RAIPUR. केन्द्र के समान चार प्रतिशत महंगाई भत्ता ( dearness allowance) देने समेत चार सूत्रीय मांगों (employee demands ) को लेकर अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव के समय बीजेपी (BJP) ने उनकी मांगों पर मोदी की गारंटी कहकर वोट मांगा था, लेकिन अधिकारियों से किए गए वादे को अब तक पूरा नहीं किया।
कर्मचारियों ने की नारेबाजी, रैली निकाली
शुक्रवार को दोपहर जनपद पंचायत कार्यालय के पास से अधिकारी- कर्मचारियों ने रैली निकाली। महंगाई भत्ता समेत अपनी अन्य मांगों को लेकर कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने प्रशिक्षु डीएसपी विंकेश्वरी पिंदे की टीम ने लोहे की गेट के पास ही रोक लिया। उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया। इस पर नाराज अधिकारी-कर्मचारियों ने वहीं पर जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया।
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बीजेपी ने कर्मचारी मांगों को बताया था मोदी की गारंटी
जिला संयोजक मुकेश पांडेय ने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय बीजेपी (BJP) ने मोदी की गारंटी कहकर कर्मचारियों की मांगों को 100 दिनों के भीतर पूरा करने का वादा किया था, लेकिन साय सरकार ने जो बजट प्रस्तुत किया है, उसमें किसानों और महिलाओं के लिए प्रावधान किया है, लेकिन कर्मचारियों के लिए बजट में कुछ भी नहीं रखा गया। इससे कर्मचारियों में गहरा रोष है।
कर्मचारियों को मिला आश्वासन
उन्होंने कहा कि अपनी मांगों को लेकर वे आंदोलन जारी रखेंगे। उनकी मांगों को गंभीरता से सुनने के बाद नायब तहसीलदार छत्रपाल चन्द्राकर ने मुख्यमंत्री तक पत्र पहुंचाने का आश्वासन दिया। प्रदर्शनकारियों में ममता खालसा, नवीन चन्द्राकर, दयालूराम साहू, खुमान सिंह ठाकुर, एनआर टंडन, महेन्द्र साहू, शिवचन्द्र राजहंस, एनके साहू, बसंत वर्मा, रमशीला साहू, दिनेश कुमार साहू, दीपक ठाकुर, जीवराखन कश्यप, जीवनदास मानिकपुरी, हरिश सिन्हा, प्रदीप सिन्हा, दुर्गाशंकर सान्डेल, संजय चन्द्राकर आदि शामिल थे।
पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग
कर्मचारी नेता चंदूलाल चन्द्राकर, दीपचंद भारती, लक्ष्मण राव मगर, अमित मोहबे ने कहा कि वेतन विसंगति एवं अन्य मुद्दे के लिए गठित पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की। साथ ही सातवें वेतनमान के एरियर्स की अंतिम किश्त का भुगतान जल्द किया जाए। लोस चुनाव के लिए लगने वाले आचार संहिता के पहले मांगों के समाधान के लिए तत्काल आवश्यक कार्रवाई करने की मांग।