सरकार के 9 महीनों में ही बीजेपी के अंदर शुरु हुए धमाके, सांसद-विधायक ही फोड़ रहे लेटर बम

छत्तीसगढ़ में विष्णु सरकार के बने हुए 9 महीने ही हुए हैं और बीजेपी के अंदर घमासान शुरु हो गया है। अपने ही नेता सरकार के फैसलों का विरोध कर रहे हैं।

Advertisment
author-image
Arun tiwari
New Update
Explosions started within BJP within 9 months of government
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ में विष्णु सरकार के बने हुए 9 महीने ही हुए हैं और बीजेपी के अंदर घमासान शुरु हो गया है। अपने ही नेता सरकार के फैसलों का विरोध कर रहे हैं। हालांकि विरोध का ये लेटर बम पार्टी के अंदर ही फूट रहा है। लेकिन सियासत में अंदर की खबरें बाहर आना कोई बड़ी और नई बात नहीं है।

पिछले कुछ दिनों में दो सांसद और तीन विधायक सीएम के फैसलों पर विरोध जता चुके हैं। एक ने अपनी चिट्ठी में मोदी की गारंटी पर सवाल उठा दिए तो दूसरे ने कीमतों में वृद्धि पर विरोध जता दिया। वहीं विधायकों ने कुछ पुलिस कांस्टेबलों की पोस्टिंग पर अपनी नाराजगी जताई। वहीं बढ़ते अपराध का मुद्दा सिर्फ कांग्रेस ही नहीं उठा रही बीजेपी के विधायक भी चिट्ठी लिखकर लोगों की सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं। 

इस तरह चला लेटर बम के धमाकों का सिलसिला



विष्णु सरकार को 9 महीने पूरे हो गए हैं। यानी सरकार अब गर्भ से बाहर आ गई है। सरकार के कामकाज का आंकलन शुरु हो गया है। इन 9 महीनों में सरकार को सबसे ज्यादा दिक्कत अपनों से हो रही है। पार्टी के सीनियर सांसद और विधायक सरकार के फैसलों पर विरोध जता रहे हैं। कुछ बैठक में तो कुछ चिट्ठी पत्री के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। यानी कुल मिलाकर सरकार अपनों के ही निशाने पर आ गई है। 

 

उदाहरण नंबर 1 : सीमेंट कंपनियों पर लगाम लगाएं सीएम



बीजेपी के सांसद, आठ बार के विधायक और दशकों मंत्री रहे बृजमोहन अग्रवाल ने 6 सितंबर को सीएम को एक चिट्ठी लिखी। अग्रवाल ने सीमेंट की कीमतों में हुई 50 रुपए प्रति बोरी की वृद्धि पर नाराजगी जताई। अग्रवाल ने अपने पत्र में लिखा कि सीमेंट कंपनियों ने आपस में सांठ गांठ कर कीमतों में इजाफा कर दिया है। सीमेंट कंपनियों का रवैया जनता को लूटने का हो गया है। सरकार सीमेंट कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए और इन बढ़ी हुई कीमतों को वापस लिया जाए। इससे गरीबों के मकान का सपना टूट जाएगा।

 

उदाहरण नंबर 2 : मोदी की गारंटी पूरी करे सरकार



बीजेपी सांसद विजय बघेल ने 5 सितंबर को सीएम को पत्र लिखा। इस पत्र में कहा गया कि बीजेपी के मेनीफेस्टो में यह कहा गया था कि कर्मचारियों को केंद्र के बराबर डीए, लंबित महंगाई भत्ते का भुगतान और समयमान वेतनमान दिया जाएगा। इस मेनीफेस्टो को मोदी की गारंटी बताया गया था। कर्मचारियों ने इसे मोदी की गारंटी मानकर हमे समर्थन दिया। प्रदेश में मोदी की गारंटी लागू भी है लेकिन शासन स्तर पर इस मामले में विचार नहीं किया जा रहा। इससे कर्मचारियों में नाराजगी है। यह बेहद चिंताजनक और दुख का विषय है। 

उदाहरण नंबर 3 : अपराधियों पर अंकुश लगाना जरुरी



बीजेपी विधायक पुरंदर मिश्रा ने सरकार को चिट्ठी लिखकर शहर में बढ़ रही आपराधिक गतिविधियों पर ध्यान दिलाया। मिश्रा ने डिप्टी सीएम अरुण साव को चिट्ठी लिखी। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए शहर के प्रमुख बाजारों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। ताकि अपराधियों पर नियंत्रण किया जा सके। 

