अरुण तिवारी, RAIPUR. छत्तीसगढ़ की सभी लोकसभा सीटों पर मतदान हो गया है। यहां पर 11 लोकसभा सीटें हैं, जिन पर तीन चरणों में वोटिंग हुई है। रायपुर से बीजेपी ने वरिष्ठ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ( Brijmohan Agarwal ) को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी यह मानकर चल रही है कि रायपुर का रिजल्ट सिर्फ औपचारिकता है क्योंकि बात यहां जीत की नहीं लीड की है। वोटिंग होते ही बृजमोहन के मंत्री पद पर वरिष्ठ नेताओं की नजर लग गई है। राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा गर्म है कि लोकसभा चुनाव संपन्न् होने के बाद विष्णु कैबिनेट का विस्तार होना है। सूत्रों की मानें तो छत्तीसगढ़ आए अमित शाह यह संकेत देकर गए हैं कि चुनाव के बाद परफॉर्मेंस के आधार पर मंत्रिमंडल में बदलाव संभव है।
बृजमोहन की कुर्सी पर इनकी नजर
बृजमोहन अग्रवाल यदि चुनाव जीतते हैं तो उनको विधायकी और मंत्री पद छोड़ना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने उनको योजना अनुसार ही उम्मीदवार बनाया है। नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर बृजमोहन को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। बृजमोहन के पास राज्य में संसदीय कार्य, स्कूल शिक्षा,उच्च शिक्षा, पर्यटन,संस्कृति और धर्मस्व जैसे बड़े और अहम विभाग हैं। बृजमोहन की कुर्सी पर अब वरिष्ठ विधायकों और पूर्व मंत्रियों की नजर है। जो मंत्रीपद की रेस में शामिल हैं, उनमें राजेश मूणत, अजय चंद्राकर, अमर अग्रवाल, रेणुका सिंह और लता उसेंडी का नाम शामिल है। लता उसेंडी और रेणुका सिंह में से किसी एक महिला को मंत्री बनाया जा सकता है। रेणुका सिंह सीएम पद की दावेदार भी रही हैं, लेकिन उनकी जगह विष्णुदेव साय को सीएम बना दिया गया। ऐसा माना जा रहा है कि रेणुका सिंह को मंत्री बनाकर केंद्रीय नेतृत्व उनको खुश कर सकता है।
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क्या है कैबिनेट का समीकरण
छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटें हैं। इस हिसाब से मंत्रिमंडल में सीएम और मंत्रियों समेत कुल 14 सदस्य हो सकते है। अभी सीएम विष्णुदेव साय की कैबिनेट में 12 मंत्री शामिल हैं। यानी एक मंत्री और बनाने की गुंजाइश है। वहीं बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद कैबिनेट में दो सदस्य शामिल किए जा सकते हैं। इन दो पदों पर ही पांच वरिष्ठ नेता दावेदार हैं। ऐसा माना जा रहा है कि एक पद पर वरिष्ठ नेता और एक पद पर किसी नए विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है। इनमें से एक पद महिला विधायक को भी दिया जा सकता है।
अमित शाह की प्लानिंग पर काम
सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल में फेरबदल का संकेत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दे चुके हैं। लोकसभा के रिजल्ट में मंत्रियों का परफॉर्मेंस और विधायकों की सक्रियता भी देखी जाएगी। जो मंत्री निष्क्रिय रहे हैं या उनकी विधानसभा सीट पर कमजोर रिजल्ट आता है तो उनको बदला जा सकता है। वहीं जो विधायक बहुत सक्रिय रहे हैं, जिसका असर लोकसभा के नतीजों में नजर आता है तो उनको मंत्री पद मिल सकता है। मतदान संपन्न होने के बाद राज्य के मंत्रियों की धड़कनें बढ़ गई हैं। उपमुख्यमंत्री अरुण साव भी चुनाव के बाद मंत्रिमंडल विस्तार का संकेत दे चुके हैं।