RAIPUR. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। ये शिकायत महादेव एप मामले में अपराध EOW/ACB में दर्ज की गई है। ईओडब्ल्यू ने IPC के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश विश्वासघात और जालसाजी सहित कुल 7 धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है। आज शाम पूर्व सीएम भूपेश बघेल प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
भूपेश सहित 21 अन्य के खिलाफ FIR
महादेव सट्टा एप मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल घिरते नजर आ रहे हैं। ऐन चुनाव के पहले ईओडब्ल्यू ने भूपेश बघेल समेत 21 अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। यह FIR 4 मार्च को दर्ज की गई थी, लेकिन इसका खुलासा अब हुआ है। ईओडब्ल्यू ने ईडी के दिये आवेदन पर एफआईआर दर्ज किया है। इससे पहले ईडी ने महादेव सट्टा एप मामले में कोर्ट में दिए अपने पूरक चालान में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम का जिक्र किया था।
सिंडिकेट बनाकर महादेव एप के जरिए सट्टे का खेल
राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने ईडी के प्रतिवेदन पर महादेव बुक सट्टा एप के प्रमोटर्स सहित कारोबारियों और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अपनी प्राथमिकी में साजिश, जालसाजी और भ्रष्टाचार का प्रकरण दर्ज किया गया है। इसमें बताया गया कि सिंडिकेट बनाकर महादेव एप के जरिए सट्टे का खेल खिलाया जा रहा था। महादेव बुक एप के प्रमोटर्स द्वारा ऑनलाइन सट्टा से प्राप्त अवैध राशि से ऑनलाइन सट्टा के प्रमोशन के लिये सट्टेबाजी वेबसाइटों का विज्ञापन हेतु भारी मात्रा में नगद रकम खर्च की गई। इस हेतु वार्षिक स्टार स्टडे कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते थे, जिनमें शामिल मशहूर हस्तियों को सट्टेबाजी से प्राप्त अवैध राशि से भुगतान किया जाता था।
क्रिप्टो करेंसी में भी निवेश किया गया
महादेव बुक एप के प्रमोटर्स द्वारा ऑनलाइन बैटिंग से प्राप्त अवैध राशि को भारी मात्रा में कई कंपनियों, शैल कंपनियों एवं शेयर मार्केट में निवेश किया गया है। इसी तरह इन प्रमोटर्स के द्वारा क्रिप्टो करेंसी में भी निवेश किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा महादेव ऑनलाईन बुक के साथ जुड़े हरीशंकर तिबरेवाल के द्वारा इसी तरह का स्काई एक्सचेंज नामक बेटिंग प्लेटफार्म चलाया जा रहा था, जिसके पास से अवैध कमाई द्वारा अर्जित लगभग 580 करोड़ रू की संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अटैच की गयी है।
प्रोटेक्शन मनी के रूप में अवैध संपत्ति अर्जित की
महादेव बुक एप के प्रमोटर्स द्वारा ऑनलाईन चैटिंग एप के इस आपराधिक कृत्य के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही को रोकने के लिए विभिन्न पुलिस व प्रशासनिक अधिकारीगण तथा प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों का संरक्षण प्राप्त किया गया, जिसके एवज में उन्हें नियमित तौर पर प्रोटेक्शन मनी के रूप में भारी राशि दी गई। उक्त अवैध राशि की व्यवस्था एवं वितरण हेतु हवाला ऑपरेटरों का इस्तेमाल किया गया साथ ही पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को अवैध प्रोटेक्शन मनी वितरण हेतु पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों का भी उपयोग किया गया। विभिन्न पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी एवं प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए प्रोटेक्शन मनी के रूप में अवैध आर्थिक लाभ प्राप्त करते हुए अवैध संपत्ति अर्जित की गई है। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कई अचल संपत्तियों का प्रोविजनल अटैचमेंट किया गया है।