Fake drug inspector arrested in Durg district : फर्जी ड्रग इंस्पेक्टर बनकर दवा दुकानदारों से वसूली करने वाले युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस की गिरफ्त में आए ये सभी आरोपी सैंपलिंग के बहाने दुकानदारों को धमकाते थे। दुकानदारों को कार्रवाई का भय दिखाकर उनसे वसूलती करते थे।
कलेक्टोरेट में मिलने के लिए बुलाया
दुर्ग के धमधा थाना प्रभारी पीडी चंद्रा के अनुसार धमधा के रहने वाले रघुनंदन प्रसाद वर्मा ने एक शिकायत दर्ज कराई थी। वर्मा के अनुसार उनके बेटे दिलेंद्र कुमार वर्मा ने तीन साल पहले लाइसेंस लेकर घर में एक मेडिकल स्टोर खोला है।
गुरुवार दोपहर दिलेंद्र पास के ही सिलपट्टी गांव में एक कार्यक्रम में शामिल होने गया था। इसी दौरान दुकान पर मौजूद लड़के को एक कॉल आया। कॉल करने वाला खुद को ड्रग इंस्पेक्टर बता रहा था। उसने बिना लाइसेंस के दुकान चलाने का आरोप लगाया और कार्रवाई की धमकी दी। कॉल करने वाले ने दिलेंद्र को खैरागढ़ कलेक्टोरेट में मिलने के लिए बुलाया।
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स्कॉर्पियो- सीजी 17 केएच 8580 से चलते थे
रघुनंदन प्रसाद को उनकी बहू ने बताया कि एक स्कॉर्पियो ( सीजी 17 केएच 8580 ) में पांच लोग दुकान पर आए थे। ये लोग खुद को ड्रग इंस्पेक्टर बता रहे थे। ये लोग दुकान में घुसे और बिना लाइसेंस दुकान चलाने पर जेल भेजने की धमकी दे रहे थे। ये लोग जाते समय दवाओं को कुछ सैंपल भी साथ ले गए। इसके बाद जब शाम को जब वे घर पहुंचे तो खैरझिटी गांव के रहने वाले वैद्यराज जोहन लाल वर्मा से उनकी मुलाकात हुई।
वैद्यराज को भी बनाया निशाना
वैद्यराज ने उन्हें बताया कि स्कार्पियों में सवार होकर 5 लोग आए थे उनकी दुकान पर। ये लोग खुद को ड्रग इंस्पेक्टर बता रहे थे। ये लोग आयुर्वेदिक दवाओं के दो डिब्बे अपने साथ ले गए। रघुनंदन प्रसाद की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की।
पड़ताल के बाद पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान पंडरिया कवर्धा के रहने वाले मनीष जंघेल, भूषण वर्मा, तारन वर्मा, टाकेश्वर जंघेल, अतेनमणी अंचित के रूप में हुई है।
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