Gangrape With 12th Class Student In Surajpur : छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। डबल मर्डर केस के बाद अब गैंगरेप की घटना से सूरजपुर में दहशत का माहौल बना हुआ है। पीड़िता का अस्पताल में इलाज जारी है। वारदात में एक्स क्लासमेट के साथ 5 और आरोपी शामिल थे। जंगल में दुष्कर्म के बाद जमकर पिटाई किए, फिर बेहोश होने पर छात्रा को मृत समझकर आरोपी भाग निकले।
पुलिस ने नहीं लिखी FIR
यह पूरा मामला रामानुजनगर थाने का है। आरोप है कि सूरजपुर पुलिस ने जिले में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कार्यक्रम बताकर FIR नहीं लिखी। इससे छात्रा को 2 दिन इलाज नहीं मिला। पूर्व डिप्टी CM टीएस सिंहदेव ने IG अंकित गर्ग को फोन कर नाराजगी जताई। इसके बाद मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में छात्रा का इलाज शुरू हुआ। बताया जा रहा है कि छात्रा की हालत गंभीर है।
दशहरा कार्यक्रम देखने गई थी छात्रा
जानकारी के मुताबिक, सूरजपुर जिले के श्रीनगर में एक गांव की 12वीं की छात्रा सहेलियों के साथ दशहरा कार्यक्रम में पहुंची थी। दशहरा मैदान में रावण दहन के बाद वह सांस्कृतिक कार्यक्रम देख रहे थे। इस दौरान 9वीं, 10वीं में सहपाठी रहा युवक कांता सिंह मिला। दोनों में बातचीत हुई। इस दौरान छात्रा ने कांता सिंह से पानी मांगा।
कांता ने छात्रा को पानी की बोतल लाकर दी। बताया जा रहा है कि कांता सिंह ने पानी की बोतल में कुछ मिला दिया था। पानी पीने के बाद छात्रा को नींद आने लगी। छात्रा ने सहेलियों से घर चलने को कहा। इस बीच आरोपी कांता ने कहा कि वह उसे घर छोड़ देगा।
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5 लड़कों के साथ मिलकर किया गैंगरेप
रेप पीड़िता के परिजनों ने बताया कि आरोपी उनकी बेटी को बाइक पर बैठाकर गांव के बाहर जंगल तक ले गया। वहां उसके 5 और साथी पहुंच गए। सभी आरोपियों ने छात्रा से गैंगरेप किया। आरोपियों ने छात्रा पर जानलेवा हमला किया। सांस नहीं चलने पर मृत समझकर छात्रा को मौके पर छोड़कर भाग निकले।
परिजनों ने बताया कि छात्रा के घर नहीं लौटने पर उसकी खोजबीन में लगे थे। इसी दौरान रविवार सुबह छात्रा किसी तरह घिसटते हुए जंगल से बाहर आई। दिनभर परिजनों ने उसे घर पर रखा। होश आने पर सोमवार को परिजन ने रामानुजनगर पुलिस को घटना की सूचना दी। रामानुजनगर पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी।
अस्पताल में नहीं हो रहा था इलाज
परिजनों ने बताया कि छात्रा को लेकर श्रीगनर और उसके बाद सूरजपुर हॉस्पिटल पहुंचे। पुलिस रिपोर्ट नहीं होने के कारण अस्पतालों में उसका इलाज नहीं हुआ। इसके बाद परिजन मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर छात्रा को लेकर पहुंचे। यहां छात्रा को गंभीर चोट के बाद भी बिना MLC (मेडिको लीगल केस) इलाज नहीं हुआ।
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