सामूहिक हड़ताल पर गए तो छुट्टी तय, बिजली कर्मचारियों के लिए फरमान

छत्तीसगढ़ के बिजली कर्मचारी संघ ने हड़ताल शुरू की। हड़ताल कंपनी प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है। कंपनी ने हड़ताल में शामिल कर्मचारियों को "ब्रेक इन सर्विस" घोषित किया। इसका मतलब उनकी सेवा में ब्रेक माना जाएगा।

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VINAY VERMA
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RAIPUR.छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनियों के कर्मचारी हड़ताल पर गए तो उनकी परमानेंट छुट्टी हो सकती है। छत्तीसगढ़ के बिजली कर्मचारी संघ-महासंघ की हड़ताल भारी पड़ सकती है। पदाधिकारी और सदस्य अपनी मांगों के लिए हड़ताल कर रहे हैं। कंपनी प्रशासन ने हड़ताल में शामिल कर्मचारियों को ब्रेक इन सर्विस घोषित किया। इससे उनकी वेतन में कटौती होगी। उनकी सेवा में ब्रेक माना जाएगा।

HR प्रमुख ने जारी किया आदेश

चीफ इंजीनियर (मानव संसाधन) ट्रांसमिशन ए.एम. परियल द्वारा जारी पत्र में तीनों पावर कंपनियों के विभाग प्रमुखों को सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं। परिपत्र के अनुसार, सामूहिक अवकाश या हड़ताल में भाग लेने वाले कर्मचारियों के अनधिकृत अनुपस्थिति के दिनों का वेतन देय नहीं होगा।

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लिस्टिंग कर जानकारी देने का आदेश

ऐसे कृत्यों को प्रबंधन द्वारा कदाचरण की श्रेणी में रखा जाएगा और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। हड़ताल में शामिल होना या दूसरों को उकसाना दीर्घ दुराचरण माना जाएगा, जिस पर कड़ी सजा हो सकती है। मुख्य अभियंता एएम परियल ने बताया कि विभाग प्रमुखों को हड़ताल में शामिल कर्मचारियों की सूची तैयार कर मानव संसाधन विभाग को तुरंत सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही, कार्य प्रभावित न हो इसके लिए उपलब्ध संसाधनों और कर्मियों से सेवाओं का संचालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।

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नियमितीकरण सहित कई मांग

बता दें बिजली कंपनी में काम कर रहे ठेकाकर्मी और दैनिक वेतनभोगी कर्मचार भी हैं, जो लगातार नियमितीकरण, मानदेय वृध्दि, सहित अन्य सुविधाओ के लिए 2014 से आंदोलन कर रहे। लेकिन इनकी मांग नहीं सुनी जा रही। ऐसे में ये बार बार आंदोलन और सामूहिक हड़ताल करते रहते हैं। लेकिन अब कंपनी ने इन पर लगाम लगाने की तैयारी की है।

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