परिदृश्य को अधिक पारदर्शी बनाने और सक्रिय दलों को ही मान्यता देने के उद्देश्य से की गई है।
इन दलों पर लिया गया एक्शन
छत्तीसगढ़ एकता पार्टी छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा छत्तीसगढ़ समाजवादी पार्टी छत्तीसगढ़ संयुक्त जातीय पार्टी छत्तीसगढ़ विकास पार्टी पृथ्क बस्तर राज्य पार्टी राष्ट्रीय आदिवासी बहुजन पार्टी राष्ट्रीय मानव एकता कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय समाजवाद पार्टी संविधान मोर्चा
छत्तीसगढ़ के राजनीतिक दलों का रजिस्ट्रेशन रद्द | राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश | Election Commission | Action of Election Commission