देश के अलग-अलग हिस्सों में सक्रिय साइबर ठग अब छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कारोबारियों को निशाना बना रहे हैं। इन ठगों ने नया तरीका अपनाते हुए व्यापारियों के जीएसटी नंबर, मोबाइल नंबर और दुकान के पते का इस्तेमाल कर फर्जी वेबसाइटें तैयार करनी शुरू कर दी हैं। इन वेबसाइटों के जरिए सस्ते दामों पर सामान बेचने का झांसा दिया जाता है, जिससे लोग एडवांस भुगतान कर ठगी का शिकार हो रहे हैं।
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फर्जी वेबसाइट पर 60% तक छूट का झांसा
ठग गैंग विभिन्न खरीद-बिक्री प्लेटफॉर्म्स पर कारोबारियों के नाम से बनी फर्जी साइट्स पर इलेक्ट्रॉनिक्स, लैपटॉप, मोबाइल जैसे सामानों पर भारी छूट के ऑफर डालते हैं। ग्राहक जब इस लालच में आकर एडवांस पेमेंट करते हैं, तो उन्हें न तो सामान मिलता है, न ही बाद में किसी से संपर्क हो पाता है।
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कारोबारी को तब खबर लगती है जब पीड़ित ग्राहक फोन करते हैं
डूमरतराई थोक बाजार के कारोबारी चेतन्य ठक्कर के पास 25 अप्रैल को एक ग्राहक का फोन आया, जिसने कहा कि उसने ऑनलाइन लैपटॉप ऑर्डर किया था और ₹20,000 एडवांस पेमेंट भी किया है। चेतन्य हैरान रह गए, क्योंकि वे लैपटॉप का कारोबार करते ही नहीं हैं। इसके बाद उनके पास ऐसे कई कॉल आने लगे।
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आधार-पैन कार्ड से हैदराबाद में फर्जी कंपनी का रजिस्ट्रेशन
एक अन्य मामला ट्रांसपोर्ट कारोबारी अंकित बांगर के साथ हुआ। जब वे आयकर रिटर्न भरने गए, तब पता चला कि उनके पैन और आधार कार्ड का इस्तेमाल कर हैदराबाद में किसी ने कंपनी रजिस्टर कर ली है और जीएसटी नंबर भी ले लिया है। इसी तरह की जालसाजी डॉ. दीपक जायसवाल के साथ भी हुई।
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