उदाहरण नंबर 4 : आरोपियों पर क्यों बरत रहे मेहरबानी



छत्तीसगढ़ पुलिस के हेड कांस्टेबल संदीप दीक्षित और राधाकांत पांडेय। पुरानी सरकार में महादेव सट्टा एप मामले में सस्पेक्टेड होने के बाद भी नई सरकार इन पर मेहरबान रही। इन दोनों का थाने से क्राइम ब्रांच में तबादला कर दिया गया। रायपुर में बिगड़ती कानून व्यवस्था को देखते हुए गृह मंत्री विजय शर्मा ने मंत्रालय में रायपुर के सभी विधायकों और पुलिस अफसरों की संयुक्त बैठक ली।  मीटिंग में गृह मंत्री के सामने पार्टी विधायक रायपुर आईजी और एसपी पर बिफर पड़े।

इन विधायकों ने खुलकर विरोध जताते हुए कहा कि महादेव एप में आरोपी दो सिपाहियों को कैसे क्राईम ब्रांच में पदस्थ किया गया। इन विधायकों की नाराजगी के बाद हेड कांस्टेबल संदीप दीक्षित और राधाकांत पांडेय का तबादला थाने में कर दिया गया।मामले की जानकारी मिली तो बीजेपी विधायक फिर नाराज हो गए। इन विधायकों ने फिर गृह मंत्री से कहा कि ये क्या मजाक है, बोलने के बाद भी सिपाहियों पर पुलिस अफसर क्यों मेहरबान हैं। इन विधायकों की नाराजगी के बाद सरकार ने तीसरा तबादला आदेश जारी किया है। अब इन दोनों सिपाहियों को पुलिस लाइन भेज दिया गया है।

उदाहरण नंबर 5 : बेखौफ चल रहा नशे का कारोबार



यह तो थे माननीयों की सरकार के प्रति नाराजगी या यूं कहें कि सरकार के फैसलों से नाखुशी के उदाहरण। अब हम आपको बताते हैं कि आम जनता भी किस तरह मंत्रियों का रास्ता रोककर शहर में बढ़ रहे नशे के कारोबार की शिकायत कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का रास्ता रोककर एक बुजुर्ग महिला ने कहा कि उनके आस पास नशे का खुलेआम कारोबार चल रहा है और उनके बच्चे इसमें फंस रहे हैं। 

कांग्रेस का सरकार पर हमला



सरकार के अंदर उबल रहे इस गुस्से ने कांग्रेस को अपने विरोध पर मुहर लगाने का मौका दे दिया है। कांग्रेस सीमेंट की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ आंदोलन करने जा रही है तो मोदी की गारंटी पर खुलकर सवाल उठाने लगी है। अपराध के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ कांग्रेस पहले से ही मुखर है। 

 

बैकफुट पर सरकार

 

सरकार इस मामले में बैकफुट पर है। उसके पास इन पत्रों के सवालों का कोई स्पष्ट जवाब नहीं है। सीएम कहते हैं कि कांग्रेस का काम ही विरोध करना है। सरकार के मंत्री बस यह कहते हैं कि मोदी की गारंटी पूरी की जा रही हैं। कितनी गारंटी तो लागू भी हो चुकी हैं। रही बात अपराध की तो गृहमंत्री दावा करते हैं कि पहले से अपराध कम हुए हैं। 

कुल मिलाकर सीएम को सौम्य और सरल की छवि से बाहर निकलकर कठोर सीएम की छवि बनानी पड़ेगी। सीएम को लोकप्रिय योजनाएं लागू करने के साथ ही कुछ सख्त फैसले भी करने पड़ेंगे। सीएम के लिए ये ताज कांटों भरा है जो आगे मुश्किलें पैदा कर सकता है।

The Sootr Links

छत्तीसगढ़ की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

मध्य प्रदेश की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

देश दुनिया की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए यहां क्लिक करें

chhattisgarh cm vishnu deo sai chhattisgarh BJP Govt Chhattisgarh BJP विष्णु सरकार बीजेपी bjp party छत्तीसगढ़ की विष्णु सरकार cg bjp govt chhattisgarh BJP governemnt Chhattisgarh Govt chhattisgarh BJP Government CM Vishnu Deo Sai